खर्चों को कैसे करें मैनेज जब हो सिंगल इनकम, महिलाएं अपनायें ये तरीके: Manage Expenses
Manage Expenses Credit: Istock

Manage Expenses: जितनी इनकम होती है, खर्चे उससे कहीं ज्यादा हमारी राह तक रहें होते हैं, ये हर घर की कहानी है। खर्चो पर लगाम कसना जरूरी है खासकर तब जब घर के सारे खर्चों का बोझ एक सिंगल इनकम पर हो तो। कुछ टिप्स का इस्तेमाल करके आप सिंगल इनकम में भी अच्छे से सारे खर्चे मैनेज कर सकती हैं। आज हम आपको ऐसी ही कुछ तरीकों के बारे में बताने वाले हैं जिसे अपनाकर आप सिंगल इनकम से खर्चो को मैनेज भी कर पाएंगी और साथ ही अपने और अपनी फैमिली के भविष्य के लिए सेविंग भी कर पाएंगी।

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सबसे पहले सेविंग करें-

Manage Expenses
Saving

सेविंग छोटी हो या बड़ी, सेविंग जरूर करनी चाहिए और महिलायें तो सेविंग करने में माहिर होती हैं। कहते हैं न बूँद बूँद से सागर बनता है, ऐसे ही छोटी छोटी सेविंग से ही आपका फ्यूचर सिक्योर होता है। कोरोना काल तो आपने देखा ही होगा, उस वक़्त हर इंसान को पैसों की अहमियत और सेविंग्स के माईने दोनों समझ आ गए थे।

अपना बजट जरूर बनायें-

Budget

बजट बनाना तो बेहद ही जरुरी है, जब आप  हर महीने का बजट बनाती है तो आपको पता होता है की बच्चो की पढ़ाई में कितना खर्च करना है, घर में कितना खर्च करना है, शॉपिंग के लिए कितने पैसे रखने है, सेविंग कितनी अलग करनी है। बजट बनाने से खर्चे सिमित हो जाते है। और ऐसा करने से सिंगल इनकम को मैनेज करने में भी काफी आसानी होती है।

अपनी जेब के हिसाब से ले लोन-

EMI

आजकल के ज़माने में लोन ने लोगो की ज़िन्दगी को काफी हद तक आसान बना दिया है। हर महीने ईएमआई (EMI) देकर घर की चीज बन जाती है, लेकिन लोन अगर जेब को देखते हुए न लिया जाये तो आपके घर की आर्थिक स्थिति ख़राब हो सकती है, और उसका असर आपकी सेहत पर भी पड़ता है। लोन का पैसा तो आपको चुकाना ही पड़ेगा, चाहे आप कैसे भी चुकाए, इसलिए उतना ही लोन लीजिये जितना हर महीने आसानी से भर सकते है। यदि सिंगल इनकम हो तो लोन और भी सोच समझ के लेना चाहिए |

जरुरी चीजों पर पहले खर्च करें-

spend on important things first
spend on important things first

कुछ भी बिना सोचे समझे खरीद लेना समझदारी नहीं है। इसलिए खरीदने से पहले सोचिये, की क्या ये खरीदना जरूरी है, क्या इसे खरीदे बिना आपका गुजरा चल सकता है, तो ही खरीदिये वरना लोगो की देखा देखी आप अपने घर का ही बजट बिगाड़ बैठेंगी।

बच्चों को पैसों की अहमियत समझाएं-

Child saving money

आप सोच रही होंगी कि बच्चो को पैसों की अहमियत क्यों समझाएं? बच्चे अगर शुरू से ही पैसों की अहमियत सीखेंगे, तो वो बाद में उनके बहुत काम आने वाली है। इसके लिए आप १० साल तक के बच्चों को हर महीने कुछ सिमित पॉकेट मनी दे सकती हैं। जिससे बच्चे उस  पॉकेट मनी से कुछ पैसे जोड़ें और कुछ खर्च करें, ऐसा करने से बच्चे मनी मैनेजमेंट भी सीखेंगे और सेविंग करना भी।

इमरजेंसी के लिए पैसे रखे

इमरजेंसी फण्ड वो होता है जो आप किसी इमरजेंसी के लिए पहले से पैसा अलग रखते हैं। ज़ाहिर सी बात है मुसीबत कभी पूछ कर नहीं आती। भगवान् न करे कि आपके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूटे, लेकिन अचानक से किसी इमरजेंसी में अगर खर्चा ज्यादा हो जाए तो पूरे महीने का बजट हिल जाता है। इसलिए आप इमरजेंसी फण्ड को सबसे पहले इनकम में से अलग कर लीजिये ताकि मुसीबत के समय आपको किसी के आगे हाथ न फ़ैलाने पड़ें।

पहले सोचें, फिर खर्चा करें-

हम अक्सर पहले खर्चा कर देते हैं, और बाद में सोचते हैं कि अरे यार इस महीने ज्यादा खर्चा हो गया। ये कहने की आपको जरुरत ही नहीं पड़ेगी जब आप पहले सोचेंगी, और बाद में खर्चा करेंगी। जरुरी चीजों पर ही खर्चा करें, लोगों की बातो में आकर खर्चा बिल्कुल न करें, अपनी जेब की हिसाब से ही खर्चा करना चाहिए ताकि बाद में आपको पछताना न पड़े|

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