Tips to Control Anger: स्कूल की बस गेट पर खड़ी है और बच्चे अभी तक तैयार नहीं हुए हैं, आपने जल्दी-जल्दी खाना बनाया और पति टिफिन ले जाना भूल गए, आज फिर कामवाली बाई नहीं है, ऑफिस से घर आने पर सारा सामान इधर-उधर फैला है, ऐसी ही अनगिनत बातों को लेकर क्या आपको भी अक्सर बहुत गुस्सा आता है। क्या आपको भी महसूस होता है कि गुस्सा करना आपकी आदत सा बन गया है और बात-बात पर आपको गुस्सा आने लग है। इससे न सिर्फ दूसरे परेशान हैं, बल्कि आप खुद भी अजीब महसूस कर रही हैं। अगर हां, तो शायद आप अपने गुस्से के ब्रेकिंग पॉइंट पर पहुंच गई हैं।
ये है दुनियाभर में गुस्से की स्थिति

मेंटल हेल्थ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर के लोग अपने गुस्से को लेकर एक संघर्ष की स्थिति में हैं। इनमें से करीब 12% लोग अपने गुस्से को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं। वहीं 28% इस बात की चिंता करते हैं कि वे कभी-कभी बहुत ज्यादा गुस्सा करने लगते हैं। 64% लोगों का मानना है कि सामान्य रूप से ही लोग गुस्से में रहने लगे हैं। स्टडी बताती हैं कि बढ़ते भौतिकवाद, परिवार के लिए समय कम मिल पाना, मोबाइल का ज्यादा यूज आदि सभी का असर भी हमारे गुस्से पर पड़ रहा है। हम अक्सर दूसरों से उम्मीदें करते हैं और जब ये पूरी नहीं होती तो भी हमें तनाव होता है, गुस्सा आने लगता है।
अपने गुस्से को पहचानें

विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप गुस्से पर काबू करना सीख लें तो ये मददगार भी हो सकता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने गुस्से को जानें। अक्सर लोगों को जब गुस्सा आता है तो वे चिल्लाने लगते हैं, दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं, कुछ लोग अपनी मुट्ठी भींच लेते हैं। आमतौर पर गुस्से के यही संकेत हम समझते हैं। इसके साथ ही कई बार उन्हें रोना आता है, मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है, ऐसा लगता है कि पैरों की शक्ति जा रही है। जब भी आपको यह महसूस हो तो यह निश्चित है कि आपका गुस्सा पीक पर है।
कहीं कोई और कारण तो नहीं

गुस्से को शांत या काबू करने के लिए सबसे जरूरी ये है कि आप इस बात का पता लगाएं कि आखिर आपको गुस्सा आ क्यों रहा है। यह गुस्सा वर्तमान स्थिति को लेकर है या फिर वास्तव में ये किसी और बात का रिएक्शन है। हो सकता है कई बार आप अपने पार्टनर की किसी बात से गुस्सा हों, लेकिन इसकी असली वजह उनका कोई ऐसा व्यवहार हो, जो आपको लंबे समय से पसंद नहीं आ रहा है। हो सकता है ये बात आपके जहन में हो और जब कोई बात हुई तो यह गुस्सा बनकर सामने आया। ऐसा ही बच्चों पर गुस्सा करने के साथ भी हो सकता है। क्योंकि कभी कभी हम परेशान होते हैं और यही परेशानी दूसरों पर गुस्से के रूप में निकलती है। इसलिए गुस्से का सही कारण पता लगाएं।
गुस्से को ऐसे करें छूमंतर
गुस्से पर काबू पाने का सबसे सटीक तरीका है काउंसलिंग। आप अपनी परेशानी काउंसलर से बांटें, ये टॉकिंग थेरेपी आपके जरूर काम आएगी। धीरे-धीरे आपका गुस्सा कम होगा और आप खुद खुश रहना सीख जाएंगे। अगर आपको अचानक से बहुत तेज गुस्सा आ रहा है तो कुछ पल खुद को दें और 10 तक गिनें, इस दौरान अपने गुस्से के कारण को समझें और फिर फैसला लें आपको क्या करना है।
हो सकती हैं कई हेल्थ प्रॉब्लम

द ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ एंगर मैनेजमेंट के अनुसार गुस्से के कारण कई प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। यह डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है, इसलिए समय पर इसे कंट्रोल करें। योग और मेडिटेशन के माध्यम से भी आप अपने गुस्से को कंट्रोल कर सकती हैं। इससे आपका तनाव भी कम होगा और आप खुद एंगर मैनेजमेंट को अपना सकती हैं। गुस्सा आने पर पांच मिनट के लिए शांत बैठकर सांस को जोर से अंदर और बाहर छोड़ें, कुछ ही देर में आप रिलैक्स महसूस करेंगी। इसके साथ ही आपको गुस्सा आ रहा हो तो कोशिश करें कि आप तुरंत शांत होकर एक छोटी सी वॉक पर निकल जाएं।
इन तरीकों को भी अपना सकते हैं

गुस्से का सीधा नाता है आपके तनाव से। अगर आप भी महसूस कर रही हैं कि आपको गुस्सा ज्यादा आने लगा है तो आप डायरी लिखना शुरू करें। क्योंकि कई बार हम अपनी बातें खुलकर किसी को बता नहीं पाते और अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। यह घुटन आगे चलकर तनाव और फिर गुस्से का कारण बनती है। इसलिए जो दिल में हो वो पन्नों पर लिखना शुरू करें। गुस्से को शांत करने में म्यूजिक थेरेपी भी बहुत काम की है। आप अपनी पसंद के गाने सुनें। इसका असर आपके मूड पर पड़ेगा।
इन विटामिन की कमी भी है कारण

हमारी डाइट और गुस्से के बीच में गहरा कनेक्शन है। कई बार शरीर में हैप्पी हार्मोन नहीं बनने के कारण भी गुस्सा ज्यादा आने लगता है। शरीर में विटामिन बी 6 और मिनरल्स की कमी के कारण चिड़चिड़ाहट रहती है। दरअसल, विटामिन बी 6 एक प्रकार के ब्रेन केमिकल के रूप में काम करता है। जब शरीर में इसकी कमी होती है तो फील गुड हार्मोन बनने में भी कमी होने लगती है। जिसके कारण गुस्सा ज्यादा आने लगता है। वहीं विटामिन बी 12 की कमी से थकान महसूस होती है। जब इस थकान के साथ आप घर और ऑफिस का काम करते हैं तो यह भी गुस्से का कारण बन जाता है। इसके कारण तनाव भी बढ़ता है और डिप्रेशन की आशंका भी बढ़ जाती है। मैग्नीशियम शरीर और ब्रेन दोनों के लिए जरूरी है। इसकी कमी से ब्रेन स्ट्रेस मैनेजमेंट नहीं कर पाता। इसे शांत मिनरल माना जाता है, जिससे चिड़चिड़ापन कम होता है। शरीर की मेंटल हेल्थ को फिट रखने के लिए जिंक महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से एंग्जाइटी और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। इसलिए अपनी डाइट में हमेशा ऐसी चीजें शामिल करें, जिनसे इन विटामिन्स और मिनरल्स की पूर्ति हो।
