Summary: कैसे पड़ा भारत की सबसे लंबी ट्रेन का नाम 'वासुकी', 1 घंटे में पार होती है पूरी ट्रेन
भारत की सबसे लंबी ट्रेन का नाम वासुकी है, जिसे 2022 में आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के अवसर पर लॉन्च किया गया था।
Vasuki Train: भारत में वंदे भारत और राजधानी जैसी तेज़ ट्रेनों को आपने देखा और शायद सफर भी किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे लंबी ट्रेन कौन सी है? इस ट्रेन का नाम है सुपर वासुकी। यह कोई आम ट्रेन नहीं, बल्कि एक मालगाड़ी है, जिसे खास तौर पर काम करने के लिए तैयार किया गया है। इसकी लंबाई इतनी ज़्यादा है कि यह देश की सबसे लंबी ट्रेन बन चुकी है। न सिर्फ इसकी लंबाई, बल्कि इसमें कई ऐसी खासियतें हैं जो अब तक किसी अन्य ट्रेन में नहीं देखी गई हैं। भले ही यह ट्रेन एक मालगाड़ी है, लेकिन इसकी क्षमताएं किसी एक्सप्रेस ट्रेन से कम नहीं हैं। चलिए जानते हैं इसकी खासियतों और नाम रखने की वजह के बारे में।
भारत की सबसे लंबी ट्रेन वासुकी की खासियत

सुपर वासुकी की कुल लंबाई लगभग 3.5 किलोमीटर है। इसमें 295 डिब्बे होते हैं और इसे 6 इंजन खींचते हैं। इसकी एक खासियत यह भी है कि जब यह किसी रेलवे स्टेशन से गुजरती है, तो इसे पूरा पार करने में लगभग 4 मिनट लगते हैं। अगर कोई इंसान इसके एक सिरे से दूसरे सिरे तक पैदल चले, तो उसे करीब 1 घंटे का समय लगेगा।
भारत की सबसे लंबी ट्रेन वासुकी का नाम कैसा पड़ा
‘वासुकी’ नाम हिंदू धर्म की पुरानी कहानियों से लिया गया है, जहां वासुकी एक बहुत बड़े और ताकतवर नागराज थे जो भगवान शिव के भक्त थे। समुद्र मंथन के समय देवताओं और असुरों ने वासुकी को रस्सी की तरह इस्तेमाल किया था। इस नाम का मतलब होता है धैर्य, ताकत और विशालता, जो इस ट्रेन की लंबाई, भारी सामान ढोने की क्षमता और मजबूती को रिप्रेजेंट करता है।
क्यों बनाई गई यह ट्रेन?
इस ट्रेन को थर्मल पावर प्लांट्स तक कोयले की सप्लाई पहुंचाने के लिए बनाया गया है। यह एक बार में 27,000 टन कोयला ले जा सकती है, जो कि 3000 मेगावॉट के पावर प्लांट को एक दिन तक बिजली देने के लिए काफी है। इसकी माल ढोने की क्षमता एक सामान्य मालगाड़ी से तीन गुना ज़्यादा है। ये कई सारे काम को एक बार में ही निपटाने की ताकत रखती है।
भारत की सबसे लंबी ट्रेन वासुकी कहां चलती है ?

सुपर वासुकी छत्तीसगढ़ के कोरबा से शुरू होकर महाराष्ट्र के राजनंदगांव तक चलती है। यह कुल 267 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इस सफर को पूरा करने में लगभग 11 घंटे 20 मिनट का समय लेती है। इसे बनाने के लिए पांच मालगाड़ियों को जोड़ा गया है, जिससे यह एक बड़ी और शक्तिशाली ट्रेन बनी है।
आज़ादी के 75 साल पर लॉन्च
इस बड़ी ट्रेन की शुरुआत 15 अगस्त 2022 को आज़ादी के अमृत महोत्सव के मौके पर की गई थी। यह ट्रेन भारतीय रेलवे की तकनीकी ताकत और तरक्की का अच्छा उदाहरण है। सुपर वासुकी सिर्फ लंबी ही नहीं, बल्कि एक तरह का इंजीनियरिंग का कमाल भी है, जो देश की ज़रूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर रही है।
