Jaya Kishori Life Story: देश की जानी मानी कथावाचक जया किशोरी अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। वह छोटी सी उम्र से ही कथा वाचन कर रही हैं। उनकी कथाओं को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। सबसे ज्यादा लोगों को जया किशोरी के भजन और कथा सुनना बेहद पसंद है। इतना ही नहीं उनकी मोटिवेशनल स्पीच भी लोगों को काफी ज्यादा इंस्पायर करती है। दिनों-दिन जया किशोरी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने फॉलो करते हैं।
इतना ही नहीं वह भी सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती हैं। लोगों से जुड़े रहने के लिए वह इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक पर आए दिन तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं। लोग उनकी कथाओं के साथ-साथ उनकी निजी जिंदगी के बारे में जानने के लिए भी काफी ज्यादा उत्सुक रहते हैं। आज हम आपको जया किशोरी की निजी जिंदगी की कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। चलिए जानते हैं जया किशोरी ने कितनी पढ़ाई लिखाई की है और वह एक कथा वाचन का कितना चार्ज करती है?
जया किशोरी की जीवनी

कथावाचक बनने से पहले और लोकप्रियता मिलने से पहले जया किशोरी का नाम जया शर्मा हुआ करता था। उनका जन्म 13 अप्रैल 1995 में राजस्थान के सुजानगढ़ में हुआ था। वह एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुई हैं। छोटी सी उम्र में ही जया किशोरी ने कथा वाचन करना शुरू कर दिया था। उन्हें बचपन से ही भजन गाना अच्छा लगता था। वह अपने दादा दादी से भजन सीखती थी। 9 साल की उम्र में संस्कृत में लिंगाष्टकम, शिव तांडव स्त्रोत, रामाष्टकम जैसे तमाम स्रोत उन्होंने याद कर लिए थे।
कितनी पढ़ी लिखी हैं जया किशोरी
बात करें जया किशोरी के एजुकेशन की तो उन्होंने अपने शुरुआती पढ़ाई श्री शिक्षणाटन कॉलेज और कोलकाता की महादेवी बिरला विश्व एकेडमी से पूरी की। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जया किशोरी ने डिस्टेंस मोड से बीकॉम की पढ़ाई की। उनके पास बीकॉम की डिग्री है। वह आगे भी पढ़ाई करना चाहती थी लेकिन नहीं कर पाई। इस बात की जानकारी उन्होंने एक इंटरव्यू में दी। वह पढ़ाई के साथ-साथ भजन और गीता का पाठ याद करती थी। छोटी उम्र से ही उन्होंने कथावाचन करना शुरू कर दिया था। अभी भी वह पढ़ाई करना चाहती हैं। अभी भी वह रोजाना फ्री टाइम में किताबें पढ़ना, भजन सुनना, फैमिली के साथ समय बिताना और संगीत सीखना पसंद करती हैं।
एक कथा की इतनी फीस लेती हैं जया किशोरी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जया किशोरी एक कथा का 9.5 लाख रुपए चार्ज करती हैं। इसमें से वह 4.25 लाख एडवांस लेती है और बाकी के पैसे वह पूरी कथा वाचन करने के बाद लेती हैं। हालांकि यह उनकी फिक्स फिक्स नहीं है। क्योंकि अगर कोई गरीब परिवारों ने कथा के लिए बुलाता है तो कहीं बिना पैसे के ही प्रवचन करती हैं। वहीं जो पैसे व कथा वाचन करने के बाद कमाती है उसे वह खुद पर खर्ज नहीं करती बल्कि वह समाजसेवा के लिए खर्च करती है। संस्था दिव्यांगों के कल्याण के लिए भी वह आर्थिक मदद करती हैं। उनकी कमाई का मोटा हिस्सा वह नारायण सेवा संस्थान को डोनेट कर देती है।
