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Shani Jayanti 2022: शनि महाराज न्याय के देवता माने जाते है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव अपने भक्तों के अच्छे और बुरे कर्मों का पूरा लेखा जोखा रखते हैं और उन्हें कर्मों के मुताबिक फल प्रदान करते हैं। शास्त्रों के हिसाब से शनिदेव न्यायधीश की भूमिका का निर्वहन करते हैं। अगर आपकी राशि में ये ग्रह बैठा है, तो ये आपको अच्छाई के बदले अच्छा और बुराई के बदले बुरा परिणाम देने वाला है। ऐसे में उनके भक्त उनकी कृपा पाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। अगर कोई जातक शनिदेव को मनाने का प्रयास कर रहा है और वो उनका प्रकोप झेल रहा है तो उन्हें शनि जयंती पर कुछ खास उपायों से मनाया जा सकता है। जी हां गुस्से में आए शनिदेव को मनाया जा सकता है। शनि जंयती उन खास तिथियों में से एक है, जब आप अपनी सेवा और भक्ति से शनिवेद की असीम कृपा हासिल कर सकते हैं। ज्येष्ठ कृष्ठ अमावस्या को शनिदेव का जन्म हुआ था। 30 मई को मनाई जाने शनि जयंती के विशेष दिन पर किए जाने वाले विशेष उपाय शनि की साढ़ेसाती और शनि ढ़ैया वाली राशियों के लिए बहुत ही खास माने जाते हैं। आइए जानते हैं, शनि जयंती के दिन किए जाने वाले कुछ खास उपायों के बारे में…

  1. हर शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करनी चाहिए। खाना बनाते समय सबसे पहली रोटी गाय को खिलाने के लिए निकालें। गाय के माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं, सींग में मौली बांधे और फिर मोतीचूर के लड्डू खिलाकर उसके चरण स्पर्श करें। इससे आपको शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
  2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के वृक्ष को सबसे फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए, जो आपके दुखों का नाश करता है। 
  3. शनि जंयती के दिन खासतौर से तेल मालिश न करें और तेल को दान अवश्य करें।
  4. इस मौके पर शनि मंदिर में लोहे की कोई ऐसी वस्तु दान करें, जो किसी कार्य में मददगार साबित हो।
  5. शनि जयंती के अवसर पर भगवान शिव का तिलक अभिषेक करना बेहद फलदायक होता है।
  6. शनि जयंती पर भगवान शिव को शक्कर का भोग लगाएं।
  7. इस दिन दशरथकृत शनि स्त्रोत का जाप ग्यारह बार अवश्य करें, जो आपको हर बाधा और चिंता से मुक्त करने में सफल होगा।
  8. इस दिन निर्धन को भोजन कराएं और किसी सफाई कर्मी को दान अवश्य दें।
  9. शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए इस दिन बंदरों को भुने हुए काले चने खिलाएं।
  10. इस खास दिन भगवान शिव और हनुमान जी की एक साथ पूजा करें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न हो जाएंगे और ऐसा करने से शनि के प्रकोप से भी राहत मिलेगी।
  11. शनि जयंती के मौके पर भक्तजनों की ओर से किया जाने वाला शनि चालीसा का पाठ बेहद फलकारक और शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से शनिदेव शनि चालीसा के पाठ से प्रसन्न होते हैं। 
  12. इस पावन मौके पर दान पुण्य का भी खास महत्व समझा जाता है। इस दिन जो जातक गरीबों और जरूरतमंदों को विभिन्न वस्तुओं और खाद्य सामग्री का दान करते हैं, उन्हें दान में कई गुना फल की प्राप्ति होती है। 

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