somvati amavasya 2025
somvati amavasya 2025

Somvati Amavasya Upay: हर महीने कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है। अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में बेहद शुभ दिन माना जाता ,है क्योंकि इसका संबंध देवता, पितृ, स्नान-दान आदि से होता है। इस दिन कुछ उपाय करने से जीवन से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और ज्येष्ठ माह की अमावस्या सोमवार 26 मई 2025 को पड़ रही है।

अमावस्या जब सोमवार के दिन पड़ती है तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है, जिसका धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व कई दिनों बढ़ जाता है। ऐसे में 26 मई को सोमवती अमावस्या पर इस बार भगवान शिव के पूजा-उपाय भी किए जाएंगे। इससे सुख-सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान और पितरों का तर्पण करने का भी महत्व है।

सोमवती का धार्मिक महत्व

Somvati Amavasya Upay-Jyeshtha month Somvati Amavasya 2025
Jyeshtha month Somvati Amavasya 2025

अमावस्या जब सोमवार के दिन पड़ती है तो इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन स्नान-दान और व्रत के साथ ही पितरों को प्रसन्न करने के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध आदि किए जाते हैं। अमावस्या तिथि पर गायों की सेवा और पीपल वृक्ष की पूजा का महत्व भी है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सोमवती अमावस्या का दिन काफी दुर्लभ होता है। आप इस तिथि पर कुछ विशेष उपाय भी कर सकते हैं।

सोमवती अमावस्या पर करें शिव पूजन

Shiv Puja on Somvati Amavasya
Shiv Puja on Somvati Amavasya

सोमवती अमावस्या का दिन शिव पूजन से श्रेष्ठ होता है। इस दिन आप सुबह स्नानादि के बाद शुद्ध जल, घी, शहद, दूध या दही आदि से शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं। साथ ही भगवान शिव को खीर और सफेद मिठाइयों का भोग लगाना भी शुभ होता है। शिवभक्त सोमवती अमावस्या पर पूजा के बाद शिवजी के मंत्रों का जाप अवश्य करें, इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर आप पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे।

पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने या पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी किए गए उपाय काफी कारगर माने जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि पितरों को ही समर्पित होती है, इसलिए इस शुभ दिन पर आप पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान या दान-पुण्य जैसे काम कर सकते हैं। तर्पण के लिए सफेद फूल, कुश और काला तिल हाथ में लेकर पितरों का ध्यान करते हुए दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों का तर्पण करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या पर करें इन चीजों का दान

These Thing Donate on Somvati Amavasya
These Thing Donate on Somvati Amavasya

सोमवती अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन नदी स्नान का महत्व होता है, लेकिन नदी स्नान किसी कारण से संभव न हो तो आप पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद शिव पूजन और पितरों का तर्पण करें। फिर अपनी क्षमतानुसार गरीबों में दान-पुण्य करें। आप गरीबों को भोजन भी करा सकते है। सोमवती अमावस्या पर सफेद रंग की चीजों जैसे सफेद मिठाई, खीर, दही, मिश्री, चावल, सफेद वस्त्र आदि का दान भी कर सकते हैं। इन चीजों के दान से पितृ और महादेव प्रसन्न होते हैं और साथ ही कुंडली में चंद्र ग्रह भी शुभ फल प्रदान करते हैं।

मेरा नाम पलक सिंह है। मैं एक महिला पत्रकार हूं। मैं पिछले पांच सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैं लाइव इंडिया और सिर्फ न्यूज जैसे संस्थानों में लेखन का काम कर चुकी हूं और वर्तमान में गृहलक्ष्मी से जुड़ी हुई हूं। मुझे...