Guwahati Travel Tips
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गुवाहाटी की ख़ास बात

यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा हुआ है और हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

Guwahati Travel Tips: गुवाहाटी असम की राजधानी और उत्तर-पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार के रूप में जानी जाती है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा हुआ है और हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। गुवाहाटी में आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है जहां आप धार्मिक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवन का अनुभव कर सकते हैं। यदि आप इस खूबसूरत शहर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो यहां के ये पांच पर्यटन स्थल आपका मन मोह लेंगे।

गुवाहाटी का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कामाख्या देवी मंदिर है, जो नीलांचल पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर देवी शक्ति की पूजा के लिए प्रसिद्ध है और इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहां हर साल अम्बुबाची मेले का आयोजन किया जाता है, जो तांत्रिक साधना और शक्ति उपासना का प्रमुख पर्व है। मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है और यहां से पूरे गुवाहाटी शहर का सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है। यदि आप आध्यात्मिकता में रुचि रखते हैं, तो यह स्थान आपके लिए एक अनोखा अनुभव होगा। यहां आकर भक्तों को एक गहरी शांति और दिव्यता का एहसास होता है।

गुवाहाटी के बीचों-बीच ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित उमानंद द्वीप भारत का सबसे छोटा नदी द्वीप है। इस द्वीप पर स्थित उमानंद मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस छोटे लेकिन खूबसूरत द्वीप तक पहुंचने के लिए आपको नाव या फेरी का सहारा लेना होगा। द्वीप का नाम “पीकॉक आइलैंड” इसलिए पड़ा क्योंकि यहां पहले मोर पाए जाते थे। शांत वातावरण, हरी-भरी प्रकृति और नदी का किनारा इसे एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बनाते हैं। यहां आकर आप कुछ समय प्राकृतिक सुंदरता में खो सकते हैं और अपने मन को शांत कर सकते हैं।

Kaziranga
Kaziranga

अगर आप वन्य जीवन प्रेमी हैं, तो गुवाहाटी से करीब 200 किमी दूर काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा जरूर करें। यह उद्यान विश्व धरोहर स्थल है और एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है। यहां हाथी सफारी और जीप सफारी के माध्यम से आप गैंडे, बाघ, हाथी, हिरण और कई अन्य दुर्लभ जीवों को करीब से देख सकते हैं। सर्दियों में यह जगह और भी खास हो जाती है क्योंकि यहां कई प्रवासी पक्षी आते हैं। यदि आप प्रकृति और वन्य जीवन का अनुभव करना चाहते हैं, तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है।

गुवाहाटी से लगभग 18 किमी दूर स्थित दीपोर बील एक प्राकृतिक झील और पक्षी अभयारण्य है। यह झील असम का एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय स्थल है, जहां हजारों प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं। अगर आपको पक्षियों को देखने का शौक है, तो सर्दियों के मौसम में यहां आना आपके लिए बेहद खास होगा। यहां आपको साइबेरियन सारस, ग्रे लेग गीज़, एग्रेट्स और कई अन्य विदेशी पक्षी देखने को मिलेंगे। इस शांत और सुरम्य स्थल पर आकर आप प्रकृति के करीब महसूस करेंगे।

गुवाहाटी में स्थित नवग्रह मंदिर ज्योतिष और खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर 9 ग्रहों को समर्पित है और नीलांचल पर्वत पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि गुवाहाटी का नाम भी इसी मंदिर से पड़ा है— “गुहा” का अर्थ होता है “ग्रह” और “हाटी” का अर्थ होता है “बाजार”। यहां से पूरे शहर का मनमोहक दृश्य दिखता है और यह आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने के लिए एक आदर्श स्थान है।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...