सोशल मीडिया का लगातार इस्तेमाल हो सकता है खतरनारक, रिसर्च में प्रूफ: Social Media Side Effects
research on negative effects of social media

Social Media Side Effects: आजकल युवाओं में सोशल मीडिया का प्रभाव बहुत ही ज्यादा है। लगभग हर युवा अपना आधे से ज्यादा दिन सोशल मीडिया पर बिताता है। 2022 के प्यू रिसर्च सेंटर के 1,300 से अधिक युवाओं पर हुई एक रिसर्च में पाया गया कि 35% युवा टॉप पांच सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे यूट्यूब, टिकटॉक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और फेसबुक में से कम से कम एक पर लागातर ऑनलाइन रहते हैं। 

क्या कहती है रिसर्च

आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने स्टूडेंट्स के एक ग्रुप को 2 हफ्ते के लिए केवल 30 मिनट के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल की अनुमति दी। जिसके बाद उन्होंने पाया कि उन स्टूडेंस ने इस बीच अपने और दिनों के मुकाबले क्वालिटी स्लीप ली और खुद को मानसिक तौर पर भी काफी फ्रेश पाया।

साथ ही रिसर्च्स ने कहा कि उनमें खतरनाक FOMO, या छूट जाने का डर भी नहीं रहा। इस रिसर्च और एक्पैरिमेंट के बाद स्टूडेंट्स सोशल मीडिया की अपनी लत को कम करने के बारे में सोचने लगे और खुद को काफी पॉजिटिव फील करने लगे। 

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बढ़ रहा मानसिकता का खतरा

जैसे-जैसे सोशल मीडिया अधिक आम होता जा रहा है युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य अधिक खतरे में पड़ रहा है। अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति, एमडी, ने सोशल मीडिया और युवा मानसिक स्वास्थ्य पर एक सलाह जारी की, जिसमें तकनीकी कंपनियों को बेहतर करने, नीति निर्माताओं को सुरक्षा मजबूत करने और शोधकर्ताओं को अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अन्य कार्य करने की सलाह दी। 

मैं मधु गोयल हूं, मेरठ से हूं और बीते 30 वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है और हिंदी पत्रिकाओं व डिजिटल मीडिया में लंबे समय से स्वतंत्र लेखिका (Freelance Writer) के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरा लेखन बच्चों,...