Laughter Benefits: हंसी और मुस्कुराहट इन शब्दों में कहीं न कहीं छिपा है सुकून। चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट कई कठिन राहें आसान कर देती है। किसी भी परेशानी को भूलने में हंसी जादुई काम करती है। ये बातें नई नहीं हैं और हम सभी इन्हें जानते हैं। फिर भी आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि हम खुश नहीं हैं। जिंदगी में कुछ कमी है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो काफी अभाव में जी रहे हैं, फिर भी चेहरे पर एक मुस्कुराहट लिए हैं। कहीं ये कमी, ये अधूरापन हमारा खुद का बनाया हुआ आभासी आवरण तो नहीं है। सबमें खुशी बांटने के उद्देश्य से हर साल मई के पहले रविवार को वर्ल्ड लाफ्टर डे मनाया जाता है। इस बार यह 7 मई को है।
हमने रुपयों से जोड़ लिया खुशियों का नाता

दरअसल, अकसर लोग पैसों से खुशियों को तोलते हैं। लेकिन ऐसा करना गलत है। पीपुल्स रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी के एक सर्वे के अनुसार रुपयों और खुशी को कोई खास नाता नहीं है। इस रिसर्च के अनुसार जरूरत से कम और जरूरत से ज्यादा पैसा दोनों ही स्थितियों में खुशहाली का दुश्मन है। रिसर्च से यह भी सामने आया कि अपनी आधी खुशियों को पैसों की कमी के कारण पूरा नहीं कर पाने वाला मिडिल क्लास वर्ग सबसे ज्यादा खुश रहता है। वर्तमान में भारत की कुल आबादी का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा मिडिल क्लास श्रेणी में आता है। पांच से तीस लाख रुपए प्रतिवर्ष कमाने वाला यह वर्ग ‘थोड़ा है,थोड़े की जरूरत है’ की तर्ज पर चलता हुआ भी खुश है। इसलिए यह साफ है कि कम पैसों में भी खुशियां आपके घर दस्तक देंगी, बस जरूरत है तो एक मुस्कान के साथ उनका दिल खोलकर स्वागत करने की।
बिना साइड इफेक्ट वाली दवा है हंसी

अपनी अंदर की खुशी को बाहर दिखाने का सबसे अच्छा माध्यम है आपकी हंसी। आपकी हंसी न सिर्फ आपको तनाव मुक्त कर सकती है, बल्कि आपको कई रोगों से भी दूर कर सकती है। दुनियाभर के विशेषज्ञों और अध्ययनों से यह बात साबित हो चुकी है कि हंसी सौ मर्जों की एक दवा है, वो भी बिना साइड इफेक्ट वाली। हंसने से शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन और एंडोर्फिंस केमिकल ज्यादा मात्रा में बनता है। ये दोनों ही फील-गुड हार्मोंस हैं, जिससे हमारा मूड अच्छा होता है। एंडोर्फिंस केमिकल घबराहट वाले हार्मोन एड्रीनलीन की मात्रा को शरीर में कम करता है, जिससे हमारा तनाव कम होता है। इसीलिए हंसने को थैरेपी माना गया है। रोज सुबह कम से कम 10 से 15 मिनट की यह थैरेपी सभी को लेनी चाहिए।
कॉमेडी फिल्मों का असर

हंसी वो दवा है, जो हमें कई बीमारियों से दूर रखती है। यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की ओर से की गई एक स्टडी में सामने आया कि जो लोग कॉमेडी फिल्म या शो देखते हैं उनमें एक घंटे के अंदर ही वैसोडायलेटिव प्रभाव नजर आते हैं। यानी उनके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। वहीं जो लोग एक्शन मूवी देखते हैं उनका ब्लड सर्कुलेशन धीरे हो जाता है। सोसाइटी की ओर से किए गए एक अन्य अध्ययन में सामने आया कि लाफ्टर थैरेपी लोगों के गुस्से को 20 प्रतिशत तक कम कर देती है। इसी के साथ यह तनाव, डिप्रेशन को भी दूर करती है।
