Keep Kids Active in Winter: दिसंबर महीने की शुरुआत होते ही कड़ाके की ठंड भी पड़ने लगती है और बच्चे घर के अंदर बंद हो जाते हैं। ठंड के दौरान स्कूलों में भी छुट्टियां हो जाने से घर से बाहर निकलने और खेलकूद जैसी चीजें कम हो जाती है। सारा दिन घर पर रहकर बच्चों का अधिकांश समय सोफे पर बैठे हुए मोबाइल और टीवी देखने में ही बीतता है, जिससे जाहिर तौर पर उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं। फिजिकल एक्टिविटी कम होने पर बच्चे भी ऊबाई और आसली महसूस करते हैं और माता-पिता की टेंशन बढ़ने लगती है कि ऐसी सिजुएशन में क्या किया जाए। अगर घर से बाहर बच्चों को लेकर गए तो ठंड लगने का खतरा है और घर पर रखें तो बच्चे की शारीरिक गतिविधि कम हो रही है। लेकिन आपको टेंशन लेने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे यूजफुल तरीकों के बारे में जिससे इस बार सर्दियों में आपके बच्चे घर पर रहकर भी शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट और तंदरुस्त रहेंगे।
फिजिकल एक्टिविटी में बदलें स्क्रीन टाइम

बच्चा अगर घर पर है तो वह टीवी जरूर देखेगा। अगर आप उसे इसके लिए मना करेंगे तो वह नाराज हो जाएगा। लेकिन आप बच्चे की स्क्रीन टाइम को भी फिजिकल एक्टिविटी में बदल सकते हैं। बच्चे को टीवी पर कोई सॉन्ग लगा दें जो उसे पसंद हो। इसके बाद बच्चे को उस सॉन्ग पर डांस करवाएं। वर्कआउट एक्टिविटी के लिए डांसिंग एक बढ़िया ऑप्शन है। इससे ना सिर्फ आपके बच्चे इंजॉय करेंगे बल्कि मसल्स भी मजबूत होंगे और शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रहेगा।
इन कामों से भी घर पर रखें बच्चे को एक्टिव

ठंड में बच्चा जब बाहर नहीं निकल पा रहा तो ऐसे में आप घर पर ही उसे रस्सी कूदने को कह सकते हैं। इससे उसे ठंड कम लगेगी, बच्चा एक्टिव रहेगा और उसे मजा भी आएगा। रस्सी कूदने से बच्चे की अच्छी कसरत भी हो जाएगी।
एरोबिक्स कार्डियो एक्सरसाइज है, जिससे शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है और बच्चे भी इसे पसंद करते हैं। शरीर को एक्टिव रखने के लिए सर्दियों में आप एरोबिक्स को बच्चों की डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
इसके साथ ही आप घर के कुछ कामों में बच्चों की मदद लेकर भी उन्हें एक्टिव रख सकते हैं। जैसे बच्चों से गॉर्डिनिंग या सफाई आदि के काम कराएं। इन कामों से न सिर्फ बच्चे एक्टिव रहेंगे बल्कि अपनी जिम्मेदारियों भी समझेंगे।
क्यों जरूरी है फिजिकल एक्टिविटी
कई रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि, बच्चों के लिए दिन में कम से कम 1 घंटे या उससे अधिक मध्यम या फिर जोरदार तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधयां जरूरी होती है। इसमें डांसिंग, जॉगिंग, रनिंग जैसी गतिविधियां या कोई भी ऐसी गतिविधि हो सकती है जो बच्चों के पूरे शरीर को प्रभावित करे। रोजाना संभव न भी हो तो कम से कम सप्ताह में 3-4 दिन बच्चों के लिए ऐसी गतिविधि वाली रूटीन बनाएं। शारीरिक गतिविधि बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि शारीरिक गतिविधियों से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं, स्वस्थ वजन नियंत्रित रहता है और मनोदशा में सुधार होता है। इसलिए सर्दियों में माता-पिता सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे अपना अधिकांश समय सोफे में न बिता शारीरिक गतिविधियों में लगाएं।
