पीपल के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है? जानिए माता लक्ष्मी से जुड़ी यह पौराणिक कथा: Tree Worship Importance
Tree Worship Importance

Tree Worship Importance: सनातन संस्कृति में बताया गया है कि सभी प्रकार के पेड़ पौधों में किसी न किसी देवता का निवास जरूर होता है। किसी भी देवता विशेष से जुड़े पेड़ पौधे की नियमित पूजा करने और दीपक जलाने से व्यक्ति के जीवन के कई संकट दूर हो जाते हैं और साथ ही देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। पद्म पुराण के अनुसार, पीपल के पेड़ में साक्षात लक्ष्मी नारायण का वास होता है। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति के घर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है और घर में सुख समृद्धि आती है। पीपल के पेड़ को धार्मिक दृष्टि से सभी वृक्षों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता लक्ष्मी के कारण पीपल का पेड़ पूजनीय है। सभी तरह के शुभ कार्यों, हवन, यज्ञ, अनुष्ठान आदि के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। आज इस लेख के द्वारा हम पीपल के पेड़ की पूजा की पौराणिक कथा और पीपल के पेड़ की पूजा के महत्व के बारे में जानेंगे

माता लक्ष्मी से जुड़ा है पीपल के पेड़ का इतिहास

Tree Worship Importance
Tree Worship History

पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, पद्म पुराण में एक कथा का वर्णन मिलता है जिसके अनुसार, माता लक्ष्मी धन संपदा की देवी हैं तथा उनकी दरिद्रा (अलक्ष्मी) गरीबी और शोक की देवी हैं। दरिद्रा पीपल के पेड़ में निवास करती थीं क्योंकि कोई भी दरिद्रता की देवी अलक्ष्मी को अपने घर में नहीं रखना चाहता था। दरिद्रा का अकेलापन दूर करने के लिए माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से लक्ष्मी नारायण रूप में पीपल के वृक्ष में रहने का वरदान मांगा। भगवान विष्णु ने कहा कि जो व्यक्ति पीपल के पेड़ की पूजा करेगा उसे सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होगी और वह अलक्ष्मी के प्रभाव से बचा रहेगा। जब दरिद्रा ने भगवान विष्णु से कहा कि यदि पीपल की पेड़ पूजा की जाएगी तो वह पीपल के पेड़ में नहीं रह पाएगी क्योंकि दरिद्रा को पूजा और धर्म के कार्य अच्छे नहीं लगते थे। तब भगवान विष्णु ने दरिद्रा को भी यह वरदान दिया कि जो व्यक्ति रविवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करेगा उसे अलक्ष्मी की प्राप्ति होगी। उस व्यक्ति के घर से संपन्नता का नाश हो जायेगा।

पीपल के पेड़ की पूजा का महत्व

Tree Worship Importance
Tree Worship Importance in Hindu Belief

गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि “अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम ” जिसका अर्थ है कि “मैं ही सभी वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं।” पीपल के पेड़ की जड़ में भगवान विष्णु, तने में भगवान शिव और शाखाओं में ब्रह्मा जी रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ में पितरों का निवास भी होता है। शनिदेवता के प्रकोप से बचने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है। शनि की साढ़े साती और ढैया से बचना के लिए हर शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करते समय सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगाते हुए शनि मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए। पितर दोष से मुक्ति पाने के लिए पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ होता है।

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