छोटे बच्चों को क्यों पहनाए जाते हैं चांदी के कड़े और पायल?: Silver Anklets and Bangles
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छोटे बच्चों को क्यों पहनाए जाते हैं चांदी के कड़े और पायल

हमारे भारतीय समाज में बच्चों के जन्म के बाद चांदी के जेवर बच्चों को पहनाए जाते हैं। भारतीय समाज में हर जेवर का एक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है।

Silver Anklets and Bangles: हमारे भारतीय समाज में बच्चों के जन्म के बाद चांदी के जेवर बच्चों को पहनाए जाते हैं। भारतीय समाज में हर जेवर का एक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। खासतौर पर बच्चों के जन्म और शादी के बाद के गहनों का। जैसे शादी के बाद महिलाएं बिछुए पहनती है उसी तरह बच्चों को भी जन्म के बाद चांदी के विशेष जेवर कम से कम 3 से 5 साल की उम्‌ तक पहनाए जाते हैं। जिस तरह सोने के गहने तो अपना अलग महत्व तो रखते ही हैं, लेकिन चांदी के गहने की भी अपनी ही महत्वत्ता है।

आप सभी ने देखा होगा जब बच्चों का जन्म होता है, तो उन्हें चांदी के पायल और कड़े पहनाए जाते हैं। ये देखने में भी सुंदर लगते हैं और इनका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी माने गए हैं।

चांदी प्रतिक्रियाशील धातु है

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चांदी शरीर से निकलने वाली ऊर्जा को फिर वापस शरीर में भेज देती है। चांदी में रोगों से लडने की क्षमता होती है। चांदी पहनने से बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है,जिससे बच्चे का शारीरिक विकास सही ढंग से हो पाता है। और बच्चे अधिक ऊर्जावान रहते हैं। इसलिए बच्चों को चांदी के पायल और कड़े पहनाए जाते हैं।

चांदी का संबंध है चंद्रमा से

Silver Anklets and Bangles moon

चांदी का संबंध चंद्रमा से होता है और चंद्रमा मन का कारक होता है। बच्चों को चांदी पहनाने से उनके ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक क्षमता का भी विकास होता है। चांदी पहनाने से बच्चों के विकास पर सकारात्मक असर पड़ता है।जिससे बच्चों का दिमाग तेज होता है। साथ ही साथ चांदी बच्चों को बुरी दृष्टि से भी बचाती है। छोटे बच्चों को चांदी के कड़े में ही काले सफेद मोती के बने हुए जिसे “नजरिया” कहा जाता है, पहनाया जाता है ताकि बच्चों को बुरी नजर ना लगे। 

चंद्रमा होता है मजबूत

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जिन बच्चों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है, तो चांदी के कड़े या पायल पहनने से चंद्रमा मजबूत स्थिति में आ जाता है। अगर कुण्डली में चंद्रमा पर कोई ग्रहण भी है तो चांदी पहनाने से चंद्रमा शुभ फल देने लग जाता है। इससे बच्चे की बुद्धि प्रखर हो जाती है। जिससे बच्चों का सकारात्मक विकास होता है।

पैर को देता है मजबूती

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चांदी की पायल पहनने से बच्चों के पैर भी होते हैं मजबूत। ऐसा माना जाता है कि पायल पहनने से बच्चे के शरीर की ऊर्जा बर्बाद नहीं होती है और बच्चे के पैर नहीं मजबूत होते हैं। चांदी की पायल पहनने से लसिका ग्रंथियों सक्रियता बढ़ जाती है जिससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। जिससे बच्चे का ग्रोथ सकारात्मक होता है।

चांदी ना केवल बच्चों के स्वास्थ्य  के लिए वरदान है बल्कि चांदी बढ़ते बच्चों को मानसिक शक्ति या मानसिक रूप से सक्रिय के साथ मजबूत भी बनाता है।

अगर आप भी अपने बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास सही ढंग से होने देना चाहते हैं तो बच्चों को चांदी का कड़ा और पायल या अन्य चांदी के जेवर जरूर पहनाएं।