Trayodashi Vrat : दिसंबर साल का आखिरी महीना होता है। इस महीने में कई प्रकार के व्रत और त्योहार पड़ते हैं। उन्हीं में से एक है त्रयोदशी व्रत जिसे मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है। इस साल 11 दिसंबर यानी शनिवार के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव और उनके परिवार का विधि विधान से पूजन किया जाता है।
प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मासिक शिवरात्रि में से दो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है एक फाल्गुन त्रयोदशी जिसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है और दूसरी सावन शिवरात्रि। यह दिन भगवान शिव-पार्वती को समर्पित है। इस दिन भक्तजन श्रद्धा-भाव के साथ शिव के प्रतीक शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं। इस दिन शिव परिवार को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन तरह के उपाय भी करते हैं।
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जानें, त्रयोदशी व्रत का महत्व

त्रयोदशी को ही मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। ऐसा माना जाता है, की मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और विधि विधान से पूजा करने से भगवान शिव भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं। इसके अलावा दांपत्य जीवन में खुशियां आती है और परिवार में हमेशा प्यार व एकता बनी रहती है।
इस व्रत को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि जो कन्याएं अच्छा वर पाने की चाहत रखती है, उन्हें अवश्य इस व्रत को करना चाहिए। जिन लोगों को लंबे समय से अपने काम में सफलता नहीं प्राप्त हो रही है, उन्हें भी त्रयोदशी का व्रत व विधि विधान से शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से जल्द ही सफलता की प्राप्ति होती है।
त्रयोदशी व्रत की पूजा विधि क्या है?
- अगर आप त्रयोदशी व्रत रख रहे हैं तो सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। फिर भगवान शिव के सामने दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें।
- दिनभर उपवास करने के बाद प्रदोष काल में किसी मंदिर में जाकर पूजा करें। अगर आप मंदिर नहीं जा सकते हैं तो पूजा स्थल या घर के साफ-सुथरे स्थान पर शिवलिंग स्थापित करके पूजा करें।
- शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र और गंगाजल से अभिषेक करें। अभिषेक के दौरान शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र नमः शिवाय का जाप करते रहें।
