Tallest Ravan 2022: दशहरे पर आपने रावण-मेघनाद-कुंभकर्ण के पल भर में जलते बड़े-बड़े पुतले जरूर देखे होंगे। लेकिन क्या आपने 125 फुट ऊंचे या फिर तकरीबन कुतुब मीनार जितने रावण के पुतले को देखा-सुना है। यह गप्प नहीं है, आइये आपको बताते हैं इसके बारे में :
हरियाणा के बराड़ा गांव में दुनिया का सबसे बड़ा पुतला
दशहरे के अवसर पर कई सालों से रावण के रिकार्डतोड़ पुतलों का निर्माण और दहन किया जाता है- हरियाणा के अंबाला जिले के बराड़ा गांव में। इस साल यहां जो पुतला जलाया जाएगा, वह 125 फुट ऊंचा और साढे़ तीन टन भारी होगा। अगर रावण के पुतले की ऊंचाई की बात की जाए तो पुतले का मुकुट 30 फुट, छत्र 5 फुट, चेहरा 15 फुट, धड़ 50 फुट, टांगे 20 फुट, जूते 5 फुट ऊंचे हैं।
पुतले के हाथ में पकड़ी जाने वाली तलवार 30 फुट लंबी होगी। इतने बड़े पुतले के निर्माण में 20 क्विंटल लोहा, 1 क्विंटल फाइबर ग्लास, 700 मीटर कपड़ा, 500 मीटर मैट, 1 क्विंटल सुतली, 24 फुट लंबे 500 बांस, पेंट जैसा सामान इस्तेमाल किया गया है। इतने बड़े पुतले के दहन के लिए इसमें रिमोट सेंसिंग की भी व्यवस्था की गई है। बराड़ा के संत प्रेम सिंह काॅलोनी के ग्राउंड में रावण का यह पुतला दशहरे से दो दिन पहले (2 अक्तूबर को) खड़ा कर दिया जाएगा और रावण दहन से इको-फ्रेंडली आतिशबाजी का प्रबंध भी किया गया है। 5 अक्तूबर दशहरे पर शाम लगभग 7 बजे इस पुतले को रिमोट से दहन किया जाएगा। सबसे बड़ी बात है कि दशहरे के अवसर पर यहां 4 अक्तूबर के शाम 6.30 पर गायक माणिक अली द्वारा संगीत की महफिल का आयोजन भी किया गया है जिसमें श्रोतागण हिस्सा ले सकते हैं।

रावण का यह विशाल और अनूठा पुतला बराड़ा के राष्ट्र जागरण मंच के तत्वाधान में बनाया गया है। करीब एक महीने के अद्भुत कला-कौशल और बेजोड़ टीम वर्क की मिसाल है। इसे बनाने का श्रेय बराड़ा के श्रीरामलीला क्लब के संस्थापक राणा तेजिन्दर सिंह चौहान, स्थानीय समाजसेवियों और कारीगरों की टीम को जाता है। रावण के पुतले बनाने का काम बराड़ा में करीब 34 वर्ष से हो रहा है।
कुछ अलग कर दिखाने और नाम कमाने की चाह में तेजिन्दर सिंह ने रावण बनाने का काम 1987 में शुरू किया। पहली बार 20 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया था, जो बढ़ते-बढ़ते 2018 में 210 फुट और 2019 में 220 फुट का हो गया था। लेकिन यह विडंबना ही है कि इस साल पुतले का कद केवल 125 फुट का ही रह गया है। इसके पीछे मूल कारण पुतले के दहन के लिए समुचित मैदान की अनुपलब्धता और मंहगाई की मार है। जिसकी वजह से पहले भी दशहरे पर रावण के विशालकाय पुतलों को दहन के लिए 2018 में पंचकुला और 2019 में चंडीगढ़ में ले जाना पड़ा था।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा के एक कस्बे बराड़ा में बने रावण के पुतले लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी शामिल किए गए हैं। 2009-2016 तक बने कुछ पुतलेे लिम्का बुक के 5 रिकॉर्ड (2011, 2013, 2014, 2015 और 2016) में दर्ज है।
इसके साथ ही 2019 में 220 फुट ऊंचे पुतले को तो दुनिया में रावण के सबसे ऊंचे पुतले का विश्व कीर्तिमान भी प्राप्त हुआ है। करीब 35 लाख रुपये की लागत से बने इस पुतले का वजन 7 टन था ।अगर दशहरे पर आप भी बराड़ा में रावण दहन में शामिल होना चाहते हैं, तो आप रेल, बस या अपनी कार के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं।
