लकड़ी की नक्काशी, अद्भुत मंदिर और हिमालय की घाटी के साथ सुहावना मौसम। नेपाल की राजधानी काठमांडू की सैर करने से पहले आप जब इस सुंदर जगह की छवि दिल में बनाएंगे तो आपको समझ आएगा कि ये जगह इन्हीं चीजों से मिलन का परिणाम है। काठमांडू घूमना आपकी लिस्ट में जरूर शामिल होना चाहिए क्योंकि इसके साथ आपको घूमने के बेहतरीन अनुभव मिलेंगे तो सुख-शांति का भी भरपूर डोज अपके पास होगा। इस जगह को घूमना मतलब जिंदगी की आपाधापी से अलग ही दुनिया को महसूस करना। भारत के पड़ोसी देश की इस राजधानी की ट्रिप आपको भी एक बार जरूर करनी चाहिए। फिर देखिएगा आप बार-बार यहां आने का प्लान बनाए बिना रह नहीं पाएंगे।

बौद्धनाथ स्तूपा-
काठमांडू शहर से करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित इस स्तूप को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इसका आकार लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है दरअसल ये विशालकाय गोलाकार स्तूप है। यहां अलग-अलग धर्म के अनगिनत लोग एक खास रस्म निभाने आते हैं, जिसे कोरा कहा जाता है। माना जाता है कि जो कोई भी इस स्तूप के चक्कर लगाता है, वो भी बिना किसी गलत भावना के, उसको पुण्य की प्राप्ति होती है। माना ये भी जाता है कि इस तरह उनके लिए नरक के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं। खास बात ये है कि 1979 में इस स्तूप को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया था।
पशुपतिनाथ मंदिर-
बागमती नदी अपने आप में खास है लेकिन इसे और खास बनाता है ये मंदिर। आध्यात्मिक अहमियत रखने वाले इस मंदिर की चौड़ाई इतनी है कि ये इस नदी के दोनों किनारों से बढ़ा हुआ है। ये भी एक युनेस्को साइट है। काठमांडू से करीब 5 किलोमीटर उत्तर-पूर्वी दिशा में बना ये मंदिर कई सारे पहाड़ों के बीच है, जिसकी वजह से यहां का माहौल बहुत मनोरम बन जाता है। देवपाटन गांव में बना ये मंदिर नेपाल के राष्ट्र बनने से पहले भगवां पशुपतिनाथ का मुख्य निवास माना जाता था।

थामेल-
थामेल काठमांडू का बेहद पसंद किया जाने वाला बाजार है। यहां खाने-पीने से लेकर मजे-मस्ती के सारे ठिकाने मिल जाएंगे। खास बात ये है कि काठमांडू का ये मस्ती हब पूरी तरह से वाई-फाई जोन है। पहले इसे तबीठा बहाल कहते थे। यहां आपको भीड़-भाड़ भी मिलेगी तो डिस्को और होटल भी। यहां दिनभर घूमने की थकान दूर कर पाएंगे।

दरबार स्क्वायर-
काठमांडू का दरबार स्क्वायर एक ऐतिहासिक इमारत है, जिसकी अपनी अलग ही अहमियत है। ये पहले पहल मल्ल राजाओं का निवास स्थान हुआ करता था। ये जगह अपने काष्ठ से बने मंडपों के लिए जाना जाता है। ये वो जगह जिसके नाम पर ही इस शहर का नाम काठमांडू है। दरअसल यहां इतने ज्यादा काष्ठ के मंडप और लकड़ी के मंदिर हैं कि इस वजह से ही इस जगह को काठमांडू कहा गया। सोलहवीं सदी में ये जगह बनवाई गई थी और तब राजाओं ने हर दरवाजे पर भगवान हनुमान की मूर्ति बनवा दी थी।

बुढानिलकण्ठ मंदिर-
बुढानिलकण्ठ मंदिर, एक ऐसा मंदिर है, भगवान विष्णु को समर्पित है और उनकी सोती हुई मूर्ति के लिए जाना जाता है। ये मंदिर शिवपुरी की पहाड़ियों के नीचे है और काठमांडू वैली के उत्तरी इलाके में पड़ता है। यहां की खास मूर्ति को एक ही पत्थर पर बनाई गई सबसे बड़ी मूर्ति माना जाता है।
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