चिलचिलाती गर्मी, उमस भरे थपेडे। हर साल आप किसी ठंडी जगह पर घूम आते थे। बच्चों की स्कूल की छुट्टियां हो जाती थी और परिवार के मजे। इस साल कोरोनावाइरस के कारण हम चेहरे पे मास्क लगा के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। जुलाई खत्म होने को है, न बच्चों के स्कूल खुले हैं न हमारे कार्यालय सुचारू रूप से।

घूमना फिरना तो दूर की बात है घर से बाहर जाने की ही मनाही है। कुछ लोग तो केवल गर्मियों की छुट्टियों में ही घूमने जा पाते थे।  कई लोगों ने बुक कराए टूर रद्द करवाए हैं। अब घर बैठे क्या करें  लाकडाउन है।
एलबम उठाइए – शादी ब्याह की एलबम, विडियो कैसेट हैं। उनकी धूल झाड़िए। अभी समय है, पन्ने पलटिए, रील घुमाइए। एक एक फोटो तरोताजा कर देगी। पिछली घटनाएं सामने जीवंत हो उठेगी। भूली यादें, बिछडे दोस्त, छूटी आदतें सब सामने होंगी। फोटो या सीडी देखते वक्त फिर से वही जोश, उमंग, खुशी आप में जग जायेगी। किसी ट्रिप की एलबम आपको उसी की गलियों में वापिस ले चलेगी। ऐसा लगेगा जैसे आप अभी वहाॅ हो के आये हैं। कोरोना काल में कहीं घूमने न जा पाने का दुःख सुकून में बदल जाएगा।

यात्रा वृतांत पढें – आॅनलाईन या आपके पास मौजूद यात्रा वृतांत लेखक के साथ आपको उन समस्त जगहों की सैर करवाते हैं जहाॅ आप जाना चाहते हैं। शब्दों के साथ आप भी लेखक के अनुभव साझा करेंगे। ऐसा प्रतीत होगा कि आपने वो भ्रमण किया है। घर बैठे इतना अच्छा मौका आपको और कहाॅ मिलेगा।

टी वी देंखे – स्पेशल शोज जो आपको एक कम्पीयर और कैमरे के साथ विभिन्न स्थानों का भ्रमण करवाते थे, शुरू से ही टीवी पर दिखाये जाते रहे हैं। आज इनका महत्व बढ गया है। टी वी सीरीयल के माध्यम से उन स्थानों पर हो आएॅ।

वरच्यूअल टूर करिए – कई वैबसाइट्स लाकडाउन में आपको क्षेत्र विशेष की विजिट करवा रही है। आनलाईन उन स्थानो को देखना ऐसा ही है जैसे स्वंय घूमना। कैमरा आपको बिना तकलीफ के सब दिखा देगा। घूमने न जा पाने का मलाल मत करिए।

आॅनलाइन किताबें पढिए – देश भर में लाइब्रेरीज आॅनलाइन खुली है। आज चाहें तो किसी भी लेखक की किताब आॅनलाइन पढ सकते हैं। किताबें आपको उसी दुनिया में ले जाती हैं जिस दुनिया की वो बात करती हैं।
यादों के सफर पर निकलिए। देश विदेश घूमने नहीं जा सकते तो क्या, बिना इन्फैक्शन के खतरे के, मन की तरगों पर सवार हो हिचकोले खाइये और तरोताजा हो जाइए।