बच्चे कच्चे मिट्टी की तरह होते है, उन्हें जैसे ढाल दिया जाए वो वैसे ही सांचे में ढल जाते हैं। लेकिन सिर्फ यही सही नहीं है। हर बच्चे के अंदर अलग-अलग तरह की इंटेलिजेंस यानी प्रतिभा होती हैं। बच्चे का केवल पढ़ाई में अच्छा होना ही उसके इंटेलिजेंट होने का प्रमाण नहीं है। बच्चों में इंटेलिजेंस के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि कुछ बच्चे पढ़ाई छोड़कर बाकी एक्टिविटीज में जैसे कि पज़ल में, ड्राइंग में, गाने में और लैग्वेज कमांड आदि में एक्टिव होते हैं। बस, उन्हें केवल एक सही दिशा देने की जरूरत होती है। लेकिन अभिभावक उनकी इस इंटेलिजेंस को अक्सर साइड एक्टिविटीज समझकर पहली तवज्जो पढ़ाई को देना चाहते हैं। लेकिन अभिभावकों को समझना चाहिए कि उनकी इसी इंटेलिजेंस में ही उनका एक बेहतर भविष्य छुपा हो सकता है।
1-लॉजिकल- मैथमैटिकल इंटेलिजेंस
बच्चों के अंदर छुपी लॉजिकल- मैथमैटिकल इंटेलिजेंस यह दर्शाती है कि उसकी सोचने की क्षमता लॉजिकल मैनर में अधिक है। अगर आपके बच्चे में इस तरह की योग्यता है तो आप उसकी इंटेलिजेंस को बढ़ाने के लिए उसे घर पर रीजिंनिंग, मैथ्स आदि के छोटे-छोटे सवाल दें। इसके बाद उसे छोटे-छोटे बजट प्लानिंग के सवाल दें और इसी तरह क रियर में सहयोग करें।
 
लक्षण- इस तरह के बच्चे पज़ल्स, टीजर्स, और लॉजिक वाले गेम खेलना ज्यादा पसंद करते हैं। जब तक कि किसी पज़ल या प्रश्न का जवाब न ढूंढ लें तब तक हार नहीं मानते हैं। ऐसे बच्चे यह भी कोशिश करते हैं कि उस टास्क को विभिन्न तरीके से कैसे किया जा सकता है। इसके अलावा गाड़ी नम्बर और मोबाइल नंबर भी ऐसे बच्चों को सबसे जल्दी याद हो जाता है।
 
2-वर्बल- लिंग्विस्टिक्स इंटेलिजेंस
वर्बल लिंग्विस्टिक्स इंटेलिजेंस वाले बच्चे में विभिन्न तरह की भाषाएं सीखने की क्षमता ज्यादा होती है। इस तरह के बच्चे हमेशा दूसरों की भाषा या डिफिकल्ट वर्ड बहुत जल्दी सीख जाते हैं और बोलने का प्रयास करते हैं। ऐसे बच्चे लैंग्वेज कमांड में भी अपना करियर बना सकते हैं। इसमें बच्चों की प्रतिभा बढ़ाने के लिए उन्हें छोटे-छोटे टॉपिक्स दें और उस पर एक कहानी लिखने को कहें। साथ ही उनकी पसंदीदा किताब उन्हें पढऩे के लिए दें। अक्सर अभिभावकों को लगता है कि बच्चों को अपने सिलेबस की ही किताबें पढऩी चाहिए। अन्य किताबों पर समय बरबाद होता है, पर यह धारणा गलत है। बस बच्चे को उसकी उम्र के अनुरूप किताबें देनी चहिए।
 
लक्षण- वर्बल लिंग्विस्टिक्स इंटेलिजेंस वाले बच्चे अपनी शुरूआती उम्र में कविता सबसे जल्दी सीखते हैं और उसका उच्चारण भी बिल्कुल सही करते हैं। इसके अलावा ऐसे बच्चों को लिखने और किताबें पढऩे में इंटरेस्ट ज्यादा होता है। इस तरह के बच्चे अपने आप कई छोटी-छोटी स्टोरी क्रियेट कर लेते हैं, साथ ही ये बोलचाल की भाषा और उच्चारण में हुई गलतियों को भी जल्दी पकड़ते हैं।
 
3-म्यूजिकल इंटेलिजेंस

कई बच्चों की म्यूजिकल यानी संगीत की रुचि बहुत अधिक होती है। म्यूजिकल इंटेलिजेंस वाले बच्चों की आवाज और बोल- चाल में रिदम देखने और सुनने को मिलेगी। म्यूजिक के शौकीन बच्चों को एक्टिविटीज के तौर पर म्यूजिकल क्लास में एडमिशन करा देना चाहिए। हो सकता है इसमें ही बच्चे का सुनहरा भविष्य छिपा हो। बच्चा कई रियेलिटी शो में भी हिस्सा ले सकता है और साथ ही एक अच्छा सिंगर और म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट एक्सपर्ट भी बन सकता है।

 
लक्षण- इस तरह की योग्यता वाले बच्चे अपनी शुरूआती उम्र में गाना सुनते ही उसे बड़ी जल्दी कैप्चर कर लेते हैं, साथ ही गाने और कविता को सही टोन के साथ गाने की कोशिश करते हैं। कई बार बातें भी गाने की टोन में बोलते हैं। जिसे हम मजाक या शरारत समझकर इग्नोर कर देते हैं। म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की तरफ भी बच्चों का ध्यान भागता  तरह के खिलौने पसंद करते हैं।
 
4-विजुअल स्पेशियल इंटेलिजेंस
बच्चों में विजुअल इंटेलिजेंस उनकी क्रिएटिविटी को दर्शाती है। कई बच्चे आर्ट में मास्टर होते हैं इसलिए वे अन्य विषयों की अपेक्षा ड्राइंग में ज्यादा रुचि दिखाते हैं। लेकिन अभिभावकों को लगता है कि इसमें उनका कोई भविष्य नहीं है इसलिए वे अन्य विषयों इंग्लिश और मैथ्स पर ज्यादा जोर देते हैं। यदि आपके बच्चे की आर्ट और विजुअल स्पेशियल में रुचि है तो वो एक एनालिटिक्स स्पेशलिस्ट, आर्टिस्ट, डिजाइनर, इंटीरियर डेकोरेटर के तौर पर भी अपना भविष्य बना सकता है।

 
लक्षण- इस तरह की इंटेलिजेंस वाले बच्चे ज्योमैट्री और फिजिक्स जैसे डिफिकल्ट विषय के डायग्राम, चार्ट, ग्राफ्स व मैप आदि को बेहतरीन ढंग से डिजाइन कर लेते हैं। इसके अलावा कोई भी डायरेक्शन इन्हें जल्दी याद हो जाती है। यह किसी का चेहरा और अपनी इमेजिनेशन यानी कल्पना को भी कागज पर
उतार सकते हैं।
 
5-म्यूजिकल इंटेलिजेंस

कई बच्चे प्रकृति, जीव जंतु और पर्यावरण की तरफ अपना ज्यादा इंटरेस्ट दिखाते हैं। इस तरह के बच्चे जो कि नैचुरलिस्टिक इंटेलिजेंस वाले होते हैं, प्रकृति से ज्यादा प्रभावित होते हैं। यह क्लाइम्बिंग, हाईकिंग, गार्डनिंग, नेचर वॉक, कैम्पिंग तथा इसके अलावा एनवॉयरमेंट एक्सपर्ट व साइंटिस्ट के रूप में अपना करियर बना सकते हैं।

 
लक्षण- इस तरह के बच्चे प्रकृति से जुड़े सवालों का जवाब पाने के लिए हमेशा जागरूक रहते हैं। इसके अलावा इन बच्चों की ड्राइंग में आपको नेचर से जुड़ी डिजाइन देखने को मिलेंगी। इसके अलावा इन्हें घूमने का, खासतौर पर पहाड़ वाली जगहों पर खास शौक रहता है। 
 
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