Janmashtami Puja Tips: देश भर में इस बार जन्माष्टमी की पूजा 26 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन के लिए महिलाएं काफी पहले से ही तैयारी करने लगती है। लड्डू गोपाल को खुश करने के लिए उनके मनपसंद भोग से लेकर पसंदीदा रंग के कपड़े तक पहने जाते हैं। जन्माष्टमी की पूजा में कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है, ताकि लड्डू गोपाल नाराज ना हो सके। अगर आपको इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आज हम आपको उन सभी बातों के बारे में बताने वाले हैं जिनका ध्यान आपको जन्माष्टमी की पूजा में रखना है।
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साफ कपड़े पहनें

जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद अपने घर के मंदिर की अच्छे से साफ सफाई करें और फूल मालाओं से मंदिर को सजाएं।
फूलों से श्रृंगार

भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय हैं। इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को भोग लगाते समय उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें।
पंचामृत से अभिषेक
भगवान कृष्ण का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन दूध, दही, घी, शहद और चीनी मिलाकर पंचामृत से भगवान कृष्ण का अभिषेक करना चाहिए। बता दें कि भगवान कृष्ण के अभिषेक के लिए गाय के घी के इस्तेमाल करना चाहिए।
पीले वस्त्र धारण करें
भगवान कृष्ण का एक नाम पीतांबरी भी हैं इसलिए उन्हे इस दिन पीले रंग के वस्त्र जरुर पहनाएं और फूलों से उनका श्रृंगार करें। साथ ही उनके सिर पर मोर मुकुट जरुर पहनाए।
घर का प्रसाद भोग लगाएं

भगवान कृष्ण को घर में बने प्रसाद का ही भोग लगाएं उनके लिए बाहर बाजार से मिठाई लाकर भोग न लगाएं आप उनके लिए पेड़े और लौकी की बर्फी का भी भोग लगा सकते हैं।
अवश्य चढ़ाएं तुलसी

भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय हैं। विष्णु जी के विग्रह स्वरुप शालीग्राम से तुलसी विवाह भी किया जाता है। विष्णु जी की पूजा करते समय तुलसी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। तुलसी के बिना विष्णु जी की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। भगवान कृष्ण की पूजा में भी तुलसी का प्रयोग करना चाहिए।
विष्णु जी को न चढ़ाएं ये फूल
भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य का फूल, माधवी और लोध के फूल का उपयोग वर्जित माना गया है। इसके अलावा की विष्णु जी की प्रतिमा पर कभी अक्षत यानी चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय ध्यान रखें कि बासी, जमीन पर गिरे हुए फूल, बिना किसी की आज्ञा के तोड़े गए फूल-पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। पहले से तोड़कर रखा गया तुलसी का पत्ता अर्पित किया जा सकता है क्योंकि तुलसी बासी नहीं मानी जाती है।
मंत्रों का जाप
साथ ही भगवान कृष्ण की पूजा के समय आप श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम: का जप करते रहें साथ ही राधा नाम का जप भी आप कर सकते हैं।
