Summary : एयरपोर्ट लाउंज में सब फ्री होता है लेकिन यह दिया क्यों जाता है?
एयरपोर्ट लाउंज का मोटा खर्च बैंक उठाते हैं क्योंकि इससे उनको प्रचार मिलता है।
Free Airport Lounge Access: एयरपोर्ट लाउंज में मिलने वाली मुफ्त सुविधा जैसे कि खाना, ड्रिंक्स, स्पा, सोने के लिए बिस्तर, गेम्स और मनोरंजन का असली खर्च आखिर कौन उठाता है? ये सवाल ऐसा है जिसका जवाब कोई बैंकर ही शायद अच्छे से दे सकता है। पूर्व बैंकर सूरज कुमार तलरेजा, जो पहले स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में डेटा एनालिस्ट थे, वे एयरपोर्ट लाउंज से जुड़े राज खोल रहे हैं।
तलरेजा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “क्या आपने कभी सोचा है कि एयरपोर्ट लाउंज असल में चलता कैसे है? मुफ्त खाना, आरामदायक कुर्सियां, कभी-कभी तो स्पा और शॉवर तक। आप बिना एक रुपया दिए अंदर चले जाते हैं। तो फिर ये लाउंज सर्वाइव कैसे करते हैं? खर्च कौन उठाता है? इसमें बैंकों की क्या भूमिका होती है?”
तलरेजा कहते हैं, “आज के दौर में एयरपोर्ट लाउंज कोई ऐशो-आराम की चीज नहीं रह गई है, बल्कि ये एक पूरा बिजनेस मॉडल बन चुका है। इसका पूरा खर्च बैंक उठाते हैं, और यात्री इसका आनंद लेते हैं।” बता दें कि एयरपोर्ट लाउंज असल में हवाई अड्डे के अंदर एक निजी जगह होती है जहां यात्री अपनी उड़ान से पहले आराम कर सकते हैं, खाना खा सकते हैं, काम कर सकते हैं या सो सकते हैं।
मुफ्त लगता है, लेकिन है नहीं…
तलरेजा कहते हैं कि आज भारत में ज्यादातर लोग लाउंज में बिना जेब से पैसा खर्च किए प्रवेश कर लेते हैं। आप बस अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड स्वाइप करते हैं और अंदर चले जाते हैं। ये ‘मुफ्त’ लगता है। लेकिन पर्दे के पीछे कोई न कोई इसका खर्च ज़रूर उठा रहा होता है। और न तो वो आप होते हैं और न ही लाउंज।
तो इस मुफ्त सेवा का असली खर्च कौन देता है?

तलरेजा साफ कहते हैं, “इसका जवाब है – आपका बैंक या कार्ड नेटवर्क। हर बार जब आप अपने कार्ड (चाहे वह HDFC, Axis, SBI, ICICI या RuPay हो) के जरिए लाउंज में प्रवेश करते हैं, लाउंज ऑपरेटर को बैंक या कार्ड नेटवर्क (जैसे Visa, Mastercard या Amex) से भुगतान मिलता है। ये आपके कार्ड के फायदे का हिस्सा होता है। बैंक इसे ग्राहक को बनाए रखने और नए ग्राहक लाने की लागत मानकर चुकाते हैं।”
बैंक एक विज़िट पर कितना भुगतान करते हैं?
भारत में यह रकम आमतौर पर कुछ इस तरह होती है:
- घरेलू लाउंज: ₹600 से ₹1,200 प्रति विज़िट
- अंतरराष्ट्रीय लाउंज (Priority Pass या LoungeKey नेटवर्क के ज़रिए): $25 से $35 प्रति विज़िट
तलरेजा कहते हैं: “इसका मतलब ये हुआ कि जब आप 30 मिनट के लिए बैठकर एक सैंडविच और कॉफी लेते हैं, तो इसका पूरा खर्च आपका बैंक चुका रहा होता है। और हां, लाउंज ऑपरेटरों को बार-बार आने वाले यात्री बहुत पसंद आते हैं।”
लाउंज में प्रवेश के प्रमुख 4 तरीके
- क्रेडिट/डेबिट कार्ड प्रोग्राम्स (सबसे आम तरीका)
- Priority Pass / LoungeKey / DreamFolks जैसे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
- पेड एक्सेस (₹1500–₹3000 में प्रवेश), लेकिन ज्यादा लोकप्रिय नहीं
- एयरलाइन स्टेटस या बिजनेस क्लास टिकट से (एयरलाइन के खुद के लाउंज)
लोग मुफ्त में आते हैं तो लाउंज पैसे कैसे कमाते हैं?

- हर विजिट पर उन्हें भुगतान मिलता है
- उन्हें बड़ी संख्या में कार्डधारकों से ग्राहक मिलते हैं
- खर्च कम करने के लिए वे कैटरर्स और एयरपोर्ट से साझेदारी करते हैं
- कुछ लोग डे-पास भी खरीदते हैं (लेकिन ये कम होता है)
- उनका मुनाफा बहुत बड़ा नहीं होता, लेकिन ज़्यादा ग्राहकों से वे संतुलन बना लेते हैं
बैंकों को क्या फायदा होता है?
बैंकों के लिए ये एक शानदार मार्केटिंग और ग्राहक को बनाए रखने का तरीका है।
- लोग “फ्री लाउंज एक्सेस” से प्रभावित होकर खुद को प्रीमियम महसूस करते हैं
- वे अपने कार्ड का ज्यादा उपयोग करते हैं (जिससे बैंक को व्यापारी से फीस मिलती है)
- वे कार्ड से जुड़े रहते हैं
- और बाद में प्रीमियम कार्ड में अपग्रेड करने की संभावना बढ़ जाती है
एयरपोर्ट लाउंज नेटवर्क क्या करते हैं?
Priority Pass, LoungeKey और DreamFolks जैसे लाउंज नेटवर्क खुद कोई लाउंज नहीं चलाते। ये “मध्यस्थ” की तरह काम करते हैं।
- – वे दुनियाभर के हजारों लाउंज से साझेदारी करते हैं
- – बैंकों को एक्सेस राइट्स बेचते हैं
- – आपको एक कार्ड या ऐप देते हैं जिससे आप किसी भी लाउंज में प्रवेश कर सकते हैं
- – वे बैंकों से रकम लेते हैं और सीधे लाउंज को भुगतान करते हैं
एयरपोर्ट लाउंज मुफ्त नहीं होते। इनका खर्च आपके बैंक या कार्ड नेटवर्क से उठता है। ये आपके कार्ड के फायदे में शामिल है और आप पहले से ही इसका भुगतान कर रहे होते हैं… या तो सालाना शुल्क के रूप में या अपने खर्च के जरिए। इसलिए जब भी मौका मिले, इनका पूरा लाभ उठाइए।
