Overview:भारत का एक ऐसा मंदिर जहां दर्शन से किडनी रोगों से मिलती है राहत
ऊथथुर का शुद्ध रत्नेश्वरर मंदिर सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास का प्रतीक है। यहां आने वाले श्रद्धालु मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ की उम्मीद लेकर लौटते हैं। चाहे आस्था का मामला हो या सांस्कृतिक धरोहर का, यह मंदिर भारत की आध्यात्मिक धरोहरों में एक विशेष स्थान रखता है।
Kidney Disease Cure Temple: भारत की भूमि चमत्कारों और आस्थाओं से भरी पड़ी है। यहां कई ऐसे मंदिर हैं, जिनसे जुड़े विश्वास और परंपराएं लोगों के लिए आशा की किरण बन जाती हैं। ऐसा ही एक अद्भुत मंदिर है ऊथथुर का शुद्ध रत्नेश्वरर मंदिर , जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से किडनी रोगों से मुक्ति मिलती है।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

तमिलनाडु के त्रिची ज़िले में स्थित यह मंदिर सदियों पुराना है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव शुद्ध रत्नेश्वरर के रूप में विराजमान हैं। मंदिर की मूर्ति और परिसर का स्थापत्य शैली दर्शाता है कि यह स्थान न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
किडनी रोगों से जुड़ी मान्यता

स्थानीय श्रद्धालुओं और पुरानी कथाओं के अनुसार, यहां दर्शन करने और विशेष पूजा करने से किडनी रोगों में लाभ मिलता है। मंदिर के जलकुंड का पानी औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। कई भक्त यहां आकर अपनी समस्याओं से मुक्ति पाने की गवाही दे चुके हैं।
मंदिर की विशेष पूजा विधियां
यहां आने वाले भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना करते हैं। विशेष रूप से “अभिषेक” और “अर्चना” करवाई जाती है। स्थानीय पुजारियों के अनुसार, भगवान को बेलपत्र, धतूरा और अक्षत चढ़ाने से रोगमुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ऊथथुर मंदिर तक पहुंचने का तरीका
रेल मार्ग से: त्रिची (तिरुचिरापल्ली) रेलवे स्टेशन इस मंदिर के सबसे पास है। वहां से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है।
वायु मार्ग से: त्रिची अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे निकट है, जहां से टैक्सी या बस लेकर मंदिर पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग से: त्रिची शहर से ऊथथुर तक सीधी बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
दर्शन का समय और आयोजन
मंदिर सुबह से रात तक भक्तों के लिए खुला रहता है। शिवरात्रि और प्रमुख शिव पूजा पर्वों पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इन दिनों मंदिर में विशेष आयोजन और भजन-कीर्तन भी होते हैं।
स्थानीय संस्कृति और वातावरण
मंदिर के आस-पास का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है। यहां की ग्रामीण संस्कृति, पारंपरिक भोजन और प्राकृतिक सुंदरता भक्तों को विशेष अनुभव कराती है।
श्रद्धालुओं के अनुभव
कई श्रद्धालु दावा करते हैं कि यहां पूजा-अर्चना करने के बाद उनके किडनी संबंधी रोगों में सुधार हुआ। हालांकि, यह पूरी तरह आस्था पर आधारित है और चिकित्सकीय सलाह को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
