हर वर्ष 25 दिसम्बर को क्रिसमस सम्पूर्ण विश्व में धूमधाम से मानाया जाता है । अधिकांश देशो में इस दिन छुट्टी होती है। ईसाई और गैर ईसाई समुदाय मिल के यीशू के यीश के जन्म के महोत्सव को मनाते है। सान्ता क्लाॅज इस दिन विशेष पूछे जाते है। सन् 1863 में लाल सूट पहने , पाइप पीते हुए रेनडीयर और स्लेज पर चलने वाले सान्ता पाप्यूलर हुए। क्रिसमस ट्री ,प्लम केक ,स्टार इस दिन विषेष रूप से सजाये जाते है।
आइए देखें विभिन्न देषों में क्रिसमस कैसे मनाया जाता है।

भारत में क्रिसमस फीवर एक सप्ताह पहले देखा जा सकता है। ईसाई  और गैर ईसाई समुदाय मिल के क्रिसमस मनाते है। हमारे यहाँ केले या आम के पेड को सजाया जाता है। दक्षिण भारत में दीयों को जलाने की भी पंरपरा है। इस दिन पूजा,प्रार्थना सभाएं होती है और दान दक्षिणा दी जाती । मित्रों सगे,संबंधियों ,रिश्तेदारों के यहां मिलने जाने और उपहार आदान-प्रदान करने की भी रीती है।

पाकिस्तानः– पाकिस्तान में 25 दिसम्बर को छुट्टी होती है और मोहम्मद जिन्ना के जन्म दिवस के रूप में भी इसे मनाया जाता है । थीम पार्को ,होटलों ,रेस्टोरेन्टस में क्रिसमस जोर शोर से मनाया जाता ।  

जापान में यद्यपि क्रिसमस पर अवकाश नही होता पर यहां कि क्रिसमस सेलीबे्रशन पाप्यूलर हैं । जापानी क्रिसमस केक प्रसिद्ध है और जापानी अपने घरों को लाइटों से इस दिन सजाते है।

लातिन अमेरिका में क्रिसमस का मतलब खूब आतिशबाजी है। छोटे -बडे सभी मोमबत्तियां जलाते है और नाच गा कर वो क्रिसमस मनाते है।

ब्राजिल यहां कि खासियत है क्रिसमस के अवसर पर  घर के डेकोरेशन का कम्पीटीशन जिसमें निर्णायक घर -घर घूम के बेस्ट डेकोरेशन हाउस को चुनते है और उसे पुरस्कृत करते है।  

सिंगापुरः– सिंगापुर में क्रिसमस पब्लिक हालीडे माना जाता है। शापिंग माल्स में इस दिन के लिए खास तौर से डेकोरेशन किए जाते है। आर्चड रोड,मेंरीना बे की लाइट डेकोरेशन प्रसिद्ध है।

कोलम्बिया में सात दिसंबर से क्रिसमस के आयोजन शुरू होते है और क्रिसमस ईव पर कई प्रतियोगितओं का जैसे डिस्प्ले आॅफ लाईट्स ,क्रिसमस कैरोल का पटाक्षेप होता है रिश्तेदार एवं परिवार वाले मिल कर प्रार्थना करते है बच्चे ,बूढे,जवान सब खाना पीने, आतिषबाजी और संगीत का आनन्द लेते है। 25 दिसम्बर को डे आॅफ इनोसेन्टस मनाया जाता है और 6 जनवरी को डे आॅफ  रिवीलीशन आॅफ मैगी मनाया जाता है।

फिलीपिन्स:- क्रिसमस यहां का सबसे बडा त्यौहार है। यहां पे विश्व का सबसे लम्बा क्रिसमस सीजन चलता है। दिसम्बर 16 से यहां पर धार्मिक उत्सव प्रारम्भ होते है और अक्सर जनवरी के प्रथम रविवार तक चलते है। राजधानी मनीला में सालाना मैट्रो मनीला फिल्म फेस्टीवल शुरू होता है। फ्लोट परेड़,मिडनाइट डिनर के साथ वर्षान्त तक कार्यक्रम और तेज हो जाता है।   स्कूल कालेजों विभिन्न कम्यूनिटिज के द्वारा स्पेशल इवेन्ट आर्गनाइज किए जाते है। डान्स परफौरमेन्स ,ड्रामा इत्यादि जोर-शोर से होते है। कई चैरिटी के काम भी पूरे हफ्ते के दौरान होते है।

अफ्रिका में क्रिसमसः– क्रिसमस की सुबह शुरू होती है कैरोल गाते हुए लोगों से जो यीशू की महिमा का गुनगान सारे जग के करते है।घाना में कोका की कटाई के वक्त क्रिसमस आता है तो यह समय अमीर-गरीब सभी के लिए अच्छा कमाई कर वक्त होता है। लोग पैसा कमा के आनन्द मनाते है और दान भी देते है। चर्च में वर्कशिप सर्विस होती है। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति कुछ न कुछ उपहार दान मेे देता है और अपने रिश्तेदारों,मित्रों ,सगे संबंधियों के खाने पे बुलाता है।

आस्टेªलिया:– 25 दिसम्बर आस्टेªलिया में गर्म मौसम होता है। क्रिसमस प्लम पुडिंग यहाँ पे डेजर्ट के तौर पर बनाई जाती है और उसमें से किसी एक में सोने की नगेट छिपा दी जाती है। जिस किसी के नसीब मे यह आती है उसे किस्मत वाला समझा जाता है।   मेलबोर्न शहर में मोमबत्तियों की रौशनी में समूचे शहरवासी क्रिसमस कैरोल गाते है। सारा शहर मानो मोमबत्तियों सेे उस वक्त रौशन हो जाता है।

स्विजरलैण्डः- चांदी की छोटी घंटी की आवाज से एक सफेद कपडे पहने देवदूत जिसका चेहरा ढका हुआ होता है का आगमन होता है। पेडो में रखी मोमबत्तियां उसके आते ही जला दी जाती है और वो अपनी टोकरी मे से उपहार निकाल के हर व्यक्ति को देती है। क्रिसमस के दिन मिडनाइट माॅस होता है और 6 दिसम्बर को फीस्ट आॅफ निकोलस मनायी जाती है जिसमें लोग जलती हुई लालटेन अपने सिर पर लेकर चलते है । तीन राजाओं के रूप में स्टार सिग्रंस शहर की गलियों में क्रिसमस के गाने गाते हुए है। डयूरिच शहर में फेयरीटेल ट्राम चलाई जाती है जिसमें बच्चे फ्री राइड करते है और उन्हें मिठाईयां बांटी जाती है।

स्पेन में क्रिसमस की रात ‘जोटा’नाम का नृत्य किया जाता है जो सदियों से चला आ रहा एक पारंपरिक नृत्य है। गिटार और कास्टानेट्स की धुन पे यह नृत्य अत्यधिक मनोहरी बन पडता है। थके  ऊँटो के लिए जो रात भर चलते है  जूतों में फूस या जौ भरा जाता है। पर सुबह होने तक उनमें उपहार होते है। स्पेन में गाय के क्रिसमस के अवसर पर विशेष तौर से पूजा जाता है।

इग्लैण्ड:- बच्चे क्रिसमस की पहले की रात अपनी स्टाकिंग या पिल्लोकवर खाली छोड देते है और क्रिसमस वाले दिन उनमें मनपसंद गिफ्ट्स पाते है।  क्रिसमस के अगले दिन को यहां बाक्सिंग दिवस कहा जाता है। बच्चे मिट्टी की गुल्लक में जो इतने दिन पैसे इकठ्ठे कर रहे थे उन्हें इस दिन वे तोडते है। यहा की पेन्टोमाइन्स प्रसिद्ध है।

अलास्का में डंडे पे लालटेन रख के घर-घर ले जाई जाती है और ये ग्रुप भजन गाते हुए चलते हैं । इनका आना शुभ माना जाता है और लोग इन्हें भोजन के लिए निमंत्रित करते हैं ।

वांशिगटन डी सी में प्रैसिडेन्ट बटन दबा के बडे से क्रिसमस ट्री की लाईटें आन करके क्रिसमस का आगाज करते है।
न्यू आरलीन्स् में बैल को रंगीन रिबनो से सुसज्जित कर सम्पूर्ण ष्षहर में घुमाया जाता है ।
हवाई में क्रिसमस क्रिसमस ट्री शिप के आने पर प्रारम्भ होता है जिस में ढेर सारे उपहार होते है। यहां सान्ता क्लास भी नाव से आते है।
कैलीफोर्निया में सान्ता सर्फ बोर्ड पर पधारते है।
रशिया:- ‘‘बाबूश्का” रशिया में बच्चों को क्रिसमस के वक्त उपहार बांटता है और फर्ष पर घास फूस बिछा के घोडो को खिलाया जाता है। लोग चर्च में इकठ्ठे होके क्रिसमस मनाते है।
देश कोई सा भी हो ,परंपराए कैसी भी हा,े क्रिसमस का उद्ेष्य समूची मानवता मे भाईचारे और प्रेम का प्रचार प्रसार करना है।
25 दिसम्बर अक्सर सम्पूर्ण परिवार के मिलने ,छुट्टियां मनाने दान देने का बहाना बन जाता है।