जानें क्या है इत्र लगाने का सही तरीका और इसके फायदे
इत्र एक मात्र सबसे पुरानी प्राकृतिक सुगंध है जिसका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा हैI ये ना सिर्फ शरीर को सुगंधित रखने का काम करते हैं, बल्कि ये कई तरह की बिमारियों के ईलाज में भी सहायक हैंI
Attar Benefits: आप कितने भी महंगे कपड़े क्यों न पहन लें लेकिन अगर आपके शरीर से पसीने की बदबू आती है तो सब बेकार हैI जिन लोगों के शरीर से पसीने की बदबू आती है उनसे लोग दूर ही रहना पसंद करते हैंI इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के इत्र, डिओडोरेंट्स और परफ़्यूम का इस्तेमाल करते हैंI लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें समझ नहीं आता है कि उनके लिए क्या लगाना सही रहेगाI आपको जानकर हैरानी होगी कि इत्र एक मात्र सबसे पुरानी प्राकृतिक सुगंध है जिसका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा हैI ये ना सिर्फ शरीर को सुगंधित रखने का काम करते हैं, बल्कि ये कई तरह की बिमारियों के ईलाज में भी सहायक हैंI
अधिकांश लोगों को इत्र और परफ्यूम के बीच क्या अंतर है ये समझ नहीं आता हैI उन्हें इत्र व परफ्यूम एक समान ही लगता हैI
आइए जानते हैं इत्र और परफ्यूम में क्या है अंतर?

इत्र और परफ्यूम में अंतर की बात करें तो अतर, इत्र व इत्रा आदि परशियन शब्द इतिर से आया हैI यह भी माना जाता है कि यह अरेबिक शब्द इतर से बना हैI पैगंबर मोहम्मद के अनुसार, “इत्र लोगों के लिए तोहफे के समान हैI” पुराने जमाने में विश्व के पूर्वी भाग में यह प्रचलन था कि जब भी कोई अतिथि जाता था तो उसे तोहफे के रूप में इत्र भेंट किया जाता थाI वहीं आज के समय में भी ईद में इत्र का इस्तेमाल किया जाता हैI कई लोग घर को सुगंधित रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैंI प्यार व भाईचारे के नाते घर पर आए अतिथियों को इत्र देने की परंपरा अभी भी कई जगहों पर हैI
इत्र की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसको सीधे शरीर पर छिड़का जा सकता हैI कलाई के पीछे, कान के पीछे, बाजुओं में, गर्दन के पीछे के साथ शरीर के कई हिस्सों में इत्र को सीधे लगाया जा सकता हैI इत्र लंबे समय तक रहता है और शरीर की गर्मी के साथ इसकी खुशबू भी तेज होती हैI वहीं परफ्यूम की बात करें तो इसमें एल्कोहल का मिश्रण होता हैI यही वजह है कि हवा के संपर्क में आने पर परफ्यूम आसानी से उड़ जाता हैI कई परफ्यूम को सीधे शरीर पर नहीं लगाया जा सकता, ऐसा करने से कई तरह के साइड इफेक्ट होते हैंI
परफ्यूम से कैसे बेहतर है इत्र?
इत्र असल में पारंपारिक तरीके और प्राकृतिक पदार्थों से बनाए गए खुशबूदार तेल होते हैंI इत्र के निर्माण में किसी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता हैI जबकि परफ्यूम में खुशबूदार तेलों के अलावा कैमिकल मिलाकर भी खुशबू तैयार की जाती हैI परफ्यूम की खुशबूओं में इत्र से कहीं ज्यादा वैरायटी होती है लेकिन ये खुशबू या तो जल्दी ही उड़ जाती है या फिर कमजोर हो जाती हैI इत्र की छोटी सी बूंद भी आपके शरीर को हफ्तों तक खुशबूदार बनाए रख सकती हैI जबकि परफ्यूम का प्रभाव कुछ घंटे में ही खत्म हो जाता हैI इत्र की खुशबू टिकाऊ होती है और देर तक चलती हैI
परफ्यूम से कहीं सस्ते हैं इत्र
बात अगर कीमत की जाए तो इत्र बाजार में मौजूद परफ्यूम से कहीं सस्ते होते हैंI बाजार में मौजूद साधारण परफ्यूम की कीमत 300 रुपये से शुरू होती हैI जबकि बात अगर विदेशी ब्रांड की करें तो अच्छी क्वालिटी के फ्रेंच या स्विस परफ्यूम की कीमत हजारों से लेकर लाखों तक होती हैI
इत्र का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?

इत्र का इस्तेमाल करने का सबसे सही तरीका ये है कि इसे सीधे कलाई, कान के पीछे, गर्दन के पीछे व अन्य हिस्सों में छिड़क लिया जाएI ध्यान रखें कि इत्र को सीधे कपड़े पर न लगाए, बल्कि हाथ पर लेकर कपड़े पर लगा सकते हैंI इत्र लगाने का जो तरीका बड़े-बुजुर्ग बताते हैं वह ये है कि इत्र को शरीर पर सीधे लगाया जाएI इत्र को उन जगहों पर लगाया जाता है जहां नसें स्किन के करीब होती हैंI जैसे कलाइयों, कान की लौ के नीचे, गर्दन के दोनों तरफI
ये पल्स पाइंट्स आपके शरीर पर सबसे हॉट पाइंट होते हैं, इसलिए इन बिंदुओं पर इत्र लगाने से सुगंध लंबे समय तक बनी रहेगी और अधिक फैलेगीI इत्र काफी गाढ़ा होता है इसलिए सलाह दी जाती है कि इत्र को लगाने से पहले उसे हथेली के पीछे थोड़ा सा लगाकर दूसरे हाथ की पीठ से घिसेंI इससे आप उस इत्र की खुशबू को अच्छे से महसूस कर पाएँगेI
इत्र के प्रकार

दक्षिण एशिया में बनने वाले इत्र को मुख्य रूप से उनके फ्लेवर और बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री के आधार पर बांटा जाता हैI
फूलों का इत्र
ये इत्र फूल या मसालों से तैयार किया जाता हैI जिन फूलों का इस्तेमाल इत्र बनाने में किया जाता है, उनमें ये प्रमुख हैं- गुलाब, केवड़ा , मोतिया , गुलहिना , चमेली, कदंबI
हर्बल इत्र
हर्बल इत्र को फूलों, मसालों और जड़ी-बूटियों से बनाया जाता हैI हिना और उसके कई प्रकार के इत्र जैसे शमामा, शमाम-तुल-अंबर , मस्क अंबर और मस्क हिना इसी श्रेणी में आते हैंI
मिट्टी का इत्र
कुछ इत्र ऐसे भी हैं जो न तो फूलों से तैयार होते हैं और न ही हर्बल होते हैंI उन्हें इस श्रेणी में रखा जा सकता है, इस इत्र को मिट्टी के पके हुए बर्तनों के आसवन से बनाया जाता हैI
इत्र के क्या-क्या फायदे हैं?

इत्र में चिकित्सकीय गुण होता है जो सिरदर्द को दूर करने में काफी मददगार होता हैI यदि आप सुगंधित और प्राकृतिक खुशबू वाली इत्र लगाते हैं तो इससे आपका मूड हल्का होता हैI इत्र को बनाने में जिन तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है उसमें इसेंशियल ऑयल पाया जाता है जो सिरदर्द को दूर करने में बहुत सहायक होता हैI जो लोग अच्छी खुशबू के इत्र लगाते हैं उन्हें अच्छी नींद आती हैI प्राकृतिक तरीके से बनाया जाने वाला इत्र कई तरह के फूलों के अर्क का मिश्रण होता है जिसका मस्तिष्क पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है जिसके कारण नींद नहीं आने की समस्या दूर हो जाती हैI यदि आप नींद की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको इत्र इस्तेमाल जरूर करना चाहिएI
वैज्ञानिकों का दावा है कि इत्र लगाने से इसका व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैI इत्र लगाने से चिंता, तनाव और डिप्रेशन दूर होता हैI ऐसा माना जाता है कि इत्र की खुशबू हमारी पांचों इंद्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैंI ज्यादातर लोग घर से बाहर काम पर जाते समय या किसी से मिलने जाते समय इत्र लगाते हैंI ऐसे में आप अपनी इत्र की खुशबू से सामने वाले व्यक्ति को भी बहुत आसानी से आकर्षित कर सकते हैंI इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि इत्र में फेरोमोन्स पाया जाता है जो व्यक्ति को बहुत जल्दी आकर्षित करने की क्षमता रखता हैI
प्राकृतिक खुशबूदार या एरोमैटिक तेलों से बनने वाला इत्र बाजार में मिलने वाले कैमिकल बेस्ड रूम फ्रेशनर का भी बेहतर विकल्प होता हैI इत्र को एरोमैटिक वैपर लैंप में थोड़े से पानी में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता हैI मौसम और मूड के हिसाब से इत्र की भीनी खुशबू का चुनाव किया जा सकता हैI
भारत में कहाँ का इत्र है सबसे खास?

उत्तर प्रदेश का कन्नौज शहर इत्र नगरी के नाम से प्रसिद्ध हैI यहाँ के इत्र की खुशबू दुनियाभर में मशहूर हैI कहा जाता है कि कन्नौज की हवाएं अपने साथ खुशबू लिए चलती हैंI इस शहर में इत्र का बड़े स्तर पर कारोबार होता हैI कन्नौज में इत्र कारोबार की लगभग 200 से अधिक इकाइयां मौजूद हैंI इनमें ज्यादातर इकाइयों में बड़े पैमाने पर इत्र बनाया जाता हैI इत्र बनाने के लिए कई शहरों से यहां फूल और लकड़ियां मंगाई जाती हैंI
सबसे खास बात यह है कि दुनिया का सबसे महंगा इत्र कन्नौज में ही बनता हैI कन्नौज का इत्र पूरी तरह से प्रकृति के गुणों से भरपूर होता हैI इसमें अल्कोहल का इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं किया जाताI कन्नौज में दुनिया के सबसे सस्ते इत्र से लेकर सबसे महंगे इत्र बनाए जाते हैं, जिनमें सबसे महंगा इत्र ‘अदरऊद’ हैI इस इत्र को असम की खास लकड़ी से तैयार किया जाता हैI इस एक ग्राम इत्र की कीमत लगभग 5000 रुपये हैI कन्नौज के इत्र की सप्लाई यूके, यूएस, सउदी अरब, ओमान, इराक, इरान समेत कई देशों में की जाती हैI
ये हैं भारत में टॉप 5 सर्वश्रेष्ठ इत्र निर्माता
- कन्नौज अत्तर
- पराग फ्रेगरेंस
- काज़िमा परफ्यूमर्स
- अजमल इत्र
- इंद्र सुगंध भंडार
मौसम के अनुसार करें इत्र का चुनाव

आयुर्वेद में इत्र को शरीर पर मौसम के अनुसार लगाने की सलाह दी गई हैI इस आधार पर गर्मी और सर्दी के मौसम में अलग-अलग इत्र बताए गए हैंI गर्मियों के मौसम में गुलाब, जैस्मीन, खस, केवड़ा, मोगरा का इत्र लगाने की सलाह दी गई हैI ये गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडा रखने का काम करते हैंI वहीं सर्दियों के मौसम में मस्क, अंबर, केसर, ऊद का इत्र लगाने की सलाह दी जाती हैI क्योंकि ये शरीर के तापमान को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं, जिससे सर्दियों में शरीर गरम रहता हैI
इत्र कितने दिन तक खराब नहीं होता है?
शुद्ध इत्र कभी खराब नहीं होता हैI कुछ इत्र तो ऐसे भी हैं जिनकी खुशबू समय के साथ बढ़ती ही चली जाती हैI इत्र को खराब होने से बचाने के लिए अल्यूमीनियम की बनी हुई इत्रदानी में रखा जाता हैI वैसे इत्र को परंपरागत रूप से ऊंट की खाल से बनी हुई शीशी या बोतल में रखा जाता हैI खाल वाली शीशी में रखा इत्र भी कभी खराब नहीं होता हैI
शरीर पर इत्र लगते समय इन बातों का ध्यान रखें

- ध्यान रखें कि आपके हाथ साफ होI
- सिंथेटिक इत्र स्किन में जलन पैदा कर सकते हैं, इसलिए हमेशा प्राकृतिक इत्र का इस्तेमाल करेंI
- कपड़ों पर गहरे इत्र लगाने से बचें, इससे कपड़ों पर दाग लग सकता हैI इसलिए कपड़े पहनकर रोलर से सीधे इत्र लगाने से बचना चाहिएI इससे बेहतर है कि या तो कपड़े पहनने से पहले इत्र लगा लें या फिर कपड़े पहनने के बाद अंगुली में इत्र लेकर उसे सीधे शरीर पर मल लेंI जरुरत से ज्यादा इत्र न लगाएंI इत्र में बहुत तेज खुशबू होती है जो थोड़ा सा लगाने पर भी देर तक चलती हैI
इत्र के कुछ नुकसान भी होते हैं, जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है

- इत्र की खुशबू के कारण आपको एलर्जी हो सकती है जिसके कारण छींक आना, आँखों में पानी, त्वचा में खुजली, जलन और आंखें लाल हो सकती हैं क्योंकि इत्र बनाने में कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल किया जाता हैI
- यदि आप तेज खुशबू वाली इत्र लगाते हैं तो आपको त्वचा से जुड़ी गंभीर समस्या, तेज खुजली और यहां तक कि त्वचा पर रैशेज भी आ सकते हैंI
- इत्र लगाने से इसमें मौजूद रसायनों के कारण व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है जिसके कारण समय बीतने पर उसे अस्थमा की भी समस्या हो सकती हैI
- इत्र में मौजूद रसायन व्यक्ति के शरीर में हार्मोन को भी प्रभावित कर देते हैं जिसके कारण इत्र का असर थॉयराइड ग्रंथि पर भी पड़ सकता है और हार्मोन असंतुलन की समस्या भी हो सकती हैI
FAQ | क्या आप जानते हैं
क्या इत्र लम्बे समय तक रहता है?
हाँ, इत्र लम्बे समय तक रह सकता हैI इत्र की खुशबू समय के साथ और भी ज्यादा बेहतर होती जाती हैI कपड़ों पर लगाए गए इत्र आमतौर पर आपको 2- 3 दिनों से अधिक समय तक रह सकते हैंI
कौन सा इत्र सबसे महंगा है?
दुनिया का सबसे महंगा इत्र उद (अगरवुड) है जिसकी 1 तोला की कीमत सोने से भी ज्यादा हैI
इत्र के लिए कौन सा देश प्रसिद्ध है?
उत्तर प्रदेश का कन्नौज जिला मुख्य रूप से इत्र बनाने के लिए प्रसिद्ध हैI यहां बनाए गए इत्र का सऊदी अरब, चीन, फ्रांस और यूरोपीय देशों में निर्यात किया जाता हैI
किन लोगों को इत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?
गर्भवती महिलाओं को इत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, साथ ही जिन लोगों अस्थमा या साँस से सम्बंधित कोई बीमारी है उन्हें भी इत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिएI
क्या इत्र से डिप्रेशन ठीक होता है?
इत्र की खुशबू हमारी पांचों इंद्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैंI इत्र लगाने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैI इत्र लगाने से चिंता, तनाव और डिप्रेशन दूर होता हैI