Gemstones are not just ornaments that enhance beauty, but powerful elements that directly influence a person’s planets and destiny.

Summary: शुभ फल पाने के लिए रत्न पहनते समय रखें ये सावधानियां

हर रत्न एक ग्रह से जुड़ा होता है और उसी के अनुसार असर करता है। अगर सही रत्न चुना जाए तो यह जीवन में शुभता और सफलता ला सकता है, लेकिन गलत चुनाव जीवन में बाधाएं भी खड़ी कर सकता है।

Rules for Gemstones: रत्न केवल सुंदरता बढ़ाने का आभूषण नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के ग्रह-नक्षत्रों और भाग्य पर सीधा असर डालता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सही रत्न पहनने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और शांति आती है, वहीं गलत रत्न पहन लेने पर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। यही कारण है कि रत्न पहनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ताकि किसी भी प्रकार के नेगेटिविटी से बचाव हो सके। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

रत्न खरीदने से पहले हमेशा किसी अनुभवी और विद्वान ज्योतिषाचार्य की सलाह लें। हर व्यक्ति की जन्मकुंडली अलग होती है और हर ग्रह की स्थिति भी भिन्न होती है। केवल देखने में सुंदर लगने वाले या फैशन के लिए रत्न खरीदना हानिकारक हो सकता है। सही रत्न चुनने के लिए ग्रह दशा और नक्षत्र का विश्लेषण करना जरूरी है।

If you have worn a gemstone, you should avoid removing and wearing it repeatedly.
Gemstone

अगर आपने कोई रत्न धारण किया है तो उसे बार-बार उतारने और पहनने से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा करने से रत्न की ऊर्जा और प्रभाव कम हो जाता है। रत्न तभी शुभ फल देता है जब वह लगातार शरीर के संपर्क में बना रहे।

कभी भी टूटा-फूटा, खंडित या रंग उड़ा हुआ रत्न धारण न करें। ऐसे रत्नों की सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और कभी-कभी इसका नकारात्मक असर भी हो सकता है। यदि आपका रत्न खंडित हो जाए या रंग बदल दे, तो उसे तुरंत निकालकर नए रत्न से बदल लेना चाहिए।

A gemstone works only when it directly touches your skin. Therefore, whether it is a ring or a locket, the part of the gemstone should remain exposed so that its energy can reach your body.
Rules for wearing gemstones

रत्न तभी असर करता है जब वह आपकी त्वचा को सीधे छुए। इसलिए चाहे अंगूठी हो या लॉकेट, उसमें रत्न का हिस्सा खुला होना चाहिए ताकि उसकी शक्ति आपके शरीर तक पहुंच सके। अगर रत्न और त्वचा के बीच कोई रुकावट होगी, तो उसका पूरा लाभ नहीं मिलेगा।

रत्न धारण करने से पहले उसका पूजन करना और संबंधित ग्रह के मंत्र का उच्चारण करना जरूरी है। मंत्रों के साथ रत्न धारण करने से उसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, पन्ना धारण करने से पहले बुध मंत्र, माणिक धारण करने से पहले सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।

रत्न की ऊर्जा केवल उसी व्यक्ति के लिए प्रभावी होती है, जिसके लिए वह चुना गया है। किसी दूसरे का रत्न पहनने से उल्टा असर हो सकता है। इसी तरह, अपना रत्न भी किसी और को पहनने के लिए न दें। यह शास्त्रों में वर्जित माना गया है।

शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति जैसे दिनों में रत्न धारण करना वर्जित है। इन दिनों का वातावरण अशुभ माना जाता है और ऐसे समय पर पहना गया रत्न वांछित फल नहीं देता। रत्न हमेशा शुभ मुहूर्त में और सही दिन पर ही धारण करना चाहिए।

नीलम और हीरा बेहद शक्तिशाली रत्न माने जाते हैं। ये हर किसी को सूट नहीं करते। नीलम विशेष रूप से शनि ग्रह से जुड़ा होता है और अगर यह सूट न करे तो तुरंत नकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। इसलिए इन्हें केवल ज्योतिषाचार्य की सलाह के बाद ही पहनना चाहिए।

रत्न का असर उसके वजन और कैरेट पर निर्भर करता है। अगर वजन कम होगा तो वह असरदार नहीं होगा, और ज़्यादा कैरेट का गलत असर डाल सकता है। इसलिए ज्योतिषाचार्य की सलाह के अनुसार ही कैरेट और वजन वाला रत्न पहनें।

स्वाति कुमारी एक अनुभवी डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं, जो वर्तमान में गृहलक्ष्मी में फ्रीलांसर के रूप में काम कर रही हैं। चार वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली स्वाति को खासतौर पर लाइफस्टाइल विषयों पर लेखन में दक्षता हासिल है। खाली समय...