Overview:बदलती सोच, बदलते सफ़र
विश्व पर्यटन दिवस 2025 पर भारतीय यात्रियों का यह नया नजरिया उम्मीद की किरण है। जब यात्रा केवल आनंद नहीं बल्कि पर्यावरण, समाज और संस्कृति के संरक्षण का साधन बनेगी, तभी उसका असली अर्थ सामने आएगा। 73% भारतीयों का ‘सस्टेनेबल टूरिज़्म’ की ओर यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और सुंदर भविष्य की ओर बढ़ता हुआ प्रयास है।
World Tourism Day 2025: विश्व पर्यटन दिवस 2025 के मौके पर यह साफ़ हो चुका है कि भारतीय यात्रियों की सोच में बड़ा बदलाव आ चुका है। अब केवल घूमने-फिरने की चाहत ही नहीं, बल्कि पर्यावरण बचाने और स्थानीय समुदायों का सम्मान करने की भावना भी यात्रा का अहम हिस्सा बन गई है। एक हालिया सर्वे के अनुसार, भारत के 73% यात्री अब ‘सस्टेनेबल टूरिज़्म’ यानी टिकाऊ और ज़िम्मेदार पर्यटन को अपनी पहली प्राथमिकता मानते हैं।
पर्यटन की नई परिभाषा

पहले जहां यात्रा का मतलब केवल मौज-मस्ती और नज़ारे देखने तक सीमित था, अब लोग अपनी यात्राओं को सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी से जोड़ रहे हैं। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि पर्यटन केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि धरती और समाज के लिए भी उपयोगी हो सकता है।
भारतीय यात्रियों की बढ़ती जागरूकता
भारत में नई पीढ़ी यात्रा को केवल विलासिता नहीं मानती। वे अब सोच-समझकर ऐसे गंतव्य चुन रहे हैं जहां प्राकृतिक संसाधन सुरक्षित हों और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा मिले। यही वजह है कि ‘सस्टेनेबल टूरिज़्म’ अब एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक आंदोलन बनता जा रहा है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूती
सस्टेनेबल पर्यटन से न केवल पर्यावरण को फायदा मिलता है, बल्कि छोटे शहरों और गांवों की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिलती है। भारतीय यात्री अब होमस्टे, स्थानीय गाइड और पारंपरिक भोजन को प्राथमिकता देकर छोटे व्यवसायों को सहारा दे रहे हैं।
पर्यावरण की सुरक्षा
यात्रियों की सोच में यह बदलाव प्रकृति के प्रति बढ़ते लगाव को दर्शाता है। लोग अब सिंगल-यूज़ प्लास्टिक से दूरी बना रहे हैं, कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट या ईको-फ्रेंडली साधनों का चुनाव कर रहे हैं।
डिजिटल युग और जिम्मेदार विकल्प
ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म अब यात्रियों को ग्रीन होटल्स, ईको-रिसॉर्ट्स और कार्बन-न्यूट्रल यात्रा विकल्प सुझा रहे हैं। इससे यात्रियों को अपनी पसंद को टिकाऊ बनाने का और भी आसान रास्ता मिल गया है।
विश्व पटल पर भारत की पहचान
भारतीय यात्रियों की यह नई सोच वैश्विक स्तर पर भी एक उदाहरण बन रही है। भारत की विविध संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर पहले से ही पर्यटन का बड़ा आकर्षण रही हैं, और अब जब यात्री इसे बचाने का संकल्प ले रहे हैं, तो दुनिया के सामने भारत और भी जिम्मेदार देश के रूप में उभर रहा है।
भविष्य की राह
सस्टेनेबल टूरिज़्म केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य की आवश्यकता है। आने वाले वर्षों में जैसे-जैसे पर्यावरणीय संकट बढ़ेंगे, वैसे-वैसे यह जिम्मेदारी और भी अहम होती जाएगी। भारत का 73% यात्री वर्ग इस बदलाव का नेतृत्व कर रहा है, जो आने वाले समय में पूरी दुनिया को प्रेरित करेगा।
