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Malana Village: हिमाचल प्रदेश की बात आती है तो सबसे पहले कुल्लू और मनाली के साथ शिमला याद आता है। ज्यादातर लोग इन्हीं जगहों पर घूमने जाते भी हैं। लेकिन कई ऐसी जगहें भी हैं, जो इन पहाड़ों के बीच बसी हैं लेकिन यात्रियों का ध्यान कम ही जाता है। जबकि इन जगहों की सुंदरता देखते ही बनती है। दरअसल इन जगहों पर लोग कम ही गए हैं और इस वजह से इनके बारे में जानने वाले लोग भी कम हैं। ऐसे ही गांवों में से एक है मलाना। इस गांव की सुंदरता आपको मोहित कर लेगी। आप शायद यहां की शांति और सुकून को छोड़ कर वापस आना भी न चाहें। लेकिन इस जगह से जुड़े कुछ रहस्य भी हैं, जिन्हें आज तक कोई समझ नहीं पाया। इस गांव की ओर अब लोग आकर्षित हो रहे हैं तो इसकी एक वजह ये रहस्य भी हैं। इस गांव के इन रहस्यों के बारे में जानते हैं। यकीनन आप इन्हें जानने के बाद यहां आए बिना रह नहीं पाएंगी। चलिए फिर जानते हैं-

सबसे पुराना प्रजातंत्र-

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Malana Village: मनाली के पास बसा है रहस्यों से भरा सुंदर गांव मलाना 4
माना जाता है कि इस गांव में आदिकाल से प्रजातंत्र चल रहा है। इसके नियम कायदे सब इनके अपने हैं। यहां इसकी काउंसिल को हाकिमा कहा जाता है। जिसके हायर और लोवर कोर्ट भी हैं। इनका अपना ज्यूडिशरी सिस्टम भी है। 

छूना मना है-

इस गांव की एक खास बात है कि यहां आने वाले यात्री किसी इंसान और उसके सामान को छू नहीं सकते हैं। यहां तक कि घर की दीवारों को भी कोई छू नहीं सकता है। सब कुछ ‘नो टच’ जॉन में आता है। इनकी भाषा को कनाशी कहा जाता है और ये लोग अपने मंदिर को इतना पवित्र मानते हैं कि कोई भी बाहर का शख्स यहां प्रवेश नहीं कर सकता है। हालांकि यहां के लोग नियमों के बावजूद काफी दोस्तना है। 

अलेक्जेंडर के वंशज- 

यहां के लोग मानते हैं कि वो अलेक्जेंडर द ग्रेट के वंशज हैं। ये लोग इस वजह से भी ना छूने वाले नियम का पालन करते हैं। यहां की सकरार प्राचीन ग्रीक सिस्टम के हिसाब से चलती है। 
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Malana Village: मनाली के पास बसा है रहस्यों से भरा सुंदर गांव मलाना 5

भेड़ का बच्चा करता निर्णय-

यहां के लोग दो लोगों के बीच हुए झगड़े को खत्म करने के लिए भेड़ के बच्चे का इस्तेमाल करते हैं। इसमें हर पक्ष के लिए एक भेड़ का बच्चा चुना जाता है। फिर उनके पैर को करीब आधा इंच काटकर उसके अंदर जहर भरा जाता है। फिर जो भेड़ पहले मरती है, उस पक्ष की हर होती है। यहां के लोग मानते हैं कि ऐसा भगवान की आज्ञा से होता है। 

प्रकृति का ख्याल-

इस गांव के लोग प्रकृति का भी बहुत ख्याल रखते हैं। इसलिए यहां पेड़ों में नाखोन गड़ाना तक मना है। सिर्फ सूखी हुई पत्तियां ही इस्तेमाल की जा सकती हैं। लकड़ी जंगल के अंदर जलाया नहीं जा सकता है।