Overview: शनि देव कोक्यों कहा जाता हैन्याय का देवता
जानिए क्यों शनि देव की तस्वीर घर में नहीं रखनी चाहिए और उनकी पूजा का सही तरीका क्या है। शनिवार के दिन व्रत, दान और मंदिर में पूजा करके आप शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इन नियमों का पालन करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
Shani Dev Astro : सनातन धर्म में शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना गया है। शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है क्योंकि वे हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को वे सुख, समृद्धि और यश देते हैं, जबकि बुरे कर्म करने वालों को दंड भी देते हैं।
अक्सर लोग घर में देवी-देवताओं की मूर्तियां या तस्वीर स्थापित करते हैं, लेकिन शनि देव के मामले में यह परंपरा अलग है। शास्त्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि घर में शनि देव की मूर्ति रखना वर्जित है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण हैं और शनि देव की सही पूजा किस प्रकार करनी चाहिए।
शनि देव कोक्यों कहा जाता हैन्याय का देवता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव अत्यंत न्यायप्रिय और कठोर स्वभाव के देवता हैं।
वे इंसान के अच्छे और बुरे कर्मों का सटीक लेखा-जोखा रखते हैं।
जो व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चलता है, उसे वे शुभ फल देते हैं।
जबकि पाप करने वालों और गलत रास्ते पर चलने वालों को सख्त दंड देते हैं।
इसी कारण उन्हें कर्मफल दाता भी कहा जाता है।
घर में शनि देव की मूर्ति रखने की मनाही
ज्योतिष और धर्मग्रंथों में बताया गया है कि शनि देव की मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए। इसके पीछे कई कारण हैं:
- शनि देव का श्राप
एक पौराणिक कथा के अनुसार, शनि देव को यह श्राप मिला था कि जब वे किसी व्यक्ति को सीधा देखेंगे, तो उस पर विपत्ति आ सकती है। इस वजह से उनके दर्शन हमेशा आंशिक रूप से या तिरछी नजर से किए जाते हैं। घर में उनकी मूर्ति रखने से उनके कठोर प्रभाव का असर सीधे परिवार के सदस्यों पर पड़ सकता है।
- शक्तिशाली ऊर्जा
शनि देव की ऊर्जा अत्यंत तीव्र और कठोर मानी जाती है। यह ऊर्जा घर में शांति और सकारात्मक वातावरण को प्रभावित कर सकती है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ है, तो इसका असर और भी नकारात्मक हो सकता है। इसीलिए शनि देव की पूजा हमेशा बाहरी मंदिर में जाकर करने की सलाह दी जाती है।
- मूर्ति की जगह तस्वीर भी नहीं रखें
कई लोग सोचते हैं कि मूर्ति की जगह तस्वीर रखना ठीक है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार घर में शनि देव की तस्वीर भी नहीं रखनी चाहिए। इसके बजाय हर शनिवार को मंदिर जाकर उनकी पूजा करना अधिक शुभ माना गया है।
शनि देव की पूजा का सही तरीका
अगर आपकी कुंडली में शनि की दशा, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है, तो शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए:
शनिवार का व्रत रखें
शनिवार को उपवास करने से जीवन की परेशानियां कम होती हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
मंदिर में जाकर पूजा करें
घर में पूजा करने की बजाय शनि देव के मंदिर में जाकर सरसों का तेल चढ़ाएं और शनि चालीसा का पाठ करें।
दान करें
इस दिन गरीबों को काला कपड़ा, काला तिल, लोहा, उड़द की दाल और सरसों का तेल दान करना शुभ माना जाता है।
सीधा दृष्टि संपर्क न करें
शनि देव के दर्शन करते समय सीधे उनकी आंखों में न देखें। हमेशा तिरछी नजर से या उनके चरणों के दर्शन करें।
शनिवार को इन चीजों की खरीदारी न करें
शास्त्रों में शनिवार के दिन कुछ चीजें न खरीदने की सलाह दी गई है, क्योंकि यह शनि देव के क्रोध का कारण बन सकता है।
लोहे की वस्तुएं: शनिवार को लोहा या लोहे से बनी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
सरसों का तेल: यह शनि देव को प्रिय है, लेकिन इस दिन इसे खरीदना अशुभ माना जाता है।
काले रंग के कपड़े: शनिवार को काले कपड़े खरीदने से बचें।
घर में शांति बनाए रखने के उपाय
अगर शनि ग्रह का प्रभाव घर में नकारात्मक है, तो कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं:
हर शनिवार पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं।
शनि मंदिर जाकर दीपक जलाएं और सरसों का तेल अर्पित करें।
कौओं को तिल, रोटी या उड़द की दाल खिलाएं।
जरूरतमंदों की मदद करें और अपने कर्मों को शुद्ध रखें।
