Summary: अब कॉल मर्ज कराकर हो रहा है बैंक फ्रॉड!
अब ठग न OTP मांगते हैं, न लिंक भेजते हैं — बस एक कॉल मर्ज करवाते हैं और मिनटों में अकाउंट खाली कर देते हैं। आपका भरोसा ही उनका सबसे बड़ा हथियार बन चुका है।
OTP Scam: सोचिए, आप घर पर आराम से बैठे हैं और एक अनजान नंबर से फोन आता है। आवाज़ विनम्र है, बातों में अपनापन है, ‘मुझे आपकी फ्रेंड निशि ने नंबर दिया था…’। कुछ ही मिनटों में बातचीत इतनी सहज हो जाती है कि जब वह व्यक्ति कहता है, ‘निशि दूसरी लाइन पर हैं, कॉल मर्ज कर लीजिए’, आप बिना सोचे-समझे “मर्ज कॉल” का बटन दबा देती हैं। और बस कुछ सेकंड में आपका बैंक अकाउंट खाली हो जाता है।
यही है कॉल मर्जिंग फ्रॉड, एक नया और खतरनाक साइबर फ्रॉड जो हर दिन सैकड़ों लोगों को निशाना बना रहा है।
क्या है कॉल मर्जिंग फ्रॉड?
कॉल मर्जिंग फ्रॉड एक ऐसा वित्तीय धोखाधड़ी का तरीका है जिसमें ठग किसी साधारण फोन कॉल के ज़रिए लोगों से OTP निकलवा लेते हैं बिना किसी फेक वेबसाइट या लिंक के। यह ठगी इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि यह मोबाइल के एक बेसिक फ़ीचर “मर्ज कॉल” का इस्तेमाल करती है, जिसे हम आमतौर पर सुरक्षित मानते हैं।
क्यों है यह फ्रॉड इतना खतरनाक?
इसमें कोई फेक लिंक या ईमेल नहीं होता, इसलिए लोगों को शक नहीं होता। ठगों की टाइमिंग इतनी सटीक होती है कि OTP के आने का वक्त उनके स्क्रिप्ट में फिट बैठता है। यहां तक कि टेक-सेवी लोग भी इस फ्रॉड के जाल में फंस चुके हैं, क्योंकि सब कुछ “नॉर्मल कॉल” जैसा लगता है।

कैसे होता है कॉल मर्जिंग फ्रॉड?
अचानक आने वाला फोन
फ्रॉड की शुरुआत एक अनजान नंबर से आती कॉल से होती है। कॉलर कहता है कि उसे आपका नंबर किसी “कॉमन फ्रेंड” ने दिया है या वह किसी ऑफर या इवेंट के बारे में बात कर रहा है। उसका मकसद होता है आपका भरोसा जीतना।
मर्जिंग रिक्वेस्ट का झांसा
कुछ देर बातचीत के बाद वह कहता है कि मेरा फ्रेंड भी आपको कॉल कर रहा है, क्या आप कॉल मर्ज कर सकते हैं? आपको लगता है कि ये सामान्य बात है, क्योंकि आपने पहले भी ऐसा किया होगा।
OTP ट्रैप
जैसे ही आप कॉल मर्ज करते हैं, असल में दूसरी लाइन पर कोई दोस्त नहीं, बल्कि एक ऑटोमेटेड बैंक कॉल होती है जो एक OTP सुनाती है। उस ट्रांज़ैक्शन के लिए जो आपने किया ही नहीं। फ्रॉडस्टर बातों-बातों में आपसे वह OTP निकलवा लेता है।
पैसा गायब
OTP मिलते ही वे सेकंडों में ट्रांज़ैक्शन पूरा कर देते हैं, और आपका अकाउंट खाली हो जाता है। जब तक आपको होश आता है, पैसा जा चुका होता है।

खुद को कैसे बचाएं?
अनजान नंबर से कॉल मर्ज न करें
किसी अनजान व्यक्ति की रिक्वेस्ट पर कॉल मर्ज करना खतरनाक हो सकता है।
‘कॉमन फ्रेंड’ की बात पर भरोसा न करें
अगर कोई कहे कि आपका नंबर किसी दोस्त ने दिया है, पहले उस दोस्त से खुद कन्फर्म करें।
OTP कभी शेयर न करें
कोई बैंक कभी भी OTP फोन पर नहीं मांगता। ऐसा कोई भी अनुरोध रेड फ्लैग है।
OTP खुद से आए तो भी सावधान रहें
अगर आपने कोई ट्रांज़ैक्शन नहीं किया, फिर भी OTP आया है। तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।
जानकारी अपडेट रखें
नए साइबर फ्रॉड के बारे में जागरूक रहें। समय-समय पर अपने बैंक और सरकारी वेबसाइट्स की एडवाइजरी पढ़ें।
अगर आप इस फ्रॉड के शिकार बन जाएं तो क्या करें?
तुरंत बैंक को सूचित करें। अपने अकाउंट को अस्थायी रूप से ब्लॉक कराएं।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
सभी पासवर्ड और PIN बदलें।
अपने बैंक स्टेटमेंट पर नज़र रखें। कोई भी संदिग्ध ट्रांज़ैक्शन दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करें।
कॉल मर्जिंग फ्रॉड की सबसे बड़ी चाल यही है कि यह किसी लिंक, ऐप या ईमेल से नहीं बल्कि आपके भरोसे से शुरू होता है। आज धोखेबाज़ टेक्नोलॉजी से ज़्यादा इंसानी मनोविज्ञान को समझते हैं। वे जानते हैं कि कोई भी व्यक्ति मदद, दोस्ती या जानकारी के नाम पर जल्दी भरोसा कर लेता है। इसलिए, अब वक्त है कि हम हर कॉल को सावधानी से सुनें, हर मर्ज रिक्वेस्ट को सोच-समझकर अस्वीकार करें और हर OTP को गोपनीय रखें।
