Adulterants in Paneer: नीर भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है – चाहे वो पराठों में हो, सब्ज़ियों में या फिर स्नैक्स में। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो पनीर आप बाजार से ला रहे हैं, वो असली है भी या नहीं? आज के दौर में मिलावटखोरी इतनी आम हो गई है कि शुद्धता पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है। खासकर पनीर जैसे दूध से बने उत्पादों में नकलीपन सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। चलिए जानते हैं पनीर में मिलाए जाने वाले आम मिलावटखोर और उन्हें घर पर पहचानने के आसान तरीके।

पनीर में मिलाए जाने वाले सामान्य मिलावटी तत्व

बाजार में बिकने वाले कई पनीर उत्पादों में सस्ता और नुकसानदेह सामान मिलाया जाता है ताकि उत्पादन लागत घटे और मुनाफा बढ़े। इनमें सबसे आम मिलावट है:

स्टार्च

पनीर में स्टार्च मिलाना एक आम चलन है, क्योंकि यह उत्पाद को आकार और मजबूती देता है। हालांकि, यह एक प्रकार का धोखा है क्योंकि इससे पनीर का असली पोषण घट जाता है। स्टार्चयुक्त पनीर अधिक मात्रा में खाने पर पेट में गैस, कब्ज या अपच की शिकायत हो सकती है।

सिंथेटिक दूध

इस तरह की मिलावट सबसे ज़्यादा चिंताजनक है। जब सिंथेटिक दूध से बना पनीर हमारे शरीर में जाता है, तो यह पाचन तंत्र पर सीधा असर डालता है। सिरदर्द, पेट में मरोड़, उल्टी, थकावट और लिवर व किडनी की बीमारियाँ इसके संभावित परिणाम हैं।

फॉर्मेलिन जैसे केमिकल

कुछ विक्रेता पनीर को लंबे समय तक ताज़ा बनाए रखने के लिए उसमें फॉर्मेलिन जैसे रसायन मिला देते हैं। यह वही रसायन है जो मृत शरीर को संरक्षित करने में उपयोग होता है। ज़रा सोचिए, ऐसा कुछ हम अपने खाने में लें तो उसके परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं – कैंसर, एलर्जी और अंगों की क्षति तक।

दूध पाउडर

ताज़े दूध के स्थान पर दूध पाउडर का इस्तेमाल पनीर को सस्ता तो बनाता है, लेकिन यह उसकी गुणवत्ता को कम कर देता है। ऐसा पनीर पोषण से भरपूर नहीं होता और इसकी बनावट भी रबड़ जैसी हो सकती है।

यूरिया या कास्टिक सोडा

कई बार पनीर में यूरिया या कास्टिक सोडा मिलाया जाता है जो सिंथेटिक दूध में भी पाया जाता है। यह किडनी और लिवर के लिए बेहद हानिकारक होता है। लंबे समय तक ऐसे पनीर का सेवन शरीर को धीरे-धीरे ज़हर जैसा नुकसान पहुंचाता है।

घर पर मिलावट की पहचान के आसान और प्रभावी तरीके

अब सवाल यह उठता है कि आम उपभोक्ता कैसे पता लगाए कि पनीर असली है या नकली? नीचे दिए गए कुछ आसान टेस्ट्स आपको इस मिलावट से बचा सकते हैं:

हाथ से दबाने का परीक्षण : शुद्ध पनीर मसलने पर भी अपनी बनावट बनाए रखता है। लेकिन मिलावटी पनीर टूटता या चूर-चूर हो सकता है।

अरहर दाल पाउडर टेस्ट : पनीर को पानी में उबालें और फिर ठंडा करके उस पर तुअर दाल पाउडर छिड़कें। लाल रंग आने पर यह मिलावट का संकेत हो सकता है।

सोयाबीन पाउडर टेस्ट : उबले पनीर पर सोयाबीन पाउडर डालें। रंग में बदलाव मिलावट की ओर इशारा करता है।

स्वाद परीक्षण : अत्यधिक खट्टा या कृत्रिम स्वाद मिलावट का पहला संकेत हो सकता है। कठोर बनावट भी मिलावट की ओर संकेत देती है।

मेरा नाम वंदना है, पिछले छह वर्षों से हिंदी कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हूं। डिजिटल मीडिया में महिला स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन, बच्चों की परवरिश और सामाजिक मुद्दों पर लेखन का अनुभव है। वर्तमान में गृहलक्ष्मी टीम का हिस्सा हूं और नियमित...