20+ ग्वालियर में घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल
अगर आप ग्वालियर घूमने जाने का मन बना रहे हैं तो हम आपको यहाँ के 20 ऐसे पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं जिन्हें देखने के बाद आपका मन बार-बार इस शहर में आने का करेगा।
Gwalior Me Ghumne ki Best Jagah: मध्य प्रदेश में पर्यटन स्थलों की अगर बात की जाये तो ग्वालियर का अपना अलग ही महत्व है। अगर आपको इतिहास में रुचि है तो एक बार ऐतिहासिक रूप से समृद्ध इस स्थान को देखने ज़रूर जायें। इस ऐतिहासिक शहर पर तोमर, मुगल, मराठा और सिंधिया जैसे राजाओं का शासन रहा। ग्वालियर में कई किले, महल, म्यूजियम और भी बहुत कुछ देखने लायक है। दुनिया भर से लोग ग्वालियर को देखने के लिए आते हैं। अगर आप ग्वालियर घूमने जाने का मन बना रहे हैं तो हम आपको यहाँ के 20 ऐसे पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं जिन्हें देखने के बाद आपका मन बार-बार इस शहर में आने का करेगा।
जगहें | दूरी/किलोमीटर |
ग्वालियर क़िला (Gwalior Fort) | 3.1 |
गुजरी महल (Gujri Mahal) | 3.5 |
जय विलास पैलेस (Jai Vilas Palace) | 2.7 |
तेली का मंदिर (Teli ka Mandir) | 7 |
सूर्य मंदिर (Sun Temple) | 6.6 |
गांधी चिड़ियाघर (Gandhi Zoo) | 1.9 |
सास-बहू का मंदिर (Saas-Bahu ka Mandir) | 6.7 |
सूरज कुंड (Suraj Kund) | 6 |
फूल बाग (Phool Bagh) | 2.2 |
सरोद घर (Sarod Ghar) | 5 |
रानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल (Rani Laxmi Bai Samadhi Sthal) | 2.1 |
गोपाचल पर्वत (Gopachal Parvat) | 2.4 |
तिघरा बांध (Tighra Dam) | 24.2 |
चौसठ योगिनी मंदिर (Chousath Yogini Temple) | 40 |
राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण (National Chambal Sanctury) | 100 |
तानसेन का मकबरा (Tomb of Tansen) | 3 |
बीर सिंह पैलेस (Beer Singh Palace) | 67 |
बटेश्वर मंदिर (Bateshwar Temple) | 35 |
सराफ़ा बाज़ार (Sarafa Baazar) | 5.1 |
मोती महल (Moti Mahal) | 1.7 |
ग्वालियर का किला (Gwalior Fort)
ग्वालियर क़िला यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह किला भारत के सबसे समृद्ध किलों में से एक है। तीन वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले 35 फीट ऊँचे इस क़िले का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था। इसके अंदर बनी वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। किले का निर्माण सन् 727 ईसवी में सूर्यसेन ने किया था। किले में कई ऐतिहासिक स्मारक , बुद्ध, जैन मंदिर और महल मौजूद हैं। किला इतना मजबूत है कि अगर कोई किले पर आक्रमण करने की कोशिश करे तो भी क़िला गिरेगा नहीं।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश शुल्क 75 प्रति व्यक्ति है। सुबह 7:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक आप इस क़िले को देखने जा सकते हैं।
जय विलास पैलेस (Jaivilas Palace)
यूरोपियन स्टाइल के आर्किटेक्चर पर बने इस ऐतिहासिक महल को देखने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। 1876 में इस महल को प्रिंस जॉर्ज और राजकुमारी मैरी के स्वागत के लिए बनाया गया था। हॉल के इंटीरियर में 560 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है। यहां चाँदी से बनी एक मॉडल ट्रेन रखी गई है, जो डाइनिंग टेबल पर लगी है। इस पैलेस में 400 कमरे बने हैं। यहां 35 कमरों में म्यूजियम खुल गया है, जो सिंधिया राजघराने के इतिहास की जानकारी देता है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश शुल्क 150 रुपए है। अप्रैल से सितंबर तक यह सुबह 10:00 बजे से शाम 4:45 बजे तक और अक्टूबर से मार्च यह सुबह 10:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है। बुधवार को म्यूजियम बंद रहता है।
तेली का मंदिर (Teli Ka Mandir)
ग्वालियर क़िला देखने जाते हैं तो तेली का मंदिर भी ज़रूर देखकर आयें। द्रविड़ शैली की वास्तुकला में बने भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी ईस्वी में प्रतिहार राजा मिहिर भोज के शासनकाल के दौरान किया गया था। लगभग 30 मीटर ऊंचे इस मंदिर में एक बरामदा और एक द्वार के साथ एक गर्भगृह है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
तानसेन का मकबरा (Tomb of Tansen)
तानसेन का मकबरा अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संजोकर रखने के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। तानसेन का मकबरा मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है, जो एक हरे-भरे बगीचे से घिरा हुआ है जिसे तानसेन बाग के नाम से जाना जाता है। इस मकबरे में कहा जाता है की यह मकबरा की जैसे और कोई भी मकबरा अभी तक नहीं बना है। यहां तानसेन और उनके गुरु मोहम्मद गौस दोनों की कब्र हैं। तानसेन के बारे में कहा जाता है की उनके गायन से यानि दीपक राग से दिये जल उठाते थे और मल्हार राग से बारिश होने लगती थी।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
गुजरी महल (Gujri Mahal)
ग्वालियर क़िले में स्थित गुजरी महल का निर्माण राजा मान सिंह तोमर ने 15वीं शताब्दी मे अपनी पसंदीदा गूजर रानी मृगनयनी के लिए प्रेम के स्मारक के रूप में करवाया था। गुजरी महल का संग्रहालय मध्यप्रदेश का सबसे पुराना संग्रहालय है और इस महल को रंगीन टाइलों से सजाया गया हैं। यहां विभिन्न शहरों से खुदाई के दौरान प्राप्त हुए अवशेषों को सहेज कर रखा गया है। इन धरोहरों में विशेषकर प्रतिमाएं, प्राचीन मुद्राएं, चित्रकारी, वाद्य यंत्र और अस्त्र-शस्त्र प्रदर्शित हैं, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
प्रवेश शुल्क
भारतीय नागरिकों के लिए यहाँ प्रवेश शुल्क 20 रुपए है। महल संग्रहालय सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है। संग्रहालय सोमवार और मध्य प्रदेश सरकार की सभी छुट्टियों पर बंद रहता है।
सूर्य मंदिर (Sun Temple)
सूर्य भगवान को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 1988 में प्रसिद्ध उद्योगपति जीडी बिड़ला द्वारा किया गया था। उड़ीसा के कोणार्क के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर की तर्ज पर निर्मित , ग्वालियर का सूर्य मंदिर लाल बलुआ पत्थर और मोती सफेद संगमरमर से बना है। यह मंदिर भगवान सूर्य के रथ के आकार का हैै।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश निःशुल्क है। यह मंदिर सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और दोपहर 1:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
फूल बाग (Phool Bagh)
ग्वालियर यात्रा के दौरान आप फूल बाग देखने ज़रूर जायें। यहाँ बहुत ही खूबसूरत बगीचे और झरने देखने को मिलते हैं। इसका निर्माण मराठा शासक माधव राव शिंदे ने किया था और 1922 में इसका उद्घाटन प्रिंस ऑफ़ वेल्स ने किया था। इसके परिसर में एक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चिड़ियाघर भी हैं। बच्चों के लिए यह जगह बहुत ही अच्छी है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश निःशुल्क है। इसको देखने आप सुबह 6:30 से शाम 7 बजे तक कभी भी जा सकते हैं।
गांधी चिड़ियाघर (Gandhi Zoo)
अगर आपके साथ बच्चे भी हैं तो आप ग्वालियर चिड़ियाघर भी देखने जा सकते हैं। ग्वालियर चिड़ियाघर में मौजूद बाघ, मगरमच्छ, सांप, लकड़बग्घा, शुतुरमुर्ग, दरियाई घोड़ा, शेर, चित्तीदार और काला हिरण, सांभर, बंदर आदि जानवरों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक जाते हैं।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश शुल्क 30 रुपए है। बच्चों के लिए प्रवेश शुल्क 10 रुपए है। गांधी चिड़ियाघर शुक्रवार को छोड़कर सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
सास बहू का मंदिर (Saas-Bahu Mandir)
ग्वालियर किला परिसर में स्थित सास-बहू मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी की अनुकरणीय शिल्प कौशल और वास्तुशिल्प कुशलता को प्रदर्शित करता है। सास-बहू मंदिर मूल रूप से सहस्त्रबाहु मंदिर के रूप में जाना जाता था, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। ग्वालियर में घूमने के लिए सबसे अच्छे आकर्षणों में से एक जुड़वां मंदिर है जिसे सास बहू मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिसे अक्सर सहस्त्रबाहु मंदिर या हरिसदानम मंदिर के रूप में जाना जाता है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश निःशुल्क है।
सूरज कुंड (Suraj Kund)
सूरज कुंड किले में एक टैंक है। ऐसा माना जाता है कि टैंक में पानी एक चिकित्सीय तरल के रूप में कार्य करता है जिससे पुरानी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इसे पंद्रहवीं शताब्दी में बनाया गया था। इस कुंड का सूर्यास्त और सूर्योदय के समय देखने का अलग ही आनंद है। ऐसा माना जाता है कि ग्वालियर के खोजकर्ता सूरज सेन तालाब के पानी को पीने के बाद अपने कोढ़ से ठीक हो गए थे।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है।
मोती महल (Moti Mahal)
ग्वालियर में स्थित मोती महल एक बहुत ही सुंदर महल है, इसका निर्माण पेशवा पैलेस की तरह ही किया गया था। इस महल में 900 कमरे हैं। इस महल का निर्माण जय विलास पैलेस के साथ ही किया गया था। कहा जाता है कि मोती महल सिंधिया घराने का राज्य सचिवालय था। यहां पर राज्य का कार्य किया जाता था। आजादी के बाद इसे मध्य प्रदेश की विधानसभा भी बनाया गया और यहीं पर मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री ने शपथ भी ली।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश निःशुल्क है। रविवार को छोड़कर सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक पैलेस पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
सरोद घर (Sarod Ghar)
अगर आप संगीत के शौक़ीन हैं तो आपके लिये सरोद घर यहां का सबसे बढ़िया पर्यटन स्थल है।उस्ताद हाफिज अली खान के पुश्तैनी घर के भीतर स्थित इस सरोद घर में आपको दिग्गज कलाकारों द्वारा बजाये गए पुराने वाद्य यंत्र मिल सकते हैं। यहां आपको शास्त्रीय संगीत के बारे में बहुत कुछ जानने को मिल सकता है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश शुल्क 20 रुपए हैं। यह : सुबह 10:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक खुला रहता है। रविवार को बंद रहता है।
रानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल (Rani Laxmibai Ki Samadhi)
भारतीय इतिहास की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में जानी जाने वाली झाँसी कि रानी लक्ष्मीबाई की यहां समाधि है। समाधि के अलावा, साइट में रानी लक्ष्मी बाई धातु की मूर्ति भी है जो 8 मीटर लंबी है। कहा जाता है कि रानी के अवशेषों को जलाने के बाद इसी समाधि में दफन किया गया था। हर साल जून में रानी के सम्मान में वहां मेला लगता है। समाधि के चारों और हरियाली है और समाधि के सामने लक्ष्मी बाई की बड़ी-सी मूर्ति भी डिजाइन की गई है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है।
गोपाचल पर्वत (Gopachal Parvat)
यहां जैन धर्मावलंबियों के तीर्थंकरों की एक से बढ़कर एक प्रतिमाएं देखने को मिलती हैं। गोपाचल पर्वत पर हज़ारों की संख्या में जैन प्रतिमाएं विराजमान हैं। कहा जाता है ये प्रतिमाएं मध्य पर्वत को तराशकर बनाई गई हैं, इनका निर्माण तोमरवंशी राजा वीरमदेव, डूंगरसिंह व कीर्ति सिंह के काल में हुआ था। यहां 26 गुफाएं हैं, सभी में भगवान पार्श्वनाथ और तीर्थकरों की खड़ी और बैठने की मुद्रा में प्रतिमाएं हैं। ये भी कहा जाता है कि 1528 में बाबर यहां आया था। जिसने इन एतिहासिक जैन प्रतिमाओं को खंडित करने का आदेश दिया था।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है।
तिघरा बांध (Tighra Dam)
तिघरा बांध ग्वालियर के पास तिघरा में स्थित एक ताजे पानी का जलाशय है। झील में एक बढ़िया रेस्टोरेंट है और आप झील में नौका विहार का आनंद भी ले सकते हैं। यह जलाशय विभिन्न प्रकार की मछलियों और अन्य जल जीवों से भरा हुआ है। झील में खूबसूरत पक्षी भी देखने को मिलते हैं। बारिश के समय जब तिघरा बांध के गेट खोल दिए जाते हैं तो नज़ारा बहुत ही रोमांचकारी हो जाता है। आगंतुकों के लिए बांध पर नौका विहार के अनेक विकल्प उपलब्ध हैं। भारत रत्न एम विश्वेश्वरैया से इस बांध का निर्माण कराया गया था।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश निःशुल्क है।
चौसठ योगिनी मंदिर (Chousath Yogini Temple)
ग्वालियर से लगभग 40 किमी की दूरी पर मितावली गाँव में प्रसिद्ध चौसठ योगिनी मंदिर है। अगर मौक़ा मिले तो आप इस मंदिर में दर्शन के लिए ज़रूर जाएँ। कहा जाता है कि ये भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान शिव और पार्वती के विवाह की मूर्ति स्थापित है। चौसठ योगिनी मंदिर को 10वीं शताब्दी में कल्चुरी राजवंश के राजा युवराज देव प्रथम ने बनवाया था। इस मंदिर में 81 योगिनियों की मूर्ति भी हैं।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश निःशुल्क है।
राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य (National Chambal Sanctuary)
अगर आपको वाइल्ड लाइफ में रुचि है तो ग्वालियर यात्रा के दौरान 100 किमी की दूरी पर स्थित राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण जाना चाहिये। इसे राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्यजीव अभ्यारण के नाम से भी जाना जाता है। यहां गंभीर रूप से विलुप्तप्राय घड़ियाल, लालमुकुट कछुआ को संरक्षित किया गया है। 5400 वर्ग किमी. में फैली इस सैंक्चुरी में आप जंगल सफारी भी कर सकते हैं। अभयारण्य के भीतर चम्बल नदी अपने मूल प्राकृतिक रूप में बीहड़ खाईयों और पहाड़ियों से गुज़रती है और उस पर कई रेतीले किनारों पर वन्यजीव देखने को मिलते हैं।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
बीर सिंह पैलेस (Beer Singh Palace)
ग्वालियर से 67 किमी. दूर दतिया में पहाड़ी पर स्थित एक किला है, बीर सिंह पैलेस। इंडो-इस्लामिक शैली में बने इस पैलेस का नाम महाराजा बीर सिंह देव के नाम पर रखा गया है। 1614 में उन्होंने ही इस किले को बनवाया था। कहा जाता है कि इस महल को पूरा होने में 9 साल का समय लग गया था। स्थानीय लोग इस किले को गोविंद मंदिर के नाम से भी जानते हैं। आर्किटेक्चर के शानदार नमूने को देखने के लिए आपको यहाँ जाने का प्लान बनाना चाहिए।
प्रवेश शुल्क
इस पैलेस में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
बटेश्वर मंदिर (Bateshwar Temple)
ग्वालियर से लगभग 35 किमी. की दूरी पर स्थित बटेश्वर मंदिर एक नहीं बल्कि खूब सारे मंदिरों का एक समूह है। इनमें ज्यादातर मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं और कुछ भगवान विष्णु को समर्पित हैं। बलुआ पत्थर से बना यह मंदिर मध्य प्रदेश की हेरीटेज साइटों में से एक है। 25 एकड़ में फैले इन मंदिरों का निर्माण 8वीं से 11वीं शताब्दी के बीच में हुआ था। ये गुर्जर-प्रतिहार शैली के मंदिर समूह हैं। पहले यहां 200 से अधिक मंदिर थे लेकिन, बाद में 60 मंदिरों को पुननिर्मित किया गया।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश निःशुल्क है।
सराफ़ा बाज़ार (Sarafa Market)
अगर आपको अपनी ग्वालियर यात्रा के दौरान कुछ शॉपिंग करने का मन हो तो आप सराफ़ा ज़रूर जायें। यहाँ आपको आभूषणों से लेकर हस्तशिल्प और वस्त्रों तक सब कुछ एक ही जगह पर मिल जाएगा। ख़ास बात यह है कि यहाँ सब कुछ बहुत ही कम दाम में उपलब्ध है। शॉपिंग के साथ ही आप बाजार में पानी पुरी और अन्य स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का स्वाद लेना न भूलें ।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है। यह बाज़ार सुबह 10 बजे से रात के 10 बजे तक खुला रहता है।
ग्वालियर घूमने का सही समय – Best time to visit Gwalior
अगर आप ग्वालियर घूमने जाना चाहते हैं तो सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। यहाँ गर्मी बहुत ज्यादा होती है इसलिए मार्च के बाद यहाँ जाने से बचें।
ग्वालियर कैसे पहुँचे?
हवाई जहाज से– दिल्ली, मुंबई, जयपुर, चंडीगढ़, कोलकाता, अहमदाबाद और कोच्चि, इंदौर और भोपाल जैसे शहरों से ग्वालियर के लिए नियमित उड़ानें हैं। भारत के अन्य शहरों के साथ-साथ अन्य देशों के पर्यटक दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से कनेक्टिंग फ़्लाइट लेकर यहां पहुँच सकते हैं। यहां का निकटतम हवाई अड्डा राजमाता विजया राजे सिंधिया एयर टर्मिनल जो ग्वालियर से 10 किमी दूर है।
ट्रेन से – ग्वालियर भारत के प्रमुख शहरों से सीधी ट्रेन लिंक द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस से 3 घंटे में, भारत की राजधानी नई दिल्ली से ग्वालियर पहुंच सकते हैं।जम्मू, चंडीगढ़, अमृतसर, देहरादून, अहमदाबाद, नागपुर, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, कन्याकुमारी, विशाखापट्टनम, पटना, कोलकाता, आदि से ट्रेन लिंक से यह जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से– ग्वालियर मध्य प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों और आस-पास के क्षेत्रों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ पास के कई शहरों से आप सरकारी और प्राइवेट बसों के अलावा कार से भी जा सकते हैं।
ग्वालियर में ठहरने के लिए टॉप स्टार होटल
ताज ऊषा किरण पैलेस
जयेन्द्रगंज, लश्कर, ग्वालियर
रेडिसन ग्वालियर
अलकापुरी सिटी सेंटर, प्लॉट नंबर 13-14, तुलसी विहार कॉलोनी, ग्वालियर
क्लार्क इन सुइट्स
महारानी लक्ष्मी बाई मार्ग, शिंदे की छावनी, ग्वालियर
FAQ | ग्वालियर में पर्यटन स्थलों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले
ग्वालियर के इतिहास के बारे में अच्छे से जानने के लिए आपको कम से कम 2 से 3 दिन का समय चाहिए।
अगर साधारण होटल में रहकर ग्वालियर घूमते हैं तो आप 10 से 12 हज़ार में घूम सकते हैं। लेकिन, अगर आप अच्छा होटल लेते हैं तो आपको 20 से 25 हज़ार तक खर्च करने पढ़ सकते हैं।
ग्वालियर में गर्मी बहुत ज्यादा होती है इसलिए गर्मी के मौसम में यहाँ जाने से बचें। यह शहर देखने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फ़रबरी तक है।
ग्वालियर में एक तरफ़ जहां बहुत हाई-क्लास होटल हैं वहीं कम बजट के होटल भी बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं। आप क़िले के पास के किसी होटल में रहेंगे तो आपको बहुत सी जगह देखने में आसानी होगी।
रात के समय ग्वालियर में घूमने के लिए आप सराफ़ा और दूसरे लोकल मार्केट घूमने जा सकते हैं।
ग्वालियर में रात में करने के लिए बहुत कुछ नहीं है। वैसे आजकल कुछ होटेल्स में नाईट-पार्टी होने लगी हैं तो आप इनमें जाकर इंजॉय कर सकते हैं।