एक नहीं कई तरह की हो सकती है मिट्टी, हमारे देश में पाई जाने वाली मिट्टियों के प्रकार के बारे में जानें: Types of Soil in India
Types of Soil in India

एक नहीं कई तरह की हो सकती है मिट्टी, हमारे देश में पाई जाने वाली मिट्टियों के प्रकार के बारे में जानें

मिट्टी हर जीव की लाइफ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके कई प्रकार हैं और उनकी अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। जानिए इस बारे में विस्तार से।

Types of soil in India: मिट्टी लूज सरफेस मटेरियल को कहा जाता है, जो अधिकतर जमीन को कवर करता है। इनमें इंऑर्गेनिक पार्टिकल और आर्गेनिक मैटर आदि शामिल होते है। मनुष्य और अन्य जीवों के लिए मिट्टी बहुत महत्वपूर्ण है। मिट्टी में अधिकतर मिनरल पार्टिकल्स, आर्गेनिक मैटर के पोरशंस, सॉइल वाटर, लिविंग ऑर्गनिज्म आदि पाए जाते हैं। मिट्टी के निर्माण को प्रभावित करने वाले प्रमुख फैक्टर्स पैरेंट मटेरियल, जलवायु, लाइफ फॉर्म्स और समय हैं। मिट्टी भी कई प्रकार की होती हैं। आज हम भारत में पाई जाने वाली मिट्टियों के बारे में बात करने वाले हैं। आइए जानें भारत में मिट्टी के प्रकारों के बारे में।

जलोढ़ मिट्टी

types of soil
Alluvial soil

भारत में यह मिट्टी लगभग 143 स्क्वायर किलोमीटर्स के एरिया को कवर करती है। यह मिट्टी उत्तर के समतल भाग और रिवर वैली में पाई जाती है। इसके अलावा अन्य भागों में भी यह मिट्टी मिलती है। इस मिट्टी में इसमें ह्यूमस, चूना और कार्बनिक पदार्थ मौजूद होते हैं। यही नहीं, यह मिट्टी बहुत उपजाऊ भी होती है।

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लाल मिट्टी

लाल मिट्टी आमतौर पर कम रेनफॉल वाली जगहों में पाई जाती है। इस मिट्टी को ओमनीबस ग्रुप भी कहा जाता है। लाल मिट्टी भुरभुरी होती है। फेरिक ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण इसका रंग लाल होता है। लेकिन, इसकी निचली परत पीली या रेडिश येलो होती है। गेहूं, कॉटन, दालें, तम्बाकू, आयलसीड्स, आलू और अन्य फसलें लाल मिट्टी में उगाई जाती हैं।

काली मिट्टी

काली मिट्टी को रेगुर सॉइल भी कहा आता है। रेगुर का अर्थ होता है कॉटन और इस मिट्टी को कॉटन के प्रोडक्शन के लिए बेहतरीन माना गया है। दक्कन का अधिकतर हिस्सा काली मिट्टी से ढका हुआ है। इस मिट्टी में वाटर रिटेंशन की बहुत अधिक क्षमता होती है। काली मिट्टी का रंग गहरे काले से लेकर हल्के काले तक हो सकती है और यह लोहा, चूना, कैल्शियम, पोटेशियम, एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम से भरपूर होती है।

Black soil
Black soil

शुष्क एवं रेगिस्तानी मिट्टी

यह मिट्टी शुष्क यानि ड्राई या सेमि शुष्क वातवरण में पाई जाती है। यह मिट्टी मुख्य रूप से विंड एक्टिविटी के परिणामस्वरूप जमा होती है और इसमें बहुत अधिक नमक होता है। इस मिट्टी में नमी की कमी होती है लेकिन इसमें कंकर भरपूर मात्रा में होते है। शुष्क एवं रेगिस्तानी मिट्टी लाल से भूरे रंग की हो सकती  है।

लेटराइट मिट्टी

लेटराइट शब्द का लेटिन भाषा में अर्थ होता है ईंट यानी ब्रिक। यह मिट्टी जब गीली होती है तो नरम होती है, लेकिन सूखने पर हार्ड हो जाती है। यह मिट्टी उन जगहों में पाई जाती है, जहां तापमान और बारिश दोनों ज्यादा होते हैं। इस मिट्टी की खास विशेषता यह है कि इसमें नमी बहुत कम होती है, क्योंकि अधिक तापमान के कारण मिट्टी में मौजूद कार्बनिक पदार्थ बैक्टीरिया द्वारा जल्दी से रिमूव कर दिए जाते हैं। यही नहीं, इसमें आयरन और एल्युमीनियम भी पाए जाते हैं। चावल, गन्ने, काजू आदि की खेती के लिए इस मिट्टी को सही माना गया है।

लवणीय मिट्टी

saline soil
Saline soil

लवणीय मिट्टी को सलाइन मिट्टी या उसारा मिट्टी भी कहा जाता है। यह मिट्टी उन जगहों पर डेवेलप होती है, जहाँ का वातावरण ड्राई होता है। इस मिट्टी की ऊपरी लेयर सोडियम, कैल्शियम और मैग्निसियम युक्त होती है। कच्छ के रण में, दक्षिण-पश्चिम मानसून नमक के कण लाता है और उन्हें परत के रूप में जमा कर देता है। इसके अलावा अन्य तरीकों से भी इस मिट्टी का निर्माण होता है।