Summary: झोपड़ी से डॉक्टर बनने का सपना: बालोतरा के श्रवण कुमार ने NEET पास कर दिखाया कमाल
राजस्थान के बालोतरा निवासी श्रवण कुमार ने गरीबी और संघर्ष को मात देकर NEET-UG में सफलता हासिल की है।
Shravan Kumar Neet Result: मेहनत सबके काम आती है, यह बचपन में हम लोगों ने कई बार सुना है। आज यदि इसका साक्षात परिणाम देखना है, तो राजस्थान निवासी श्रवण कुमार को देखना चाहिए। राजस्थान के बालोतरा जिले के श्रवण कुमार के पिता जी बर्तन धोने का काम करते हैं लेकिन उनके बेटे श्रवण कुमार ने नीट-यूजी 2025 की प्रवेश परीक्षा पास कर ली है। श्रवण खुद फैक्ट्री में काम करते आए हैं।
श्रवण कुमार की मेहनत

श्रवण कुमार राजस्थान के बालोतरा जिले के निवासी हैं, जिन्होंने नीट परीक्षा पास करके इतिहास रच दिया है। वो इसलिए क्योंकि श्रवण जिस पृष्ठभूमि से आते हैं, उसमें नीट की परीक्षा पास अपने आपमें कमाल की बात है। उन्होंने जिस गरीबी और संघर्ष में इस परीक्षा को पास किया है, वो काबिले तारीफ है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि श्रवण के पिता रेखा राम सियाग कार्यक्रमों में बर्तन धोने का काम करते हैं और बाकी समय में खेतों में मजदूरी करते हैं। इनका परिवार आज भी मिट्टी से बनी झोपड़ी में रहता है। ऐसे हालात में श्रवण ने नीट-यूजी 2025 की परीक्षा पास की है, जो किसी शानदार कामयाबी का सशक्त उदाहरण है।
श्रवण कुमार के नंबर
श्रवण कुमार को ओबीसी कैटेगरी में 4071वीं रैंक मिला है। श्रवण को उम्मीद है कि इस नंबर की वजह से उन्हें किसी सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा और उनका डॉक्टर बनने का सपना पूरा हो सकेगा। श्रवण की इस पढ़ाई के पीछे उनकी दूसरी मेहनत शामिल है। उन्होंने अपने घर को चलाने में अपने पिता जी की मदद के लिए मजदूरी भी की। नीट-यूजी 2025 में श्रवण को 700 में से 556 अंक हासिल हुए हैं। श्रवण को पहली कोशिश में 519 नंबर मिले, दूसरी कोशिश में 620, लेकिन अफसोस वह कटऑफ नहीं पार कर पाए। इस बार तीसरी कोशिश में उन्हें सफलता मिली। श्रवण ने रोजिया नाडा माधासर सरकारी स्कूल से 97 प्रतिशत लेकर 10वीं और 87.8 प्रतिशत लेकर 12वीं बोर्ड पास किया है।
क्या कहा श्रवण के पिता ने?

जब श्रवण कुमार का नीट का रिजल्ट आया तो उनके पिता जी रेखाराम झोपड़ी की मरम्मत कर रहे थे। बेटे की सफलता की खबर सुनकर उनकी आंखें भर आई। भरे गले से उन्होंने बस यही कहा कि उन्हें अब शायद बर्तन नहीं धोने पड़ेंगे।
श्रवण कुमार ने कैसी की तैयारी?
राजस्थान की संस्था फिफ्टी विलेजर्स ने श्रवण की पढ़ाई का खर्च उठाया। संस्था की मदद से वह हॉस्टल में रहे और स्मार्टफोन के जरिए ऑनलाइन क्लास ली। नीट का रिजल्ट आते ही गांव वालों और संस्था के सदस्यों ने उनके घर मिठाई भिजवाई। इस संगठन के डॉ. भरत सारण ने कहा कि बेहद गरीबी के बावजूद श्रवण ने कड़ी मेहनत से नीट की परीक्षा पास की है। हम सबको उस पर गर्व है और संगठन उसे पूरी तरह से सपोर्ट करता है। श्रवण ने अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता, शिक्षकों और 50 विलेजर्स संगठन को धन्यवाद दिया है।
