सभी क‍ी यह‍ी चाहत होती है कि वे भी बाजारों के अनुरूप सजे सामानों से अपने घर का हर त्योहार मना सकें। लेकिन यह हर मध्यमवर्गीय परिवार के लिए मुमकिन नहीं होता है। आदमी चाहता तो बहुत कुछ है लेकिन कर कुछ नहीं पाता क्योंकि दिनोंदिन बढ़ती महंगाई से लोगों का जीना दूभर हो गया है। और ऐसे में जब सर पर त्योहार आ जाते है तो ऐसा लगता है जैसे आपके सिर पर तलवार लटक रही हो। इसके लिए जरूरी होता है कि आप त्योहारों के लिए अपना बजट बना लें।

बीते दिनों एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचौम) द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण के मुताबिक कारोबारी सुस्ती, आय पर दबाव, निरंतर बढ़ती महंगाई और अब रुपये के अवमूल्यन के कारण कंपनियां या तो बोनस में कटौती कर सकती हैं या बोनस देने से ही इंकार कर सकती हैं। जाहिर है ऐसे में इस सुस्ती का असर त्योहारों पर पड़ सकता है। त्योहार है तो सबके लिए, तो नए कपड़े लाने ही पड़ेंगे। नाते-रिश्तेदारों को उपहार भी तो देना होगा। ऑफिस में भी कुछ लोगों को उपहार देना होगा। त्योहार के इतने खर्चे उठाएं तो कैसे? बच्चे तो मानेंगे नहीं, लिहाजा आपको बजट तो बनाना ही पड़ेगा।

इसके लिए जरूरी है कि हम त्योहार के लिए पहले से ही प्लानिंग कर लें। कई कंपनियां अभी से ही इसके लिए कमर कस चुकी हैं। खर्च को मन पर बोझ की तरह लेने की जरूरत नहीं है। अभी से बजट बना लें कि आप घर में काम करने वाली को और दूसरे लोगों को जैसे डाकिया, कचड़ा उठाने वाले, माली आदि को क्या देंगी? आप उन्हें अपने सामथ्र्यानुसार कोई काम की चीज और घर में बनी मिठाइयां दे सकती हैं। आप उनके बच्चों के लिए स्कूल की कापी-किताबें, बैग आदि ला सकती हैं। उसी तरह अपने दोस्तों के लिए उपहार लाते समय भी उसके महंगे होने का ध्यान ना रख, उसकी उपयोगिता पर ध्यान दें। अपने बजट से समझौता कतई मत कीजिए। एक-दूसरे को गिफ्ट देने का प्रचलन सबसे अधिक दीवाली में होता है, अगर आपने दीवाली के नाम पर कुछ पैसे बचाए हैं, तो कोशिश करें कि काम उन्हीं पैसों में चल जाए। दूसरों की देखादेखी बिलकुल ना करें। यह जरूरी नहीं कि दीवाली में आपके घर की सभी चीजें नई हों। आप पुरानी चीजों को नए सिरे से संवार लें। यह भी जरूरी नहीं कि सबके लिए नए या महंगे कपड़े आएं।

तनाव होने पर आपका त्योहार बर्बाद हो जाता है इसलिए प्रयास करें कि स् ट्रेस न लें। इसके लिए आपको पहले से सही तरीके से प्लानिंग करनी होगी और उसी हिसाब से काम करना होगा ताकि आप बजट, टाइम और स् त्रोतों को अच् छी तरह मैनेज कर पाएं। अगर आपके घर में छोटे बच् चे है और उन्हें इस त् योहार पर कोई नया खिलौना चाहिए तो पहले ही खरीद कर रख लें, वरना आखिरी समय में आप जल् दबाजी में खिलौने खरीदते हैं, जो मंहगे मिलते हैं और बच् चों की पसंद के मुताबिक भी नहीं होते हैं।

इस फेस्टिवल के दौरान आपको क्या-क्या करना है, किसे बुलाना है, किसे क् या गिफ्ट देना है आदि की लिस् ट बना लें। इस तरह छुट्टियों में आप किसी काम को अधूरा नहीं रहने देंगे और पूरे मजे के साथ इसका आनंद उठाएंगे। इन सभी काम को 

पहले ही पूरा कर लें और फिर मजे से फ्री होकर त्योहार का आनंद उठाएं। यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि आप बड़े-बड़े मॉल्स में जाकर त्योहारों की खरीदारी करें। मॉल्स में कई बार ज्यादा पैसे देकर भी मनमाफिक चीज नहीं मिलती। इसलिए हो सके तो आप जिस दुकान में सेल लगी है, उसमें जाकर खरीदारी करें। आपके पैसे भी बचेंगे और सस्ते में अच्छी चीज जा जाएगी। बाजार में वैसे भी त्योहारों पर मिलावटी मिठाइयां मिलती हैं। स्वास्थ्य ठीक रहे और ज्यादा पैसा भी खर्च न हो, इसके लिए यह जरूरी है कि आप घर पर ही शुद्ध तरीके से मिठाइयां बनाएं।

घर को सजाने के लिए बाजार से तरह-तरह के सजावटी सामान लाते हैं। आप चाहें तो घर पर ही सजावट के सामान बनाएं। आप चाहें तो इस काम में इंटरनेट की मदद लें, आपको कई आइडिया मिल जाएंगे। इससे घर भी सुंदर लगेगा और आपके पैसे भी बचेंगे। शॉपिंग करने के लिए आप पहले से ही प्लानिंग कर लें। बिना प्लानिंग शॉपिंग करने से कई बार फालतू चीजें भी हम खरीद के लाते हैं, जिनका बाद में कोई उपयोग नहीं होता है। प्लानिंग के साथ शॉपिंग करने से पैसे के साथ समय की भी बचत होगी।

इस फेस्टिवल पार्टी का आयोजन करें और उसमें ऐसे लोगों को आंमत्रित करें जिनके साथ आपको अच् छा लगता हो और आप उनके साथ बेहद कंफर्टेबल हों। इस तरह आपका अपने सभी चहेतों से मिलना हो जाएगा और उत् सव का मजा भी आएगा। आपके खास और पसंदीदा लोगों के आने से आपको टेंशन भी नहीं होगी। घर पर अच् छा सा डिनर बनाएं। आप अपने गेस् ट के लिए भी कोई नई डिश तैयार कर सकते हैं या करवा सकते है। इससे नयापन आएगा और आपको अच् छा लगेगा। 25 डिश बनाने से अच्छा होगा कि वह सिर्फ 5 डिश बनाएं, पर खाना स्वादिष्ट हो। ज्यादा डिश का मतलब ज्यादा मेहनत, ज्यादा पैसा, ज्यादा समय के साथ बहुत सारी प्लानिंग। और यह सब भी एक जरा-सी गलती से बेकार साबित हो सकता है। जैसे मेहमानों को आपकी बनाई एक भी डिश का स्वाद अच्छा न लगे। या खाना इतना हो कि मेहमान कन्फ्यूज हो जाएं कि क्या खाएं और क्या नहीं। इसके अलावा ऐसी डिशेज होने का भी कोई फायदा नहीं है जिन्हें मेहमानों ने कई बार खाया होगा। डिशेज ऐसी होनी चाहिए, जिनका स्वाद मेहमान भूल न पाएं।

 

आप जो खरीद रहे हैं उसके बारे में जानें
अपनी खरीदारी की योजना बनाएं। जो भी चीज सामने आए उसे खरीदते रहेंगे तो आप ज्यादा खर्च करेंगे। एक सप्ताह के भोजन की योजना बनाएं कि क्या खरीदने की जरूरत है। सूची में शामिल वस्तुएं ही खरीदें।

सही मुकाम पर जाएं
स्टोर पर आप अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए भी लंबी दूरी तय करते हैं। तब आप ऐसी चीज भी खरीद लेते हैं जिसकी आपको जरूरत नहीं होती। जरूरत का सामान स्टोर के कोने में पड़ा रहता है। जब खरीदारी करने जाएं तो अपनी जरूरत के हिसाब से सही जगह जाएं।

बच्चों को घर छोड़ें
जब भी खरीदारी करने निकलें, बच्चों को घर छोड़ दें। बच्चे साथ रहते हैं तब आप अनावश्यक चीजें तो खरीदते ही हैं, आपसे खर्च भी ज्यादा होता है।

थोक में खरीदें
थोक में खरीदने से काफी पैसे बचते हैं। फैमिली साइज पैक खरीदना अच्छा है। बड़ी मात्रा में खरीदारी का नुकसान भी है। अगर आप कोई खास चीज ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते तो वह बेकार जाएगी।

रिवार्ड कार्ड का इस्तेमाल करें
अगर आप बार-बार किसी एक स्टोर पर जाते हैं तो वहां के रिवार्ड कार्ड का इस्तेमाल करें। बिना कार्ड के आपका बिल ज्यादा हो सकता है। कई बार कार्ड पर दूसरी सुविधाएं भी मिल जाती हैं।

स्थानीय उत्पाद खरीदिए
आप स्टोर में जाकर अमेरिकी अंगूर मत खरीदिए। जैसे स्थानीय फल-सब्जियां काफी कम दाम पर बाजार में मिल जाएंगे।

अनब्रांडेंड सामान लें
ब्रांडेड और अनब्रांडेड सामान की कीमतों में भारी अंतर होता है। ड्राई फ्रूट जैसी वस्तुओं की कीमतों में भी ब्रांड से अंतर आता है। कई बार तो ब्रांडेड कार्न फ्लैक्स, बिना ब्रांड के ड्राई फ्रूट से भी महंगा होता है।

शॉपिंग पर लगाम
अक्सर हम देखते हैं कि जैसे ही हमारी सैलेरी हाथ में आती है हमारे सपनों को पर लग जाते हैं। हम अपने को अमीर महसूस करने लगते हैं और हमारा यही भ्रम हमें महीने के आखिर में कंगाल बना देता है। महीने के आखिर में उधार मांग कर काम चलाने से बेहतर है कि आप बजट बनाएं और अनावश्यक खरीदारी करने से बचें।

क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से बचें
खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड जरूरी तो है लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल आपकी अगले महीने की सैलरी पर अचानक बड़ा बोझ डाल देता है। इसलिए जितना हो सके हमें क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे आप अनावश्यक खरीदारी कर लेते हैं और बाद में ज्यादा ब्याज का बोझ उठाते हैं। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अधिक से अधिक बचत करने के लिये जरूरी है कि आप क्रेडिट प्वॉइंट्स पर नजर रखें और जरूरत पर ही इनका उपयोग करें।

 

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