अनुशासन

डांटे नहीं, प्यार से सिखाएं बच्चों को अनुशासन

बचपन में जो आदते बन जाती हैं वो ताउम्र रहती हैं इसलिये जरूरी हैं आप शुरू से ही बच्चों को अनुशासित रखें। हालांकि, बच्चों को अनुशासन में बांधना इतना आसान भी नही होता। खासतौर पर अगर आपका बच्चा जिद्दी और शैतान है तो ये और भी मुश्किल टास्क है। लेकिन आप थोड़ी सी सूझबूझ से प्यार से अपने नटखट बच्चे को अनुशासित कर सकते हैं।

Parenting tips – अपने बच्चे को अनुशासन सिखाना हर पैरेंट की जिम्मेदारी है तभी वो समाज में एक अच्छे नागरिक के रूप में जीवन व्यतीत कर पायेंगे। बचपन में जो आदते बन जाती हैं वो ताउम्र रहती हैं इसलिये जरूरी हैं आप शुरू से ही बच्चों को अनुशासित रखें। हालांकि, बच्चों को अनुशासन में बांधना इतना आसान भी नही होता। खासतौर पर अगर आपका बच्चा जिद्दी और शैतान है तो ये और भी मुश्किल टास्क है। लेकिन आप थोड़ी सी सूझबूझ से प्यार से अपने नटखट बच्चे को अनुशासित कर सकते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे को अनुशासन सिखाना चाहते हैं तो ये तरीके अपनाएं-

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धेर्य से काम लें

बच्चे अक्सर जिद्दी होते हैं और उन्हें अनुशासित करना मुश्किल होता है। कई बार पेरेंट्स को भी गुस्सा आ जाता है और वो बच्चों को डांटकर या गुस्से से समझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन, आपका यह व्यवहार उन्हें और जिद्दी बना सकता है। उन्हें अनुशासित करने के लिए आपको धेर्य से काम लेना होगा और उन्हें शांत तरीके से समझाने की कोशिश करनी होगी। उनकी बातों को आराम से सुनें और उसे समझते हुए उन्हें समझाएं। साथ ही उन्हें जागरूक करें कि उन्हें हर बात पर जिद नहीं करनी चाहिए। उन्हें प्यार से समझाएं कि अगर वो इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो कोई तुम्हें पसंद नहीं करेगा।

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प्रशंसा करें

हर किसी को अच्छा लगता है अगर उसके काम की तारीफ़ की जाए। हम सबको भी घर या ऑफिस में जब किसी काम के लिए प्रशंसा मिलती है तो मन ही मन बेहद ख़ुशी होती है। अब आप सोचिये जब हम तारीफ़ से इतना प्रसन्न होते हैं तो ये बच्चों के लिए कितना जरूरी है। जब भी आपका बच्चा आपके बताये तरीकों और नियमो को फॉलो करे आप उसकी प्रशंसा करना ना भूलें, उन्हें शाबासी दें, उनको प्यार से गले लगा लें। बस देखिये धीरे धीरे ये सब उसकी आदत में शामिल हो जाएंगे।

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खुद भी करें पालन

बच्चे अक्सर अपने पेरेंट्स को ही फॉलो करते हैं, वो उन्हें ही अपना रोल मॉडल मानते हैं। इसलिए आप अगर बच्चों को नियमों का पालन करना और अनुशासन में रहना सिखाना चाहते हैं, तो खुद भी हमेशा नियमों का पालन करें। बच्चे को यह पता होना चाहिए, कि घर के नियम क्या हैं और नियम तोड़ने पर क्या होता है। आप खुद भी उसी तरह का व्यवहार करें जिस तरह का आप अपने बच्चों से चाहते हैं। अगर आप उन्हें टीवी या मोबाइल देखने के लिए मन करेंगे और खुद ज्यादा समय मोबाइल में गुजारेंगे तो बच्चे कभी भी अनुशासन का पालन करना नहीं सीखेंगे। उन्हें लगेगा की नियम सिर्फ उनके लिए हैं, अगर अभी डर से मान भी जाएंगे तो बाद में नियमों का पालन करना नहीं आएगा।

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रिवॉर्ड दें

बच्चों को अगर किसी भी चीज़ पर कोई छोटा सा ही रिवॉर्ड मिल जाए तो मानो उनको ना जाने कितनी बड़ी ख़ुशी मिल गई। आप अपने बच्चों को ट्रैक पर लाने के लिए ये तरीका अपनाइए। अगर वो आपके बताये अनुसार काम करते हैं तो आप उन्हें छोटा सा कुछ भी रिवॉर्ड जरूर दें। इस तरह से वो धीरे-धीरे नियमों में रहना सीख जाएंगे।

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ज्यादा मुश्किल नियम ना बनाएं

कई बार पेरेंट्स बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए कुछ ज्यादा ही सख्त नियम बना देते हैं, लेकिन यह ठीक नहीं है। अब समय बदल रहा है, आपको बच्चों के साथ उनके दोस्तों के जैसा बनकर रहना है ।इसलिए नियम वो ही बनाएं जिनका सब पालन कर सकें।

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