Swastik Vastu Tips: त्योहारों का समय नजदीक है। हर किसी की यही मनोकामना होती है कि साल के सबसे बड़े त्योहारों के समय उनके घर में सुख, समृद्धि का वास हो, परिवार के हर सदस्य को अच्छी सेहत मिले, घर में सुख शांति बने रहे। इन सभी की शुरुआत होती है स्वास्तिक चिन्ह से। हिंदू धर्म में स्वास्तिक को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इसे समृद्धि और सुख का पवित्र प्रतीक कहा जाता है। यही कारण है कि घरों के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है। लेकिन ऐसा करना कितना सही है, चलिए जानते हैं, इसका जवाब।
इसलिए महत्वपूर्ण है स्वास्तिक

हिंदू धर्म में कोई भी पूजा स्वास्तिक चिन्ह के बिना अधूरी है। इस पवित्र चिन्ह से ही पूजा की शुरुआत की जाती है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इसे धन, समृद्धि, शुभ का चिन्ह माना जाता है। इस चिन्ह को भगवान विष्णु का आसन और मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। यही कारण है कि इसे शुभ माना जाता है और प्रवेश द्वार पर इसे बनाया जाता है। हालांकि इसे बनाने के कुछ तरीके और नियम हैं।
आप खुद तय करें इसे

माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से घर में हमेशा मां लक्ष्मी का वास रहता है। इससे घर, दफतर, कारखानों के वास्तु दोष भी दूर होते हैं। कुछ लोग घर के मुख्य द्वार पर इसे रोली से भी बनाते हैं। वहीं कुछ लोग हल्दी का स्वास्तिक बनाते हैं। अब सवाल यह है कि हमें मुख्य द्वार पर किससे स्वास्तिक बनाना चाहिए। पंडित आलोक व्यास के अनुसार मुख्य द्वार स्वास्तिक बनाना आपके उद्देश्यों पर निर्भर है। रोली का स्वास्तिक ऊर्जा का प्रतीक है। अगर आपने कोई नया प्रोजेक्ट शुरू किया है, घर में बच्चे प्रतियोगी परीक्षाएं दे रहे हैं, गृह प्रवेश कर रहे हैं, कोई नया कार्य शुरू करने जा रहे हैं तो आपको रोली से स्वास्तिक बनाना चाहिए। वहीं हल्दी का स्वास्तिक सुख शांति का प्रतीक है। अगर घर में सुख समृद्धि चाहिए, शांति का वातावरण चाहिए तो आपको हल्दी से स्वास्तिक बनाना चाहिए। हल्दी का स्वास्तिक बनाने से घर के सभी कार्य आसानी से हो सकेंगे।
ये विकल्प भी चुन सकते हैं आप
अगर आप दोनों ही चाहते हैं तो घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर आप रोली से उसकी पूजा करें। इसके अलावा दूसरा विकल्प यह है कि हल्दी का स्वास्तिक बनाकर आप उसके नीचे रोली से शुभ और लाभ लिखें। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी और आपके सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।
इस दिशा में बनाना चाहिए स्वास्तिक

किसी भी शुभ दिन आप स्वास्तिक बना सकते हैं। इसे मुख्य द्वारा के दोनों ओर मध्य में बनाना चाहिए। वहीं पूजा मंदिर के ईशान कोण में इसे बनाना शुभ रहता है। इसी के साथ घर में स्वास्तिक बनाने के कुछ नियम भी हैं। पहली बात आप हमेशा साफ जगह पर ही यह पवित्र चिन्ह बनाएं। स्वास्तिक चिन्ह जहां भी बनाएं, वहां उसके नीचे जूते चप्पल कभी नहीं रखने चाहिए।