झीलों का शहर भोपाल…ये मध्य प्रदेश की राजधानी है और घुमक्कड़ों की पसंदीदा जगह भी। ये शहर खुद में बहुत सारी खूबसूरती समेटे हुए है। इस शहर में झीलें हैं तो पुराने स्मारक भी। इस शहर में राजाओं की कहानियां हैं तो इतिहास के किस्से भी। इतिहास को बयां करती पुरानी इमारतें हैं तो साफ-सुथरे शहर का नजारा भी। इस शहर की सुंदरता पर बॉलीवुड भी मोहित हो चुका है। अब कई फिल्मों की शूटिंग इस शहर की अलग-अलग लोकेशन पर होती रहती है। इस शहर में एक दिन गुजारना भी लंबी यात्रा कर लेने जैसा है। क्योंकि यहां घूमने के लिए बहुत कुछ है। वैसे तो 24 घंटे में इस शहर को देख लेना आसान नहीं है लेकिन फिर भी कोशिश करते हैं-

तेज–उल–मास्जिद, शहर की शान–
इस शहर में आने के बाद सबसे पहला स्टॉप आपको तेज-उल-मास्जिद को बनाना चाहिए। यहां का आर्किटेक्ट आपको भूले नहीं भूलेगा क्योंकि इसको बेहद अलग अंदाज में बनाया गया है। ये मस्जिद भोपाल शहर की शान है। झीलों के शहर में ये मस्जिद बिलकुल झील के किनारे पर बनी है इसलिए यहां से बाहर का नाजरा भी अच्छा आता है। इस मस्जिद को बनाने का काम शाह जहां बेगम के राज्य में शुरू हुआ था। जिसको उनकी बेटी सुल्तान जहां बेगम ने भी बनवाना जारी रखा। यहां आपको शांति और सुकून का पूरा डोज मिल जाएगा।

बोट क्लब या बड़ी झील कह लीजिए–
भोपाल आने के बाद अगर बोट क्लब नहीं आए तो यहां आना ही बेकार है। बोट क्लब इतना फेमस है कि भोपाल के बारे में गूगल सर्च कीजिए बोट क्लब की तस्वीर ही आएगी सामने। इस जगह पर आकर आपको बहुत अच्छा लगने वाला है। हर मौसम में इस जगह आकर आपको अच्छा ही लगने वाला है। इस जगह को लोकल भाषा में बड़ी झील कहा जाता है। यहां आकर वॉटर एडवेंचर स्पोर्ट्स भी किए जा सकते हैं। आप स्पीड बोट या पेडलिंग वाली बोटिंग भी कर सकती हैं। यहां आपको क्षितिज देखना भी अच्छा रहा। इस लेक आसपास रात का नजारा तो बहुत ही अच्छा लगता है।
भोपाल का नाम–
इस लेक के बीच में ही राजा भोज का स्टेचू बना है। राजा भोज को इस शहर का राजा माना जाता है। माना ये भी जाता है कि राजा भोज हमेशा इस शहर की रक्षा करते हैं। भोपाल का नाम भी राजा भोजपाल के नाम से भी बना है।
वन विहार नेशनल पार्क है अनोखा–
बड़ी झील के पास ही है वन विहार नेशनल पार्क। इस नेशनल पार्क में कई सारे जनगली जानवरों का संरक्षण किया गया है। चीतल, सांभर, वाइल्ड बोर और हाइना आदि जंगली जानवरों की बड़ी संख्या इस वन विहार नेशनल पार्क में है। यहां आने के लिए आपको प्रति व्यक्ति 15 रुपए की फीस देनी होती है। विदेशियों के लिए ये फीस 200 रुपए प्रति व्यक्ति है। सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच यहां आया जा सकता है।
गौहर महल–
गौहर बेगम के महल गौहर महल बेहद आलीशान इतिहास का गवाह है। इस महल का ज़्यादातर एरिया इस वक्त खराब हो चुका है, यहां आकर आपको अच्छा जरूर लगेगा। लेकिन इस जगह को संभाले जाने की जरूरत है।
कमला पार्क के नजारे–
कमला पार्क वो जगह है, जहां भोपाल का एक बहुत सुंदर हिस्सा आसानी से दिखता है। ये सुंदर हिस्सा है छोटी झील। ये पार्क छोटी झील के किनारे पर ही बना है। ये शहर का हैंगआउट प्लस है। इस पार्क में भी एक महल है। ये महल रानी कमलापति का है, जो अब म्यूजियम बनाया जा चुका है। पूरे शहर के लोग यहां समय बिताने और फोटो खींचाने आते हैं। इस पार्क में आकर आप अच्छा समय बिताएंगी, ये बात पक्की है।

बिरला मंदिर में भक्ति भाव–
शहर के 180 डिग्री का नजारा देखना है तो बिरला मंदिर जरूर आइए। यहां आप भगवान का होना महसूस करेंगे और आसपास के नजारे भी आपका दिल खुश कर देने।
उदयगिरि की गुफाएं–
पांचवीं श्ताब्दी में बनीं उदयगिरि की गुफाएं आपको हैरान जरूर करे देंगी। इसकी दीवारों पर सच में कुछ बिलकुल अनोखी कलाकृतियां बनी हैं। इसके अंदर बनीं आकृतियां बताती हैं कि इसे गुप्त साम्राज्य में बनाया गया था। आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के तहत इसका ध्यान रखा जाता है। यहां पर आपको विष्णु, लक्ष्मी और पार्वती के चित्र भी बने हैं। यहां आर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आया जा सकता है। यहां आने की फीस 15 रुपए प्रति व्यक्ति है।
शौकत महल की खूबसूरती–
भोपाल बस अड्डे से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर बने शौकत महल शहर का अहम टूरिस्ट प्लेस है। इसको इस्लामिक और गोथिक स्टाइल में बनाया गया है। यहां पर एशियन और वेस्टर्न आर्किटेक का संगम भी देखा जा सकता है।
7.5 फीट लिंगम वाला भोजपुर मंदिर–
7.5 फीट लिंगम वाला भोजपुर मंदिर भी देखे जाने वाली जगह है। 11 वीं श्ताब्दी में बने इस मंदिर में भगवान शिव का वास है। इस इलाके का नाम भी भोजपुर है। ये मंदिर अभी भी बना नहीं है। बनाते समय इसे अधूरा छोड़ दिया गया है। यहां आने का समाया सुबह 6 से शाम 7 बजे के बीच होना चाहिए। ये मंदिर भोपाल बस स्टैंड से 24 किलोमीटर की दूरी पर है।
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