japanese shukan method
japanese shukan method

Overview:

जापानी सालों से शुकन तकनीक का पालन कर रहे हैं। जापान के लोग शुकन को न सिर्फ फॉलो करते हैं, बल्कि उनका मानना है कि इंसान का विकास और सफलता काफी हद तक इसी पर निर्भर है।

Japanese Success Method: एक अच्छी दिनचर्या ही सफलता की नींव है। हमारे बड़े-बुजुर्गों से लेकर पेरेंट्स और टीचर्स बचपन से यही बात समझाते आए हैं। अब शोध भी इस सीख को सही मानते हैं। जापानी सालों से इसी नियम का पालन कर रहे हैं, जिसे ‘शुकन’ कहा जाता है। जापान के लोग शुकन को न सिर्फ फॉलो करते हैं, बल्कि उनका मानना है कि इंसान का विकास और सफलता काफी हद तक इसी पर निर्भर है। यह जापानी संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। क्या है जापानी तकनीक ‘शुकन’, आइए जानते हैं।

शुकन के हैं कई फायदे

Japanese Success Method-शुकन का मतलब है आदत और दिनचर्या। यह जापान की संस्कृति का हिस्सा है।
Shukan means habit and routine. It is part of Japanese culture.

शुकन का मतलब है आदत और दिनचर्या। यह जापान की संस्कृति का हिस्सा है। जापानी मानते हैं कि जब लोग लगातार किसी काम का अभ्यास करते हैं तो यह आपकी आदत बन जाता है। इससे लोग अनुशासन का महत्व समझ जाते हैं। व्यक्तिगत विकास से लेकर कार्यस्थल तक जापानी इसी तकनीक को अपनाते हैं। इससे लोगों में हमेशा नई बातें सीखने की आदत बनी रहती है। उन्हें मनचाही सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ती हैं और भावनात्मक स्थिरता भी आती है।

बचपन से ही डालते हैं आदत

जापान अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। जापानी अपने देश और परिवार के बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। यह आदत भी कहीं न कहीं शुकन से ही जुड़ी है। जापानी अपने बच्चों को बहुत छोटी उम्र से ही दिनचर्या की अहमियत समझा देते हैं। वहां के स्कूलों में बच्चों को सिर्फ किताबी पढ़ाई नहीं करवाई जाती। बल्कि उन्हें व्यवहारिक ज्ञान भी दिया जाता है। ओ-सोजी यानी सफाई का समय भी इसमें शामिल है। वहां बच्चे खुद अपने क्लासरूम साफ करते हैं। उससे बचपन से ही उन्हें बिना भेदभाव के एक-दूसरे का सम्मान करना आता है। साथ ही वे जिम्मेदारी, स्वच्छता, आपसी सहयोग, सामाजिक कौशल और एकता की सीख लेते हैं। यही सीख जिंदगीभर उनके काम आती है।

अलग है ऑफिस कल्चर

जापान का कॉर्पोरेट कल्चर दुनियाभर में मशहूर है। वहां भी शकुन रूल फॉलो किया जाता है। यहां ऑफिस में काइजेन फिलॉसफी पर फोकस किया जाता है। जिसमें कर्मचारियों को निरंतर सुधार की गुंजाइश दी जाती है। उन्हें बेहतर बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वहीं कार्यस्थल पर लोग समय के पाबंद होते। वे पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ टास्क पूरे करने की कोशिश करते हैं।

साइंस ने माना रूटीन का महत्व

जापान लोंगिट्युडिनल स्टडी ऑफ चिल्ड्रन एंड पैरेंट्स की एक स्टडी के अनुसार जिन बच्चों की दिनचर्या व्यवस्थित होती है। यानी जिनके जागने, पढ़ने, खेलने, स्क्रीन देखने और सोने का समय निर्धारित होता है, वे ऐसा न करने वालों की तुलना में ज्यादा सफल होते हैं। ऐसे बच्चे सिर्फ पढ़ाई ही नहीं हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

आप ऐसे अपनाएं शकुन

इस शानदार जापानी तकनीक को अपनाने के लिए आपको बहुत ज्यादा प्रयास करने की जरूरत नहीं है। आपकी छोटी-छोटी कोशिशें भी बड़े बदलाव ला सकती है। आप अच्छी आदतें दोहराने की कोशिश करें। शुरुआत में यह काम मुश्किल हो सकता है। लेकिन समय के साथ आपको उसकी आदत होने लगेगी। अपने लक्ष्यों की सूची बनाएं और उस पर काम करना शुरू करें। जैसे जैसे सफलता मिलेगी, आपका जोश भी बढ़ने लगेगा। आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। भावनात्मक स्थिरता आएगी। योग, मेडिटेशन और माइंडफुलनेस को अपनाएं, ये सभी आपको शांत बनाएंगे।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...