Summary: केरल घूमने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, ताकि ट्रिप बने यादगार और बेफिक्र
भारत के दक्षिणी किनारे पर बसा यह राज्य नारियल के पेड़ों, बैकवाटर्स, सदाबहार जंगलों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है।
Kerala Trip: केरल को गॉड्स ओन कंट्री कहा जाता है और यह नाम अपने आप में बहुत कुछ कह देता है। भारत के दक्षिणी किनारे पर बसा यह राज्य नारियल के पेड़ों, बैकवाटर्स, सदाबहार जंगलों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। लेकिन किसी भी यात्रा को यादगार और आरामदायक बनाने के लिए यह ज़रूरी होता है कि आप उस जगह के बारे में कुछ ज़रूरी बातें पहले से जान लें। यहां हम आपको केरल जाने से पहले ध्यान में रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातों से परिचित करा रहे हैं।
मौसम और सही समय का चुनाव

केरल की जलवायु उष्णकटिबंधीय है। यानी यहां सालभर गर्मी और नमी बनी रहती है। यदि आप मानसून में रोमांच पसंद करते हैं तो जून से सितंबर का समय आपके लिए उपयुक्त है क्योंकि इस दौरान हरियाली अपने चरम पर होती है और आयुर्वेदिक उपचारों का यह सर्वोत्तम समय माना जाता है। वहीं यदि आप सूखे मौसम में यात्रा करना चाहते हैं तो अक्टूबर से मार्च के बीच का समय सबसे बेहतर होता है। इस दौरान तापमान मध्यम रहता है और समुद्र तटों, पहाड़ियों और बैकवाटर पर्यटन के लिए यह आदर्श मौसम होता है।
बातचीत के लिए अंग्रेज़ी का प्रयोग
केरल की प्रमुख भाषा मलयालम है लेकिन राहत की बात यह है कि अधिकांश लोग अंग्रेज़ी भाषा में बातचीत कर लेते हैं। पर्यटन स्थलों पर तो स्थानीय टैक्सी ड्राइवर, गाइड और होटल स्टाफ अंग्रेज़ी समझते और बोलते हैं। हालांकि, कुछ आम मलयालम शब्द जैसे नन्दी (धन्यवाद) या सुखम आनो? (कैसे हो?) सीख लेने से स्थानीय लोग सैलनियों से प्रभावित होते हैं जिससे आपकी यात्रा और भी सुखद बन जाती है।
कपड़ों और रीति-रिवाज़ों का ध्यान

केरल भले ही शैक्षणिक और सामाजिक रूप से प्रगतिशील राज्य है लेकिन पारंपरिक मान्यताएं अभी भी बहुत हद तक प्रचलित हैं, खासकर मंदिरों और ग्रामीण क्षेत्रों में। मंदिरों में प्रवेश करते समय पुरुषों को कमर के नीचे धोती या मुंडु पहनना होता है और स्त्रियों को साड़ी या सलवार-कुर्ता। कई प्रसिद्ध मंदिरों में जींस या वेस्टर्न कपड़े पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं होती। इसलिए यात्रा के दौरान हल्के और संयमित वस्त्रों का चुनाव करना बेहतर होता है।
चिकित्सा के प्रति खुलापन
केरल आयुर्वेद चिकित्सा की जन्मभूमि मानी जाती है। यहां के कई रिसॉर्ट्स और केंद्र पारंपरिक पंचकर्म थेरेपी, मसाज और शुद्धिकरण प्रक्रियाएं प्रदान करते हैं। यदि आप केरल में स्वास्थ्य लाभ भी लेना चाहते हैं तो विश्वसनीय और प्रमाणित आयुर्वेदिक सेंटर का चुनाव करें। यात्रा से पहले अपॉइंटमेंट बुक कर लेना सुविधाजनक रहेगा। इस जगह पर आपको यहाँ की आयुर्वेद चिकित्सा को आज़माना चाहिए।
भोजन और स्थानीय स्वाद

केरल का खाना नारियल, चावल और मसालों से भरपूर होता है। यदि आप मांसाहारी हैं तो यहां की मछली, केरल स्टाइल चिकन करी और ऐपम ज़रूर आज़माएं। वहीं शाकाहारी यात्रियों के लिए पुट्टू-कडाला, अवियल और सादा इडली सांभर एक स्वादिष्ट अनुभव देंगे। केले के पत्ते पर परोसा गया पारंपरिक भोजन एक खास अनुभव होता है जिसे त्योहारों या विशेष अवसरों पर परोसा जाता है। जिसे बाहर से आए सैलानी बहुत ज़्यादा पसंद करते हैं।
