Nidhi Banthia Mehta : महिलाओं को हमेशा दूसरों के ऊपर डिपेंड रहने वाले शख्स के तौर पर देखा जाता है। इस कारण से ही उन्हें बचपन में कुछ और भले ना सिखाया जाए लेकिन रोटी बनानी और घर बनाने की ट्रेनिंग जरूर दी जाती है जिससे की शादी के बाद उसे ससुराल में कोई दिक्कत ना हो। भले ही दुनिया में महिलाएं चांद पर पहुंच रही हैं लेकिन भारतीय महिलाओं को चांद के आकार की रोटी बनाने की ट्रेनिंग पहले दी जाती है। भले ही पूरी दुनिया में महिलाएं (जैसे कि एंजेला मर्केल ने जर्मनी को संभाला) देश को संभाल कर उसे विकास की राह पर आगे बढ़ा रही है लेकिन भारतीय महिलाओं को तो इस दृष्टि से देखा जाता है कि वह खुद को कभी संभाल नहीं सकती। इसलिए तो अब भी भारत के कई घरों में महिलाओं को स्कूल भेजे ना भेजे लेकिन किचन में जरूर भेजा जाता है। तभी तो भारत में एक कहावत काफी प्रसिद्ध है कि एक लड़की बचपन में पिता की जिम्मेदारी होती है, बड़े होने पर पति की और बुढ़ापे पर बेटे की।
क्या वाकई में यह कहावत सत्य है ?
हम और आपके लिए यह कहावत तो बिल्कुल भी सही नहीं है और जो लोग इस कहावत को सत्य मानते भी होंगे वे भी निधि बांठिया की कहानी सुनकर एक पल को सोचने पर विवश हो जाएंगे।
निधि बांठिया को देखकर और उनकी सफलता की कहानी सुनकर तो ऐसा लगता है कि अगर एक औरत अपनी जिद्द पर आ जाए तो पूरे ब्रह्मांड को अपने कदमों में झुका सकती है।
जी हां, निधि ने कुछ ऐसा ही किया है। वह केवल अपनी जिंदगी को सफलता की राह पर आगे नहीं बढ़ा रही है बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें भी सफल बनाने में सहयोग दे रही हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि ये निधि बांठिया कौन है?
आज हम आपको निधि बांठिया के बारे में बताएंगे जो कई सफल महिलाओं के पीछे खड़ी है। इनकी सफलता की चोटी को आप इन शब्दों में समझ सकते हैं कि उन्होंने अपने दम पर एक नहीं, दो नहीं… बल्कि चार-चार कंपनियां खोलीं। वह यहीं नहीं रुकीं और अब गरीब और असहाय महिलाओं को आर्थिक और भावनात्मक सहयोग देकर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं।
बचपन में रहती थीं चुपचाप
निधि बचपन में आम लड़कियों की ही तरह थी। किसी से बात नहीं करती थी। दूसरों से बात करने में कतराती और शर्माती थी। बचपन में चुप और शांत रहने वाली लड़की निधि बांठिया ने जब धीरे-धीरे बोलना शुरू कर किया तो उन्होंने अपनी आवाज पूरे समाज को सुनने के लिए मजबूर कर दिया। आज तो उनकी आवाज इतनी बुलंद हो गई है कि उन्होंने चार-चार कंपनियां खोल लीं जिसमें से एक बेच दी है और तीन की मालकिन हैं।
कहां की रहने वाली हैं निधि ?
निधि मध्यप्रदेश के सतना जिले की रहने वाली हैं। यहां लगभग 2 लाख से ज्यादा की आबादी रहती है। सतना जितना अप्रसिद्ध जिला है उससे भी अनकहे माहौल में निधि की परवरिश हुई। लेकिन इस शांत रहने वाली लड़की के सपने बड़े थे। इसलिए वह बोलने से ज्यादा कुछ कर दिखाने में विश्वास करती थीं। धीरे-धीरे पढ़ाई और अपने डांस में इंटरेस्ट के कारण इन्होंने अपने आपको डांस के जरिये एक्सप्रेस करना शुरू किया। फिर एक दिन छोटे से जिले सतना से निकलकर अमेरिका और सिंगापुर में लाखों लोगों को डांस के मूव्स सिखाने लगी। शौकिया तौर पर शुरू किए गए डांस मूव्स ने कब कंपनी का रूप ले लिया खुद निधि को भी पता नहीं चला। किसी ने सोचा भी नहीं था कि निधि अमेरिका और सिंगापुर में अपनी कंपनी खोलेगी।
टूटी बचपन की चुप्पी
डांस के जरिये निधि ने ऐसी चुप्पी तोड़ी की आज वह ग्लोबल एंटरप्रेन्योर, डांसर, लेखक और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में जानी जाती हैं। 46 साल की निधि बांठिया आज एक सफल उद्यमी और मोटीवेशनल स्पीकर हैं। निधि अपनी सफलता की कुंजी अपनी मां को मानती है।

‘मां से सीखा सबकुछ’
निधि अपनी सारी सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हुए कहती है कि- मैंने बचपन से अपनी मां को काम करते देखा था। 1982 में मां ने अपना बुटिक खोला, घर संभाला, अपना अकाउंट संभाला… उन्हें सेल्फ इंडिपेंडेंट बनते देखा तो वही सीख मेरे भीतर भी आई। सात साल की उम्र में मैं और मेरी दीदी को पेरेंट्स ने कलकत्ता में बोर्डिंग स्कूल में डाला।
बोर्डिंग स्कूल मेरे लिए लाइफ चेंजिंग साबित हुआ क्योंकि दो बहनों में छोटी और दुलारी बिटिया को हॉस्टल ने अपने बल पर जीना सिखा दिया। यहां जब अंग्रेजी ना आने की वजह से मजाक बना तो दुखड़ा रोने के लिए मां नहीं थीं। मैं टैंट्रम नहीं दिखा सकती थी। इसलिए दोस्तों के साथ अंग्रेजी सीखी। दिल्ली से बीकॉम किया और मुंबई से एमबीए।
मां-पापा द्वारा निधि और उसकी बहन को हॉस्टल में डालने का फैसला ही बाद में निधि की जिंदगी के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। हॉस्टल में अनजाने लोगों से मिलते-मिलते कब शर्मीली निधि ने बोलना शुरू कर दिया खुद निधि को भी याद नहीं है। लेकिन आज की निधि बांठिया मेहता विदेश में हजारों की संख्या में स्टूडियोज में जाकर लोगों को डांस सिखाती है और पूरे आत्मविश्वास के साथ उनसे बात करती है।
एमबीए करने तक करियर का नहीं था पता
आज भले ही निधि 4 कंपनियों की मालिकन है और कई सम्मान हासिल कर चुकी हैं। लेकिन एमबीए करने तक उन्हें मालूम ही नहीं था कि किस जॉब में उन्हें जाना है। वह कहती हैं, ‘मुझे नहीं मालूम था कि एक दिन मैं बिजनेसवुमेन बन जाऊंगी और मेरे पास चार-चार कंपनियां होंगी। एमबीए खत्म करने तक तो करियर के बारे में कुछ मालूम ही नहीं था कि आगे क्या करना है, किस जॉब में जाना है। लेकिन धीरे-धीरे मुझे मौके मिलते गए और मैं कारवां बनाती गई।’
दोस्त भी मेरी शादी को लेकर पक्के थे
निधि की परवरिश टिपिकल इंडियन फैमिली में हुई है जहां लड़कियों की शादी ही लड़की की पहली सफलता मानी जाती है। निधि कहती हैं- दोस्त भी कहते कि मेरे लिए तो कोई माला पकड़े खड़ा होगा। इस वजह से नौकरी करनी है या नहीं, ये कभी सोचा ही नहीं था।
शाहिद कपूर थे डांस इंस्ट्रक्टर
लेकिन एमबीए करने के दौरान निधि अनुभवी और बड़े-बड़े इंस्टीट्यूट से पढ़कर आए लोगों के परिचय में आई। जिससे उनके ऊपर भी अकेडमिक प्रेशर बनने लगा और वह खुद को साबित करने के लिए स्ट्रेस में आने लगी। इस तनाव से बचने के लिए उन्होंने श्यामक डावर की डांसिंग क्लासेस जॉइन कर लीं। यह डांस क्लास हफ्ते में दो बार होतीं। उस समय शाहिद कपूर 16 साल के थे और वह निधि के डांस इंस्ट्रक्टर थे। दो साल निधि वहां डांस सीखती रहीं। दो साल में एमबीए पूरा हुआ और फिर मैकेंजी में ई-मार्केटिंग का काम करते हुए ट्रेनिंग के लिए पूरी दुनिया भर में घूमीं। यह निधि की जिंदगी का सबसे अच्छा एक्सपीरियंस रहा। इसी समय वह कई लोगों के संपर्क में आई।

शादी के बाद नौकरी छोड़ी
नौकरी करने के दौरान निधि की शादी हो गई। लड़का कैलिफोर्निया के सिलिकॉन वैली में रहता था तो शादी के बाद अच्छी बेटी और पत्नी का फर्ज निभाते हुए कैलिफोर्निया शिफ्ट हो गईं। अब तक जो लड़की 14 से 16 घंटे काम कर रही थी अचानक से वह पूरी तरह से घर में अकेले बैठ गई थी।
पूरी दुनिया घूमने वाला और हमेशा काम में व्यस्त रहने वाला कोई शख्स अगर अकेले घर में बैठ जाए तो उसकी हालत क्या होगी? वह अकेलापन का शिकार होगा ही। यही निधि के साथ हुआ। अब उन्हें अकेले घर में दीवारें काटने को दौड़तीं। कैलिफोर्निया की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग की चमक उन्हें उदास बना देती। कभी गुस्सा करती तो कभी रोने लगती। एक दिन इतना गुस्सा आया कि पापा को फोन करके खूब रोई और उनसे कहने लगी कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूं? जॉब लूं तो कौन सी? तब पापा ने कहा, ‘निधि एडवर्सिटी ब्रिंग्स ऑपरच्युनिटी।’ ये लाइन मेरे दिमाग में सीमेंट की तरह जम गई
एडवर्सिटी ब्रिंग्स ऑपरच्युनिटी
पापा की इस लाइन ने निधि की जिंदगी बदल दी। इसकी शुरुआत सिलिकॉन वैली में हुई एक पार्टी से हुई जहां उन्हें किसी ने अपने बच्चे को स्कूल में होने वाले डांस कॉम्पीटिशन के लिए डांस सिखाने का ऑफर दिया। निधि ने ऑफर मान लिया और उन्होंने तीन लड़कियों को डांस सिखाया। इस वक्त निधि समझ चुकी थी कि डांस को वो काफी एन्जॉय करती हैं और यही एक चीज है जिससे वह बोर नहीं होती हैं। इस तरह उन्होंने उन लड़कियों के रेगुलर डांस क्लासेस जारी रखे जो अर्निंग और टाइम पास करने का एक जरिया था।
शुरू की पहली कंपनी ‘स्टेप्ज’
धीरे-धीरे निधि के पास इतने बच्चे हो गए कि उन्होंने ‘स्टेप्ज’ नाम से कंपनी शुरू कर दी। हस्बैंड ने भी इस आइडिया का सपोर्ट किया। निधि ने कभी भी डांस को प्रोफेशन बनाने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन कहा जाता है ना- सीखी हुई चीज कभी बेकार नहीं जाती। यही निधि के साथ हुआ। तब से लेकर निधि ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

2005 में आना पड़ा इंडिया वापस
2005 में जब अमेरिका छोड़ पति को काम की वजह से इंडिया आना पड़ा तब निधि ने कंपनी बेच दी। उस समय निधि के पास 550 स्टूडेंट्स, 14 क्लासिस और 8 इंस्ट्रक्टर्स थे। भारत में बॉलीबीट्ज नाम से कंपनी शुरू की और साथ में मार्केटिंग का काम भी शुरू कर दिया। लेकिन इसके बाद फिर दो साल बाद पति के साथ सिंगापुर जाना पड़ा। लेकिन इस बार सिंगापुर जाते हुए निधि ने कंपनी बेची नहीं बल्कि ऑनलाइन इंस्ट्रक्टर के जरिये उसे मैनेज किया। नए प्रोजेक्ट, नई क्लासेस खोलना, बड़े कॉरपोरेट वर्कशॉप्स, टीम बिल्डिंग, मैनेजमेंट सब डांस के साथ-साथ सिखाती।
फिर शिफ्ट हुईं जयपुर
फिर पति को यूएस शिफ्ट होने का ऑफर मिला लेकिन वह अपने पेरेंट्स के पास जयपुर जाकर रहना चाहते थे। इस फैसले पर पति के साथ काफी झगड़ा हुआ। लेकिन निधि कुछ नहीं कर सकी। जयपुर जाकर बसना निधि के लिए सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट रहा और इसी फैसले ने उनकी जिंदगी बदल दी। जयपुर आने के बाद तीन महीने तक एंग्याटी अटैक्स निधि को आते रहे। रोज पति से लड़ाई होती और वह खूब रोतीं। फिर धीरे-धीरे उन्होंने खुद को संभाला और जुंबा क्लासेस शुरू कीं। और फिर से डांसिंग ने ही निधि की जिंदगी में नई जान डाली।

बच्चों की एक्सेसरीज के लिए शुरू की कंपनी
जयपुर शिफ्ट होने के दौरान निधि की बेटी छोटी थी। तो जब वह मार्केट में अपनी बेटी के लिए कुछ एक्सेसरीज खरीदने जाती तो वह उन्हें नहीं मिलती थीं, जैसे सिंगापुर या अमेरिका में मिलती थी। यहीं से उन्होंने बच्चों के एक्सेसरीज के लिए कंपनी शुरू कर दी। 2011 में शुरू हुई इस कंपनी का नाम था नीडीबी। इसके लिए चीन को यूएस क्लिप्स का सैंपल भेजा और माल मंगाया। फिर तीन महीने का एंटरप्रेन्योरशिप कोर्स किया और इंडिया में किस तरह से बिजनेस करना है इसकी ट्रेनिंग ली।
फिर शुरू हुई महिलाओं को उद्यमी बनाने की कहानी
खुद की कंपनी खड़ी-खड़ी करते निधि ने महिलाओं को उद्यमी बनाना शुरू किया। इसके लिए 2020 में ‘सेल्फ एचीवर’ कंपनी शुरू की। यहां निधि महिलाओं को बिजनेस करने के ट्रेनिंग कैंप्स कराती हैं और 15 दिन में बिजनेसवुमन बनाती हैं। महिलाएं अपने बिजनेस आइडिया निधि के सामने रखती हैं जिसे निधि की कंपनी आधार देते हुए लॉन्च कराती हैं।
तो यह है निधि की कहानी जिन्होंने खुद को सफल बनाते-बनाते महिलाओं को सफल बनाने के लिए कंपनी खोल दी। आपको जानकर अचंभा होगा कि निधि ने यह चारों कंपनियां जीरो इंवेस्टमेंट से शुरू की। बार-बार देश बदलना और उसके साथ-साथ नई-नई कंपनी स्थापित करने के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। लेकिन जो सोचा नहीं होता है वही जिंदगी में होता है। ऐसा ही निधि के साथ हो रहा था। लेकिन निधि ने कभी हार नहीं मानी और उन्होंने हर मौके का फायदा उठाया। आज वह इतनी सफल हैं कि अन्य महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका दे रही हैं और उन्हें सफल बना रही हैं। फिर भी अगर कोई मानता है कि महिलाएं कुछ नहीं कर सकती तो उन्हें फिर से एक बार निधि की कहानी सुननी चाहिए और उससे खुद मिलना चाहिए।