Pariksha Pe Charcha 2024: “परीक्षा पे चर्चा” कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट, पेरेंट्स और टीचर्स को पीएम मोदी ने दी कुछ ऐसी सीख दी, जो हर स्कूल-कालेजों के टीचर्स, पेरेंट्स और खुद बच्चों को भी हमेशा याद रखनी चाहिए। जिससे बच्चों का आत्मविश्वास बढेगा , साथ ही बच्चों में पढ़ने और अपने टीचर्स के प्रति प्यार और सम्मान की भावना विकसित होगी। इन सीख से ना केवल बच्चों बल्कि, पेरेंट्स और शिक्षकों को भी बहुत कुछ सिखने को मिलेगा।
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1) कॉम्पिटिशन और चैलेंज है मोटिवेशन

पीएम मोदी ने बताया कि कॉम्पिटिशन और चैलेंज लाइफ में मोटिवेशन का काम करते है लेकिन इस बात का खयाल रखना चाहिए कि दो बच्चों में और कॉम्पिटिशन है वो हेल्थी हो, बच्चे उससे कुछ सीखे, ऐसा ना हो कि वो अपने से अच्छे बच्चों से खुद को कमतर समझने लगे और इसके चलते कुछ गलत कदम उठा ले।
2) छोटे-छोटे गोल करें सेट
पीएम ने बताया कि स्टूडेंट पर तीन तरह का स्ट्रेस होता है – पहला दोस्तों की तरह अच्छा करने से प्रेरित स्ट्रेस, दूसरा पेरेंट्स की उम्मीदों पर खरा उतरने का स्ट्रेस और तीसरा खुद के लिए कुछ अच्छा करने का स्ट्रेस। इन स्ट्रेस के बीच बच्चे खुद पर दबाव ले लेते हैं कि वे अच्छा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें पेपर की तैयारी के दौरान छोटे-छोटे लक्ष्य सेट करने चाहिए और धीरे-धीरे अपने परफॉर्मेंस में सुधार करना चाहिए, इस तरह वो एग्जाम से पहले पूरी तरह से रेडी हो जाएंगे।
3) पेरेंट्स को नंबरो पर जोर नहीं देना चाहिए
पीएम ने बताया कि आजकल पेरेंट्स बच्चों की शिक्षा और उनकी ग्रोथ पर नहीं, ब्लकि उनके नंबरों की ग्रोथ पर ज्यादा ध्यान देने लगे है, जो गलत है। पेरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए कि वो बच्चों की रिपोर्ट कार्ड को उनका विजिटिंग कार्ड ना बनने दे। रिपोर्ट कार्ड महज एक पेपर है, असली विजिटिंग कार्ड बच्चे की मेहनत और ग्रोथ है कि वो एग्जाम से क्या सीख रहा है जिसे वो आगे आने वाली लाइफ में लागू कर सके, असली परीक्षा यही है।
4) एक दूसरे से तुलना ना करें
पीएम ने बताया कि अक्सर हम घरों और स्कूलों में देखते है कि बच्चों को आपस में उनके पेरेंट्स और टीचर्स द्वारा कंपेयर किया जाता है, जो कि बहुत गलत बात है। बच्चों में कॉम्पिटिशन के बीज ना बोये. हर बच्चे की मानसिकता एक जैसी नहीं होती है, कोई इसे हेल्थी तरीके से लेता है लेकिन कोई इसे तुलना समझ बैठता है। स्टूडेंट में, भाई-बहन आपस में आपस में कॉम्पिटिशन प्रेरणा बननी चाहिए ना कि जलन और नफ़रत।
5) लिखकर प्रैक्टिस करें
पीएम ने बच्चों को बताया कि जितना हो सके, लिखकर प्रेक्टिस करे. क्योंकि लिखा हुआ काम हमेशा याद रहता है जिससे आधा स्ट्रेस दूर हो जाता है।
6) टीचर्स और पेरेंट्स को दोस्त बनना चाहिए
टीचर्स और पेरेंट्स को समय अनुसार बच्चों का दोस्त, टीचर, और शुभचिंतक बनना चाहिए ताकि स्टूडेंट बच्चों के साथ अपनी परेशानी और समस्याओं शेयर करने के लिए 2 बार ना सोचे।
7) असफलताओं से ना डरें
पीएम ने बताया कि असफलता जीवन में आगे बढ़ने में बहुत मददगार होती है। अपनी असफलताओं से ना डरें। इससे सीखे और आगे बढें । अक्सर ऐसी असफलताएं जीवन मे आपकी क्षमता को बढ़ाती है।
