क्या सच में चालाक होते हैं लेफ्ट हाथ से लिखने वाले, जानिए सच्चाई: International Left Handers Day
International Left Handers Day

Overview:

इंटरनेशनल लेफ्ट हैंडर्स डे हर साल 13 अगस्त को मनाया जाता है। इस खास दिन की शुरुआत साल 1992 में लेफ्ट हैंडर्स क्लब के मेंबर्स ने की थी। दरअसल, लेफ्ट हैंडर्स को रोजमर्रा की जिंदगी में कई परेशानियां आती हैं, लेकिन अधिकांश लोगों का ध्यान इनपर नहीं जाता है।

International Left Handers Day: ‘बाएं हाथ से काम करने वाले लोग बहुत चालाक होते हैं।’ आमतौर पर लोग उल्टे हाथ से काम करने वाले लोगों के लिए यही सोच रखते हैं। लेकिन कोई भी धारणा बनाने से पहले यह जानना जरूरी है कि इस बात में कितनी सच्चाई है और इसे लेकर साइंस क्या कहती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में मौजूद लोगों में से मात्र 10 प्रतिशत लोग ही लेफ्ट हाथ से काम कर पाते हैं। हर साल दुनियाभर के इन चुनिंदा ‘खास’ लोगों के लिए इंटरनेशनल लेफ्ट हैंडर्स डे मनाया जाता है। कैसे हुई इसकी शुरुआत ये भी बहुत रोचक है।

International Left Handers Day-दुनियाभर की कई मशहूर हस्तियां लेफ्ट हैंडर हैं।
Many famous personalities around the world are left handed.

दुनियाभर की कई मशहूर हस्तियां लेफ्ट हैंडर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महानायक अमिताभ बच्चन, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, एक्टर रजनीकांत, बिजनेस टाइकून रतन टाटा, सिंगर आशा भोसले, भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स जैसे कई मशहूर हस्तियां लेफ्ट हैंडर हैं।  

इंटरनेशनल लेफ्ट हैंडर्स डे हर साल 13 अगस्त को मनाया जाता है। इस खास दिन की शुरुआत साल 1992 में लेफ्ट हैंडर्स क्लब के मेंबर्स ने की थी। दरअसल, लेफ्ट हैंडर्स को रोजमर्रा की जिंदगी में कई परेशानियां आती हैं, लेकिन अधिकांश लोगों का ध्यान इनपर नहीं जाता है। ऐसे में लोगों को इन परेशानियों के प्रति जागरूक करने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई। लेफ्ट हैंडर्स क्लब के मेंबर्स का तर्क था कि दुनियाभर में कुछ ही प्रतिशत लेफ्ट हैंडर होते हैं। ऐसे में सभी सुविधाएं और व्यवस्था दांए हाथ को काम में लेने वालों यानी राइट हैंडर्स के लिए बनाई जाती हैं। जिससे लेफ्ट हैंडर्स में हीन भावना आती है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता।

इतिहास के पन्नों को खंगाले तो पता चलता है कि मध्य युग में बाएं हाथ से काम करने वालों को हीन भावना से देखा जाता था। माना जाता था कि ऐसे लोग जादू-टोना करते हैं। 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका में लेफ्ट हैंडर्स को सीधे हाथ से काम करना सिखाया जाता था, जिससे वे सामान्य लगें। इतना ही नहीं कुछ वैज्ञानिक ये दावा करते थे कि ब्रेन डैमेज के कारण इंसान लेफ्ट हैंडर होता है। हालांकि सालों बाद हुए शोध से ये मिथक टूटे। वैज्ञानिकों ने यह साबित किया कि लेफ्ट हैंडर होना उच्च बुद्धि का वरदान है।

दाएं हाथ से काम करने वाले बुद्धिमान हैं या बाएं हाथ से काम करने वाले, इस विषय को लेकर आज भी वैज्ञानिकों में विरोधाभास है। इंडियन एकेडमी ऑफ एप्लाइड साइकोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार बाएं हाथ से काम करने वाले लोग दाएं हाथ से काम करने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। वे हर काम में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। वहीं ब्रेन जर्नल की एक स्टडी के अनुसार बाएं हाथ के लोगों और दाएं हाथ के लोगों के बीच आनुवंशिक अंतर होता है। करीब चार लाख लोगों के डेटा की जांच करने पर वैज्ञानिकों ने पाया कि लेफ्ट हैंडर्स के ब्रेन के दोनों हिस्से आपस में ज्यादा बेहतर तरीके से जुड़े होते हैं। इसलिए ऐसे लोग बोलचाल में और व्यवहार कौशल में माहिर होते हैं। वहीं न्यूरोसाइंस एंड बायो बिहेवियरल रिव्यू में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार बाएं हाथ से काम करने वाले लोगों में बौद्धिक विकलांगता की आशंका ज्यादा होती है। ऐसे में बात साफ है कि आज भी इस विषय को लेकर विरोधाभास कायम है। हालांकि अब काफी लोग लेफ्ट हैंडर्स की समस्याएं समझ पाते हैं।  

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...