जानिए भारत में कैसे शुरू हुआ रावण पुतला दहन की परंपरा
आइए जानते हैं भारत में रावण पुतला दहन की परपंरा कब और कैसे शुरू हुई और भारत में सबसे पहली बार रावण दहन कहाँ किया गयाI
When Ravana Dahan Start: दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर रौशनी का प्रतीक हैI हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान राम ने इसी दिन लंकापति रावण का वध किया थाI लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि क्यों रावण का पुतला जलाया जाता है और इस परंपरा की शुरुआत कैसे हुईI आज हम आप इस लेख में यही बताएँगे कि भारत में रावण पुतला दहन की परपंरा कब और कैसे शुरू हुई और भारत में सबसे पहली बार रावण दहन कहाँ किया गयाI
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क्यों होता है रावण दहन

रावण सोने की लंका का सम्राट थाI वह अस्त्र-शस्त्रों का पारंगत, पराक्रमी, तपस्वी और प्रकांड विद्वान व ज्ञानी थाI रावण के 10 सिर थे और ऐसा कहा जाता है कि वह अपने दस सिर से 10 दिशाओं पर एक साथ नियंत्रण कर सकता थाI रावण ने 10 हजार वर्षों तक ब्रह्माजी की तपस्या की और हर 1,000 वें वर्ष में उसने अपने 1 सिर की आहुति दी, इसी तरह जब वह अपना 10 वां सिर चढ़ाने लगा तो ब्रह्माजी प्रकट हुए और रावण से वरदान मांगने को कहाI रावण ने ब्रह्माजी से ऐसा वरदान मांगा, जिसकी वजह से उसे मारना मुश्किल थाI लेकिन रावण का सर्वनाश उसके अपने अहंकार और क्रोध के कारण हुआ थाI जब भगवान राम ने रावण का वध किया, तो इसे बुराई पर अच्छाई की जीत माना गयाI इसी कारण से हर साल रावण के पुतले का दहन किया जाता हैI
भारत में रावण पुतला दहन कब शुरू हुआ?

उत्तर भारत में दशहरा का त्योहार रावण का पुतला दहन कर मनाया जाता हैI भारत के अलग- अलग शहरों में रावण पुतला दहन की शुरुआत अलग-अलग समय में हुई हैI आइए रावण दहन के बारे में और विस्तार से जानते हैं-
रांची में हुआ था पहली बार रावण दहन

रावण पुतला दहन परंपरा की शुरुआत सबसे पहले झारखंड के रांची शहर से हुई थीI यहाँ पाकिस्तान से आए कुछ रिफ्यूजी परिवारों ने सन् 1948 में विजयादशमी के दिन रावण दहन कर दशहरा मनाने की परंपरा की शुरुआत की थीI उस समय यह एक छोटे कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था, लेकिन अब इसका आयोजन काफी बड़े स्तर पर किया जाता है और लोग इसे काफी धूमधाम से मनाते हैंI
पहली बार दिल्ली में ऐसे शुरू हुआ था रावण दहन
दिल्ली का रावण दहन काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, यहाँ भव्य तरीके से रावण दहन का आयोजन किया जाता हैI यहाँ पहली बार रावण दहन 17 अक्टूबर 1953 को रामलीला मैदान में किया गया थाI इस रावण के पुतले को बनाने के लिए कागज या लकड़ी का इस्तेमाल नहीं किया गया था, बल्कि इसे कपड़ों से तैयार किया गया था और इसका दहन कर दशहरा मनाया गयाI
नागपुर में ऐसे किया गया था पहला रावण दहन
पहली बार नागपुर में रावण दहन के लिए रावण का पुतला 35 फीट ऊंचा बनाया गया थाI उस जमाने में रावण के पुतले को बनाने में सबसे बड़ी समस्या यह थी कि रावण का पुतला कैसे खड़ा किया जाएगा, क्योंकि उस समय क्रेन आदि की सुविधा उपलब्ध नहीं थीI ऐसे में नागपुर महानगर पालिका ने सहयोग का हाथ बढ़ाया और लकड़ी का एक बड़ा सा मचान और सीढ़ी तैयार किया, जिस पर 50 लोग चढ़े और 100 लोगों ने रावण के पुतले को रस्सी से बांधकर उसके चारों ओर खड़े हो गए और इसे जला कर रावण दहन किया गयाI
