Chintaman Ganesh Temple Ujjain
Chintaman Ganesh Temple Ujjain

Overview:महाकाल की नगरी उज्जैन में छुपा है चिंतामण गणेश मंदिर, दर्शनमात्र से दूर होती हैं सारी चिंताऐं और परेशानियां

उज्जैन का चिंतामण गणेश मंदिर महाकाल की नगरी का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहां भगवान गणेश के तीन रूप—चिंतामण, इच्छामण और सिद्धिविनायक—एक साथ विराजते हैं। मान्यता है कि दर्शन करने से भक्तों की सभी चिंताएं दूर होती हैं। मंदिर की स्थापना, उल्टा स्वास्तिक परंपरा, वास्तुकला और पौराणिक जलधारा इसे और भी खास बनाती हैं। भक्तों के लिए आसान यात्रा और ठहरने की सुविधाएं भी मौजूद हैं

Chintaman Ganesh Temple: उज्जैन केवल महाकाल के लिए ही नहीं, बल्कि अनेक पवित्र मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। इनमें से एक बेहद खास मंदिर है चिंतामण गणेश मंदिर। यह मंदिर अन्य गणेश मंदिरों से अलग इसलिए माना जाता है क्योंकि यहां भगवान गणेश के तीन रूप एक साथ विराजते हैं—चिंतामण, इच्छामण और सिद्धिविनायक।

मान्यता है कि चिंतामण रूप भक्तों की सभी चिंताओं को दूर करता है, इच्छामण रूप इच्छाओं को पूरा करता है, और सिद्धिविनायक रूप साधकों को उनकी साधना में सिद्धि देता है। यही वजह है कि श्रद्धालु यहां दूर-दूर से आते हैं।

मंदिर की कहानी भी रोचक है। कहते हैं कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण यहां आए थे। लक्ष्मण जी के बाण से फूटा जलधारा आज भी मंदिर के परिसर में है। 18वीं शताब्दी में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का नवीनीकरण कराया। मंदिर की वास्तुकला अनोखी और स्तंभों पर नक्काशी बारीक है। गणेश चतुर्थी और रक्षाबंधन जैसे त्यौहारों पर यहां विशेष पूजा होती है और भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

तीन रूपों में विराजमान भगवान गणेश

Located in the city of Mahakal, this sacred temple brings peace and relief from life’s troubles.
Located in the city of Mahakal, this sacred temple brings peace and relief from life’s troubles.

चिंतामण गणेश मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है यहां भगवान गणेश की स्वयंभू मूर्ति। तीन रूप—चिंतामण, इच्छामण और सिद्धिविनायक—एक साथ विराजमान हैं। चिंतामण रूप भक्तों की सारी चिंता दूर करता है, इच्छामण रूप उनके दिली इच्छाओं को पूरा करता है और सिद्धिविनायक रूप साधकों को उनकी साधना में सफलता देता है। यही वजह है कि श्रद्धालु यहां विशेष रूप से आकर अपनी मनोकामना पूरी करने की आशा रखते हैं।

पौराणिक कथा और ऐतिहासिक महत्व

Ujjain’s hidden gem: Chintaman Ganesh Temple, where every worry disappears with just a visit.
Ujjain’s hidden gem: Chintaman Ganesh Temple, where every worry disappears with just a visit.

कहते हैं कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण अपने वनवास के दौरान यहां आए थे। माता सीता को प्यास लगी थी और आसपास पानी नहीं था। लक्ष्मण जी ने बाण चलाकर भूमि पर प्रहार किया, जिससे जलधारा फूट निकली। उसी स्थान पर बाद में बावड़ी बनाई गई, जो आज भी मंदिर परिसर में मौजूद है और इसे पवित्र माना जाता है। यह कथा मंदिर की धार्मिक मान्यता को और गहराती है।

उल्टा स्वास्तिक बनाने की अनोखी परंपरा

मंदिर में एक अनोखी परंपरा है—भक्त अपनी मनोकामना लेकर भगवान गणेश के सामने उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। मान्यता है कि जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वे वापस आकर सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान का आभार व्यक्त करते हैं। यह परंपरा यहां की विशेष धार्मिक प्रथा है और भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।

स्थापत्य कला और वास्तुकला

मंदिर का वर्तमान स्वरूप 18वीं शताब्दी में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया। मंदिर की वास्तुकला बेहद सुंदर और बारीक नक्काशी से युक्त है। इसके स्तंभ और गर्भगृह पर परमार शैली की झलक देखी जा सकती है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वास्तुकला प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।

भक्तों के लिए यात्रा और सुविधाएँ

चिंतामण गणेश मंदिर उज्जैन शहर से कुछ किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग, रेल मार्ग और निकटतम हवाई अड्डा (इंदौर) से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। शहर में अलग-अलग बजट के होटल, धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। गणेश चतुर्थी, रक्षाबंधन और अन्य त्यौहारों पर मंदिर में विशेष पूजा होती है और भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है।

मेरा नाम वामिका है, और मैं पिछले पाँच वर्षों से हिंदी डिजिटल मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर सक्रिय हूं। विशेष रूप से महिला स्वास्थ्य, रिश्तों की जटिलताएं, बच्चों की परवरिश, और सामाजिक बदलाव जैसे विषयों पर लेखन का अनुभव है। मेरी लेखनी...