दुर्गा मां के भक्तों की आस्था कुछ ऐसी है कि वो दुर्गा मां से अपने दिल की बात कह देते हैं। उनको विश्वास होता है कि दुर्गा मां उनकी जरूर सुन लेंगी। वो सुनती भी हैं। दुर्गा मां अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती हैं। मगर मध्य प्रदेश के देवास में बना दुर्गा मां का एक मंदिर भक्तों में भय पैदा करता है। इस मंदिर को शापित माना जाता है और भक्त इसलिए यहां आने से घबराते हैं। मगर इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि देवी मां के लिए आस्था खत्म हो गई है। बल्कि देवी के लिए भक्तों की आस्था बरकरार है। वो बाहर से ही सही पर दर्शन जरूर करते हैं। इस मंदिर से जुड़ी कुछ जरूरी बातें ये रहीं-

मंदिर बनने के बाद दुख

माना जाता है कि देवास के राजा ने जब ये मंदिर बनवाया तो उन्होंने सोचा नहीं था कि ये मंदिर इतना अशुभ साबित होगा। परिवार में किसी न किसी की मृत्यु होने लगी इसमें राजा की अपनी बेटी भी शामिल थी। 

सेनापति और बेटी का प्यार

मंदिर बनने के बाद का ही समय था जब राजा की बेटी और सेनापति के बीच प्यार हो गया। मगर राजा को ये जोड़ी बेमेल लगी। ऐसे में उन्होंने इस रिश्ते का विरोध किया और बेटी को जेल में डाल दिया। मगर बेटी ये दुख और अपने प्रेमी से दूरी बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी कैद में ही मृत्यु हो गई। इसका गम सेनापति के साथ पूरे राजपरिवार को भी हुआ। 

सेनापति की आत्मह्त्या

राजकुमारी की मौत का दुख सेनापति को भी बहुत हुआ। उन्होंने अपना प्यार खो दिया था। ऐसे में उन्होंने आत्मह्त्या का निर्णय लिया और इसी दुर्गा मां के मंदिर में आत्मह्त्या कर ली। 

मंदिर हुआ अपवित्र

आत्मह्त्या के बारे में पंडित को पता चला तो वो राजा के पास गया और बताया कि सेनापति की आत्मह्त्या के बाद मंदिर अपवित्र हो चुका है। अब यहां पूजा करना शायद भक्तों के लिए फलदाई ना हो। 

उज्जैन गईं दुर्गा मां

इस घटना के बाद मंदिर के पंडित ने दुर्गा मां को यहां से ले जाने का आदेश दिया। इसलिए इसे उज्जैन के गणेश मंदिर में स्थापित किया गया। इसके साथ ही देवास वाले मंदिर को बंद कर दिया गया। 

बली और आत्मा

इस मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों को बली चढ़ानी ही होती है। साथ ही आस-पास के लोगों का मानना है कि मंदिर के अंदर आत्मा भटकती है, जिस वजह से भी भक्त मंदिर के अंदर जाने में घबरा जाते हैं। 

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