क्यों न पेरेंट्स के साथ मनाएं वेलेंटाइन डे, यह प्यार का दिन है सिर्फ प्रेमियों का नहीं: Valentine's Day With Parents
Valentine's Day With Parents

Valentine’s Day With Parents: पिछले कुछ सालों में वेलेंटाइन डे का क्रेज युवाओं में बेहद बढ़ा है। हर कोई कई दिनों से इसकी तैयारियों में जुट जाता है। एक दूसरे को फूल, चॉकलेट, गिफ्ट देने से लेकर डेट प्लान करना और ट्रिप्स, सबकुछ इस दिन को खास बनाने के लिए यूथ करता है। प्यार के दिन से मशहूर इस दिन पर भारत सहित दुनियाभर में कई मिलियन डॉलर का व्यापार हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह प्यार का दिन है, सिर्फ प्रेमियों का नहीं।

इस दिन को हम हर उस शख्स के साथ सेलिब्रेट कर सकते हैं, जो आपके दिल के बेहद करीब है। फिर चाहे वह आपकी फैमिली हो या फिर फ्रेंड्स। तो क्यों न यह वेलेंटाइन डे हम अपने पेरेंट्स और फ्रेंड्स के साथ मिलकर सेलिब्रेट करें। इसी के साथ उन्हें भी मौका दें कुछ स्पेशल फील करने का। बस थोड़ी सी कोशिश और आप इस सेलिब्रेशन को बेहद सक्सेसफुल और यादगार बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं कैसे— 

Valentine’s Day With Parents: अपने बिजी शेड्यूल में से निकालें कुछ समय 

Valentine's Day With Parents
Celebrate Valentine’s Day with Parents

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई अपने अपने काम में इतना बिजी है कि एक-दूसरे के लिए समय ही नहीं निकाल पाते। अगर आप स्कूल या कॉलेज स्टूडेंट हैं तो पढ़ाई और फिर ट्यूशन में बिजी होते हैं। अगर जॉब करते हैं तो ऑफिस के कामों में। ऐसे में कहीं न कहीं चाहते हुए भी हर पेरेंट्स के लिए समय नहीं निकाल पाते और पेरेंट्स अकेलापन महसूस करने लगते हैं। इसलिए इस वेलेंटाइन डे पर सबसे पहले कुछ स्पेशल समय अपने पेरेंट्स के लिए निकालें। हो सके तो सुबह जल्दी उठकर उनके लिए बैड टी बनाकर लेकर जाएं। आपकी ये छोटी सी कोशिश उनके लिए कितनी बड़ी है ये आपको उनकी चेहरे की मुस्कान बता देगी।  

पेरेंट्स के लिए प्लान करें सरप्राइज 

Celebration Valentine's Day With Parents
Plan a surprise for the parents

अगर आपके पेरेंट्स भी रिटायर्ड हैं और दिनभर घर की चारदीवारी में ही रहते हैं तो उनके लिए सरप्राइज आउटिंग प्लान करें। अगर आपके पास समय नहीं है तो कोई बात नहीं, अपने पेरेंट्स के फ्रेंड्स को किसी मूवी या फिर लंच पर इनवाइट करें और उनके वेलेंटाइन डे को भी बनाएं स्पेशल। पुराने दोस्तों के साथ समय बिताना आखिर किसे पसंद नहीं होता।

छोटा सा उपहार बनेगा खास 

Valentine's Day With Parents Special
Small gift will be special for parents

पेरेंट्स के लिए हर वो चीज बेहद अनमोल है, जो उनके बच्चे उन्हें देते हैं। वैसे भी उपहार की कीमत नहीं भावना देखी जाती है। इसलिए छोटा ही सही लेकिन अपने पेरेंट्स के लिए कोई गिफ्ट वेलेंटाइन डे पर जरूर लें। अगर गिफ्ट नहीं खरीद पाए हैं तो फूलों का प्यारा सा गुलदस्ता देना भी अच्छा ऑप्शन है। 

खाने में आजमाएं हाथ, बनाएं कुछ खास 

Valentine's Day Celebration
Special Food Plan for parents

इस वेलेंटाइन डे पर आप अपनी फैमिली की कोई भी मनपसंद डिश बनाकर उन्हें इंप्रेस और खुश कर सकते हैं। गूगल से लेकर यूट्यूब तक पाक कला के इस युद्ध को जीतने में आपकी मदद करेंगे। यकीन मानिए आपकी ये कोशिश आपकी फैमिली के दिल को छू जाएगी। 

छोटी ट्रिप करें प्लान 

Valentine's Day Tips
Trips Plan

अकसर घर पर रहकर एक जैसे रूटीन को फॉलो करने से जिंदगी बोरिंग लगने लगती है। हर छोटी परेशानी भी बड़ी दिखने लगती है। इसलिए इस वेलेंटाइन डे पर अपनी फैमिली के साथ एक छोटी सी ट्रिप प्लान कर लें। फैमिली के साथ बिताया यह क्वालिटी टाइम सिर्फ आपकी फैमिली ही नहीं आपके लिए भी रिफ्रेशिंग होगा। इस ट्रिप पर पेरेंट्स के दिल की बातें सुनें, कुछ अपने दिल का हाल उन्हें बताएं। अपनी फ्यूचर प्लानिंग के बारे में उनसे चर्चा करें। ऐसे करने से उन्हें महसूस होगा कि आप बड़े हो गए हैं, लेकिन आपकी लाइफ में उनकी इंपॉर्टेंस कम नहीं हुई है।   

रीयूनियन करें प्लान 

बुजुर्ग अकसर अकेलापन महसूस करते हैं, लेकिन अपने दिल की बात किसी को बोल नहीं पाते। हालांकि उनके चेहरे की झुर्रियों में आपको उनके अकेलेपन की झलक जरूर नजर आएगी। ऐसे में उनके पास एक ऐसा ​ग्रुप होना जरूरी है, जिसमें वे मिल सकें, दिल की बातें कर सकें, कुछ छोटे इवेंट्स मिलकर सेलिब्रेट कर सकें।

इसलिए आप कोशिश करें कि उनके पुराने क्लासमेट्स या फिर ऑफिसमेट्स की रीयूनियन करवाएं। इसके लिए वेलेंटाइन डे से अच्छा दिन और क्या होगा भला। यह रीयूनियन उन्हें रिफ्रेश कर देगी। सिर्फ वेलेंटाइन डे ही नहीं यह हमेशा के लिए आपके पेरेंट्स के लिए एक यादगार उपहार होगा, जरूरत है तो सिर्फ थोड़े से प्रयास की।

बुजुर्गों को घेर रहा है अकेलापन 

Valentine's with Parents
Loneliness surrounds the elderly

अकेलापन कहने को भले ही एक शब्द है, लेकिन इसका असर व्यक्ति पर बेहद गहराई तक होता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनपीएफ) और हेल्प एज इंडिया के अनुसार, भारत में साल 2026 तक वरिष्ठ नागरिकों की आबादी 173 मिलियन तक पहुंच जाएगी। साल 2050 तक देश की कुल आबादी का 20 प्रतिशत हिस्सा वरिष्ठ नागरिकों का होगा। लेकिन बदलती संस्कृति और रहन सहन के ढांचे में परिवर्तन के कारण बुजुर्ग अकेलेपन से घिर रहे हैं।

एकल परिवारों के चलन के कारण वे महसूस करते हैं कि किसी को उनकी जरूरत नहीं है। इसी अकेलेपन के कारण वे डिप्रेशन सहित कई मानसिक बीमारियों के शिकार तक हो जाते हैं। सर्वे बताते हैं कि भारत में करीब 50 प्रतिशत से अधिक पेरेंट्स वृद्धावस्था में दयनीय जीवन जीते हैं। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग और मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 45 और उससे अधिक उम्र के एक तिहाई से अधिक वयस्क अकेलापन महसूस करते हैं।

वहीं 65 और उससे अधिक उम्र के करीब एक-चौथाई बुजुर्ग अपने आपको समाज से कटा हुआ महसूस करते हैं। ये अकेलापन और परिवार व समाज की ओर से नजरअंदाज किए जाने के कारण वे अंदर ही अंदर टूटने लगते हैं। ऐसे में करीब 50 प्रतिशत से अधिक अधेड़ और बुजुर्ग डिमेंशिया के शिकार हो जाते हैं। समाज से कटा हुआ महसूस होने के कारण करीब 29 प्रतिशत बुजुर्ग दिल की बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं। वहीं 32 प्रतिशत में स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...