Shopping Addiction
Don;t go for impulse shopping

Summary: बजट बनाकर शॉपिंग पर लगाएं कंट्रोल

हर महीने की शॉपिंग की लत आपके बजट और मानसिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है। छोटे बदलाव, बजटिंग और सजगता से आप इस आदत पर कंट्रोल पाकर फिजूलखर्ची और तनाव दोनों से छुटकारा पा सकते हैं।

Shopping Addiction: क्या आप भी उन लोगों में से एक हैं जो ऑनलाइन सेल, डिस्काउंट ऑफर्स और आकर्षक विज्ञापनों के चलते ख़ुद को शॉपिंग से रोक नहीं पाते हैं? कई बार इसी आदत के चलते महीने की सैलरी आते ही जेब पर भारी पड़ने लगती है। अगर यह आदत कंट्रोल न की जाए तो यह आर्थिक असंतुलन के साथ मानसिक तनाव का कारण भी बन सकती है। इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजी, इतोवास लोरैंड यूनिवर्सिटी और नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी की संयुक्त रिसर्च के अनुसार, दुनिया की लगभग 5% आबादी यानी करीब 40 करोड़ लोग शॉपिंग एडिक्शन से प्रभावित हैं। अगर आप भी इनमें से एक हैं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इस लत को रोकने के तरीक़े-

सेल नोटिफिकेशन से दूरी बनाएं

शॉपिंग की इच्छा को कंट्रोल करने का एक आसान तरीका है – सेल अलर्ट्स और प्रमोशनल ईमेल्स को अनसब्सक्राइब करना। ये नोटिफिकेशन लगातार डिस्काउंट्स और ऑफर्स की जानकारी भेजते रहते हैं, जिससे हम वेबसाइट खोलने और कुछ न कुछ खरीदने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इन अलर्ट्स को बंद करके आप अनावश्यक शॉपिंग पर काफी हद तक रोक लगा सकते हैं।

बजट बनाएं और उस पर टिके रहें

शॉपिंग पर नियंत्रण का पहला कदम है अपना मासिक बजट तय करना। जरूरी खर्च और बचत को अलग करने के बाद शॉपिंग के लिए एक निश्चित राशि निर्धारित करें। इस सीमा के बाहर जाने पर खुद को रोकें। बजटिंग ऐप्स या डायरी की मदद से हर खर्च का हिसाब रखें।

जरूरत और चाहत में फर्क समझें

शॉपिंग करने से पहले खुद से पूछें – क्या यह सच में जरूरत है या केवल इच्छा? अक्सर हम सेल देखकर ऐसे सामान खरीद लेते हैं जिनकी जरूरत ही नहीं होती। जरूरत और चाहत में फर्क समझने से अनावश्यक खर्च को काफी हद तक रोका जा सकता है।

‘वेट एंड थिंक’ रूल अपनाएं

अगर कुछ खरीदने का मन हो, तो तुरंत ऑर्डर न करें। 24 से 48 घंटे रुककर सोचें कि क्या यह प्रोडक्ट आपके लिए वाकई जरूरी है। कई बार अचानक की गई शॉपिंग सिर्फ आवेग में होती है। समय लेकर सोचने से फिजूलखर्ची रुकती है।

 क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सीमित करें

क्रेडिट कार्ड से खरीदारी आसान लगती है, लेकिन इसका बकाया चुकाना मुश्किल हो सकता है। ज्यादा शॉपिंग की लत पर काबू पाने के लिए क्रेडिट कार्ड की बजाय डेबिट कार्ड या कैश का इस्तेमाल करें। इससे खर्च का रियल-टाइम ट्रैक रख पाएंगे।

बचत के लक्ष्य तय करें

हर महीने शॉपिंग की आदत पर कंट्रोल के लिए एक फाइनेंशियल गोल सेट करें। जैसे – छुट्टी के लिए पैसा बचाना, इमरजेंसी फंड तैयार करना या बड़ा निवेश करना। जब आपके पास स्पष्ट लक्ष्य होगा तो आप फिजूल खर्च की बजाय बचत पर ध्यान देंगे।

अपने शौक़ के काम करें

कई बार शॉपिंग की लत बोरियत या तनाव की वजह से होती है। इसकी जगह नए शौक अपनाएं जैसे – किताबें पढ़ना, वॉक पर जाना या कोई क्रिएटिव एक्टिविटी करना। यह आपको शॉपिंग पर निर्भर होने से बचाएगा।

याद रखें इन छोटे-छोटे बदलाव और थोड़ी सजगता से आप शॉपिंग की आदत को नियंत्रित कर सकते हैं और अपने बजट को संतुलित रख सकते हैं। समझदारी से किया गया खर्च न केवल आर्थिक स्थिरता लाता है बल्कि भविष्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।

अभिलाषा सक्सेना चक्रवर्ती पिछले 15 वर्षों से प्रिंट और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं। हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में दक्षता रखने वाली अभिलाषा ने करियर की शुरुआत हिंदुस्तान टाइम्स, भोपाल से की थी। डीएनए, नईदुनिया, फर्स्ट इंडिया,...