Maha Shivratri Trip: भगवान शिव के भक्तों के लिए महा शिवरात्रि (Maha Shivratri) एक महत्वपूर्ण दिन है। शंकर की भक्ति में लीन भक्तजन अपनी प्रार्थना और मनोकामनाएं लेकर देशभर के शिव मंदिरों में जाते हैं। इस अवसर पर देशभर में स्थित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मान्यता ​है कि ये ज्योतिर्लिंग वही हैं, जहां भगवान शिव प्रकाश के रूप में प्रकट हुए थे। इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, पूजन, आराधना और नाम जपने मात्र से भक्तों के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं।

Maha Shivratri Trip: महाशिवरात्रि नव ज्योतिर्लिंग यात्रा

Maha Shivratri Trip
MahaShivratri Trip

महाशिवरात्रि के महापर्व को देखते हुए भारतीय रेलवे ने टूरपैकेज की शुरुआत की है। 12 रात और 13 दिन का यह टूर पैकेज 8 मार्च से शुरू होगा। इस टूर पैकेज की शुरुआत मदुरई से होगी। आईआरसीटीसी के इस टूर पैकेज का बोर्डिंग प्वाइंट है, तिरुनेलवेली, मदुरै, डिंडीगुल, इरोड, सलेम, जोलारपेट्टई, काटपाडी, पेरम्बूर, नेल्लोर है। इस पैकेज का किराया 15,350 रुपये है।

क्या सुविधाएं मिलेंगी

इस पैकेज में ट्रेन में स्लीपर कोच से यात्रा करने की सुविधा मिलेगी। हर जगह ठहरने के लिए उचित व्यवस्था मिलेगी। खाना ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के साथ पानी की एक लीटर बोतल भी मिलेगी। सभी यात्रियों को टूर एस्कॉर्ट एंड सिक्योरिटी की सुविधा भी मिलेगी। ट्रेन बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

12 ज्योतिर्लिंगों के नाम

Shivratri Trip
Jyotirlinga

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, ग्रिश्नेश्वर ज्योतिर्लिंग, औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग, परली वैजनाथ ज्योतिर्लिंग और मल्लिकार्जुन स्वामी ज्योतिर्लिंग।

ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथा

Shivratri Trip Ideas
Katha of Jyotirlinga

ज्योतिर्लिंग लिंगोद्भवमूर्ति की एक कथा के अनुसार, लिंग पुराण में वर्णित है, एक बार भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा यह साबित करने के लिए लड़ रहे थे कि उनमें से सर्वोच्च कौन है। दोनों के बीच लड़ाई को देखते हुए भगवान शिव एक ज्वलंत लिंग के रूप में प्रकट हुए और विशाल लिंग (भगवान शिव का भौतिक प्रतीक) को मापने के लिए दोनों को चुनौती दी। ब्रह्मा और विष्णु ने एक-एक छोर खोजने का फैसला किया और घोषणा की कि जो भी पहले लौटेगा, उसे सर्वोच्च माना जाएगा। विष्णु ने वराह का रूप धारण किया और नीचे चले गए। ब्रह्मा हंस के रूप में ऊपर की ओर उड़े। उन्होंने कई दिनों तक खोज की लेकिन थक हारकर शुरुआती बिंदु पर लौट आए। उस क्षण, स्तंभ का मध्य भाग खुल गया और शिव ने अपने पूर्ण वैभव में स्वयं को प्रकट किया। ब्रह्मा और विष्णु को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने शिव को सर्वोच्च व्यक्ति के रूप में स्वीकार किया।

ज्योतिर्लिंगों का महत्व

ज्योतिर्लिंगों को हिंदू धर्म में बड़ी श्रद्धा से रखा जाता है। पुराण ज्योतिर्लिंगों की महिमा के महत्व के बारे में विस्तार से बात करते हैं। कहा जाता है कि 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम का जाप करने से एक भक्त सभी पापों को समाप्त कर सकता है। इसके अलावा भक्त शांत, पवित्र और शुद्ध हो जाता है, क्योंकि वह सर्वोच्च और दिव्य ज्ञान से प्रकाशित हो जाता है। सबके हितार्थ बताए गए नाम हैं :-

सौराष्ट्र सोमनाथम च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम।।

उज्जैन्यम महाकालोमकारे मम्मलेश्वरम।।

परल्यं वैजनाथम च डाकिन्यम भीम शंकरम।।

सेतु बंधे तु रमेशं नागेशं दारुका वणे।।

वरणस्य तु विश्वेशं त्रिबकं गौतमीते।।

हिमालये तू केदारं घुर्मेशं च शिवालये।।

ऐतनि ज्योतिर्लिंगाणि स्याम प्रातः पथेनराः।।

सप्त जन्म कृतं पापं स्मरणेन विनाश्यति।।

Disclaimer – इस लेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूरी तरह सत्य और सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।