छोटे-भाई बहन को लेकर असुरक्षा की भावना आए तो क्या करे :
माता-पिता बनना इतना आसान नहीं होता, बल्कि इसके लिये कई कठिन दौर से गुजरना पड़ता हैI नए बच्चे के आने से बड़े बच्चे में असुरक्षा की भावना आ जाती है I ये तो ह्यूमन नेचर है I
Managing Sibling Insecurity: माता-पिता बनना इतना आसान नहीं होता। कई बार हर एक क्षण संघर्ष सा प्रतीत होता है। जब आप पहली बार माता पिता बनते हैं, तो बच्चे की परवरिश बहुत लाड़-प्यार से करते हैंI समस्या तब आती है जब माता-पिता दूसरी संतान को जन्म देते हैं, तो नए मेहमान के आने से बड़े बच्चे में असुरक्षा की भावना आ जाती हैI
जब हम बड़ों के अंदर कभी किसी व्यक्ति या चीज़ को लेकर असुरक्षा की भावना आ जाती है, तो वे भी इससे कैसे अछूते रह सकते हैं। अब उसे लगने लगता है कि मम्मी-पापा उसे ना प्यार कर के छोटे भाई या बहन को प्यार देंगेI इससे वह अपनी ओर ध्यान खींचने के लिए जिद्द या गुस्से का सहारा लेगा, क्योंकि अब तक तो आप सिर्फ उसके मम्मी-पापा थे और अचानक से आए इस बदलाव से उसमें असुरक्षा की भावना घर कर जाती है I
ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है दोनों बच्चों को लेकर, जिससे दोनों का नजरिया एक दूसरे के प्रति सकारात्मक रहे।
बड़े बच्चे को मानसिक रूप से तैयार करें

अगर आपके घर में दूसरा बच्चा आने वाला है, तो आप अपने बड़े बच्चे को पहले मानसिक रूप से तैयार करेंI उससे कहें कि अब तुम अकेले नहीं खेलोगे तुम्हारे साथ खेलने वाला पार्टनर आ रहा हैI आप उसे ऐसे समझाए कि उसे आने वाले बच्चे को लेकर खुशी महसूस हो ना कि डर वो उसकी जगह आकर ले लेगाI ऐसे में आपका बड़ा बच्चा उसके प्रति ज़िम्मेदार महसूस करेगा और केयरिंग होगा।
समान रूप से प्यार दें

कभी-कभी बच्चा इसलिए भी असुरक्षित महसूस करने लगता है क्योंकि माता-पिता अपने दूसरे बच्चे को ही सारा ध्यान देते हैंI इससे बड़े बच्चे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं और स्ट्रेस्ड हो जाते हैं,चिड़चिड़े भीI इसलिए आप अपने सभी बच्चों को एक जैसा प्यार दें। अगर आप उनमें भेदभाव करेंगे, तो बड़ा बच्चा हीन भावना से ग्रसित हो जाता हैI इससे उसके मानसिक और शारीरिक विकास पर असर पड़ता हैI इसलिए माता-पिता होने के नाते आप दोनों बच्चों को टाइम दें। दोनों के प्रति जिम्मेदारी निभाएंI
प्यार से समझाएं

अक्सर ऐसा होता है कि बड़े की गलती ना होने के बावजूद भी छोटे के सामने आप उन्हें डाटते हैं। ऐसी गलती ना करें बल्कि बच्चे को शांति से समझाएंI हर बार उनके झगड़ों में ना पड़ें। उन्हें उनके तरह से भी हैन्डल करने देंI इससे बच्चा खुलकर अपनी भावना को प्रकट कर पाएगाI इसलिए हर बार उन्हें डांटने-फटकारने की बजाय उन्हें उनकी गलतियों से सीखने देंI
असुरक्षा की भावना आने से बच्चों में गुस्सा, ईर्ष्या की भावना भी जन्म लेती है, जो दोनों बच्चों के रिश्ते पर असर डालती हैI इसलिए आपको एक स्मार्ट पेरेंट की तरह अपने सभी बच्चे को हैंडल करना आना चाहिए।