मुगल शहजादियों को क्यों दी जाती थी सैलरी? जानें कौन थी सबसे अमीर शहजादी: Mughal Queens History
Mughal Queens History

Mughal Queens History: प्राचीन काल में कई ऐसे रहस्य और प्रथाएं रहीं हैं, जो बहुत ही रहस्यमी हुआ करती थीं। इनके बारे में जानना अपने आप में बहुत ही मजेदार है। भारत का प्राचीन इतिहास काफी रोचक रहा है। इतिहास में कई साम्राज्य रहे हैं, जो आज तक जाने जाते हैं। इन्हीं में से एक है मुगल साम्राज्य। मुगल इतिहास बहुत ही विशाल है।

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मुगलों के काल में राजा-रानियों से जुड़े कई ऐसे फैक्ट्स हैं, जो आपको हैरान कर सकते हैं। बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि मुगल साम्राज्य में शहजादियों को सैलेरी दी जाती थी। आइए आज हम आपको मुगल शहजादियों और उनसे जुड़ी सैलरी से जुड़े तथ्यों के बारे में बताएंगे।

महिलाओं को मिलता था भत्ता

Mughal Queens
allowance was given to women

प्राचीन भारत में मुगल महिलाओं के लिए पर्दा प्रथा हुआ करती थी। इसके बावजूद भी चार-दीवारियों के बीच उन्हें भत्ता दिया जाता है। कई रानियां ऐसी भी थीं, जिनको जागीरें दी जाती थीं। हालांकि आपको बता दें कि अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि उन्हें भत्ता क्यों दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को वेतन उनकी आजीविका भत्ता के अनुसार दिया जाता था, ताकि महारानियां अपने खर्चों को पूरा कर सकें।

कब शुरू हुई यह व्यवस्था?

When did this system start?
When did this system start?

इस बात को जानने के लिए हमें शुरू से शुरू करना होगा। इसके जवाब मिलता है बाबर के इतिहास से। मुगल इतिहास से जुड़े कई ग्रंथों में इस बात का जिक्र मिलता है कि मुगल शहजादियों को मिलने वाले भत्ते की शुरुआत बाबर ने अपने शासन काल में शुरू की थी। तभी से ये व्यवस्था चली आ रही है। इतिहास के पन्नों से ये जिक्र मिलता है कि बाबर ने रानियों, शहजादियों और हरम में रहने वाली महिलाओं को लाखों की भी सैलरी दी है।

हालांकि जानकारी के मुताबिक सभी की सैलरी का पैमाना काफी अलग होता था। ऐसा दावा किया जाता है कि सबसे पहला वेतन भत्ता बाबर ने इब्राहिम लोदी की मां को दिया था। उस दौरान उन्हें सैलरी के साथ-साथ जागीर भी देने का फैसला लिया गया था।

सबसे ज्यादा वेतन किसे मिलता था?

Who got the highest salary?
Who got the highest salary?

अब बहुत से लोगों के दिमाग में ये सवाल उठता है कि सबसे ज्यादा वेतन आखिर किसे दिया जाता होगा, तो आपको बता दें कि मुगल इतिहास में सबसे ज्यादा वेतन औरंगजेब की बहन जहांआरा को मिलता था। ऐसा कहा जाता है कि जहांआरा को शाही रकम मिलती थी।

कहा जाता है बादशाह शाहजहां ने जहां आरा के लिए छह लाख रुपये का वार्षिक वजीफा तय किया हुआ था। अगर आप सोच रहे हैं कि वजीफा क्या है, तो बता दें इसका मतलब भरण पोषण के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता से है।

जेबुन्निसा को भी मिलता था अधिक वेतन

Zebunnisa also used to get more salary
Zebunnisa also used to get more salary

अगर आप सोच रहे हैं कि जहांआरा के अलावा और किसे ज्यादा वेतन मिलता था, तो बता दें कि इसके अलावा औरंगजेब की बेटी जेबुन्निसा को भी सबसे ज्यादा वेतन दिया जाता था। ऐसा अनुमान है कि उसे 4 लाख की रकम दी जाती थी। लेकिन जब औरंगजेब और जेबुन्निसा के बीच मनमुटाव आया, तो उन्हें ये रकम देनी बंद कर दी गई। इसके अलावा हरम की महिलाओं को कई महंगे उपहार और मोटी नकद रकम दी जाती थी।

उम्मीद करते हैं इतिहास से जुड़ा ये आर्टिकल आपको जरूर पंसद आया होगा।