Homemade Coco Peat: गर्मियों के दिनों में नारियल का ठंडा ठंडा पानी ताजगी भरा एहसास देता है। पूजा पाठ के काम में भी नारियल का उपयोग अनिवार्य रुप से होता ही है। ऐसे में घर में नारियल के छिलकों का ढेर भर जाना आम है। अगर इन बेकार छिलकों से कोई काम की चीज तैयार कर ली जाए तो कितना बेहतर हो? क्या आप जानते हैं, नारियल के बेकार छिलकों से गार्डन के लिए कोकोपीट तैयार की जा सकती है।
प्लांट्स वेस्ट बायोडिग्रेडेबल होता है, और साथ ही बेहतरीन खाद की तरह भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। बाजार में उपलब्ध कोकोपीट मशीनों से बनाई जाती है और नारियल के भूसी वाले हिस्से से घर में ही आसानी से कोकोपीट तैयार की जा सकती है। कोकोपीट गार्डन के लिए बहुत फायदेमंद होता है, ये पौधों की अच्छी ग्रोथ में सहायता करता है। आइए जानते हैं, नारियल के बेकार छिलकों से गार्डनिंग के लिए कोकोपीट तैयार करने का आसान तरीका।
नारियल के छिलकों से ऐसे करें कोकोपीट तैयार

- बीज उगाने के लिए या गार्डन की मिट्टी को बागवानी के लिए फिट बनाने हेतु कोकोपीट का इस्तेमाल किया जाता है। इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले नारियल के भूसी वाले छिलकों को इकट्ठा कर लिया जाना चाहिए, इन भूसी वाले हिस्सों से ही कोकोपीट तैयार की जाती है।
- कोको पीट के लिए नारियल के छिलकों का पाउडर बनाना जरूरी है। इसके लिए नारियल के छिलकों को हाथ से तोड़कर या चाकू से काट कर छोटे-छोटे हिस्सों में रख लिया जाता है। इसके बाद इन टुकड़ों को मिक्सर में डालकर अच्छे से पीस लें, ध्यान रहे कि मिक्सर में छिलके का कोई बड़ा टुकड़ा नहीं होना चाहिए।
- कोकोपीट बनाने के लिए पाउडर को साफ कर लें। इसके लिए छलनी से मिक्सर को छानकर बचे हुए टुकड़ों को अलग कर लिया जाना चाहिए। इन टुकड़ों को दोबारा बारीक पीसकर मिक्सचर में मिलाया जा सकता है। अच्छे से पीसे हुए छिलकों से कोकोपीट का टेक्सचर बेहतरीन आता है।
- एक बार मिक्सचर तैयार हो जाए तो उसे पानी भरकर महीने दो महीने के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए। नारियल की भूसी पानी को आसानी से सोख लेती है और धीरे धीरे फूलने लगती है। कोकोपीट बनाने के लिए यह स्टेप बेहद जरूरी है। ध्यान रहे कि सारा मिक्सर पानी में अच्छे से घुल जाए और पानी को अधिक से अधिक एब्जॉर्ब कर ले।
- गीले कोकोपीट मिक्सचर को निचोड़ कर एक्स्ट्रा पानी को अलग कर लें। इसके बाद कोकोपीट पाउडर को धूप में सुखाया जाना चाहिए। 1-2 दिन धूप में सुखाने के बाद यह कोकोपीट गार्डन और मिट्टी में इस्तेमाल किए जाने के लिए तैयार हो जाता है।
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कोकोपीट के उपयोग से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें

- पेड़ पौधों को फंगल इन्फेक्शन और खरपतवार से बचाने के लिए कोकोपीट का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लंबे समय तक नमी रहती है साथ ही गलने और खराब होने का खतरा एकदम कम, जिसके कारण यह पौधों और बीजों को अच्छी ग्रोथ देने में मददगार सिद्ध होता है।
- कोकोपीट को बाजारों से भी खरीदा जा सकता है। बड़े-बड़े गार्डंस में भी अच्छी उपज के लिए कोकोपीट का इस्तेमाल किया जाता है। छोटे बालकनी गार्डंस या गमलों के लिए कोकोपीट को घर में ही तैयार करना बेहतर विकल्प है।
- कोकोपीट का इस्तेमाल करने से पौधों को जरूरी न्यूट्रिशन दिया जा सकता है। इसके अलावा कोकोपीट ऑर्गेनिक फसलों को उगाने में बड़ा सहायक है। इसका उपयोग करने के बाद किसी दूसरी खाद या कीटनाशक का कोई काम नहीं रह जाता है।
