घर के मंदिर में किन देवी-देवताओं की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए?: Temple Vastu Tips
कुछ देवी-देवता ऐसे होते हैं, जिनकी मूर्तियां घर में रखने से अच्छी और सकारात्मक ऊर्जा आती है। लेकिन कुछ देवताओं के ऐसे रूप भी होते हैं, जो बहुत तेज़, गुस्से वाले या रक्षक रूप होते हैं। ऐसे रूपों की पूजा घर में नहीं, बल्कि मंदिरों में या खास जगहों पर की जाती है।
Temple Vastu Tips: हिंदू धर्म में हम बहुत सारे देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। लेकिन जब हम घर में पूजा करते हैं, तो ये ध्यान रखना जरूरी होता है कि हम भगवान का कौन-सा रूप घर में रख रहे हैं। क्योंकि कुछ देवी-देवता ऐसे होते हैं, जिनकी मूर्तियां घर में रखने से अच्छी और सकारात्मक ऊर्जा आती है। लेकिन कुछ देवताओं के ऐसे रूप भी होते हैं, जो बहुत तेज़, गुस्से वाले या रक्षक रूप होते हैं। ऐसे रूपों की पूजा घर में नहीं, बल्कि मंदिरों में या खास जगहों पर की जाती है। इसलिए जब भी आप घर के पूजा-घर में किसी देवी-देवता की मूर्ति रखें, तो सोच-समझकर और धर्म के नियमों को ध्यान में रखकर ही रखें। इससे घर में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है। आइए जानते हैं किन देवी देवताओं की मूर्ति घर में नही रखनी चाहिए।
शनि देव

शनि देव ग्रह के देवता हैं, जिन्हें कर्मों का फल देने वाला माना जाता है। शनि की मूर्ति को घर में रखने से कुछ लोग मानते हैं कि यह घर में तनाव, बाधाएं और कठिनाइयां ला सकता है। इसलिए शनि देव की मूर्ति आमतौर पर मंदिर या पूजा स्थल पर ही रखी जाती है। घर में उनकी मूर्ति रखने की बजाय उनके तिलक या चित्र को पूजा स्थल पर रखना बेहतर माना जाता है।
काल भैरव
काल भैरव भगवान शिव का एक भयंकर रूप हैं, जो समय और मृत्यु के देवता माने जाते हैं। उनकी मूर्ति बहुत शक्तिशाली और डरावनी होती है। घर के अंदर उनकी मूर्ति रखने से डर, अशांति या नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है। इसलिए काल भैरव की मूर्ति विशेष मंदिरों या घर के बाहर, जैसे गेट के पास रखी जाती है ताकि वह घर की रक्षा कर सकें।
घर के मंदिर में महिषासुर मर्दिनी की मूर्ति न रखें
महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा का रौद्र रूप है, जिसमें वे राक्षस महिषासुर का वध करती हैं। इस रूप में मां दुर्गा के पास तलवार और भाला होता है और उनका रूप बहुत उग्र होता है। घर में ऐसी मूर्ति रखने से घर की शांति कम हो सकती है। घर का माहौल थोड़ा अशांत हो सकता है। इसलिए घर में मां दुर्गा का शांति और दयालु रूप रखना बेहतर होता है।
ब्रह्मा जी

ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचयिता माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद उनकी पूजा न तो घर के मंदिरों में की जाती है, और न ही सामान्य रूप से मंदिरों में। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार उनकी पत्नी माता सावित्री ने उन्हें श्राप दिया था कि धरती पर उनकी पूजा नहीं की जाएगी। इसी कारण ब्रह्मा जी के बहुत कम मंदिर हैं और उनकी उपासना बहुत सीमित रूप में की जाती है। इसलिए घर में उनकी मूर्ति नही रखनी चाहिए।
मंदिर में ध्यान रखने वाली बातें
- भगवान की मूर्ति या फोटो हमेशा उत्तर या पूर्व की ओर मुंह करके रखें। इसका मतलब पूजा करने वाला व्यक्ति दक्षिण या पश्चिम की ओर मुंह करके पूजा करेगा।
- भगवान शिव के तांडव रूप या क्रोध की मुद्रा वाली तस्वीरें भी मंदिर में नहीं रखनी चाहिए।
- एक ही भगवान की कई तस्वीरें मंदिर में रखने से मन भ्रमित होता है, इसलिए एक ही रूप की एक तस्वीर या मूर्ति रखें।
- फोटो या मूर्ति टूटी-फूटी या धुंधली न हो। अगर कोई फोटो खराब हो गई हो तो उसे पवित्र जैसे नदी में प्रवाहित करें।
